बंगाल की राजनीति के ग्लेमर कोशेंट में सुचित्रा सेन का करिश्मा भी
আশঙ্কাজনক সুচিত্রা সেন, মহানায়িকার সঙ্গে কথা হয়েছে, জানালেন মুখ্যমন্ত্রী
Suchitra Sen to remain in hospital
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
* | * | * | * | * | * |
दक्षिण भारत की तरह बंगाल की राजनीति में भी फिल्म स्टार और दूसरे आइकनों का असर बढ़ने लगा है। वामशासन के दौरान अनिल चटर्जी जैसे अभिनेता जरुर माकपा के विधायक बने,लेकिन वे जनसंगठनों की राजनीति से सीधे जुड़े हुए थे। हालांकि एशियाड में स्वर्ण पदक जीतने वाली ज्योतिर्मयी सिकदार को सासद बनाते हुए उनके जनसरोकारों की जांच परख माकपा ने नहीं की। इसीतरह तैराक बुला चौधरी को भी माकपा ने विधायक बना दिया। बंगाल में तमाम कलाकार और विभिन्न क्षेत्र के सेलिब्रिटी किसी न किसी रुप में वाम राजनीति से जुड़े रहे हैं,लेकिन वाम दलों ने ग्लेमर और आइकन को राजनीति में समाहित करने से परहेज किया। परिवर्तन राज में लोकप्रिय फिल्म स्टार तापस पाल और शताब्दी राय, मीडिया के कुणाल घोष, गायक कबीर सुमन जैसे लोग सांसदबन गये। चुनावों में लोकप्रिय फिल्मस्टार देवश्री राय और चिरंजीत भी विदायक बन गये। क्विज मास्टर डेरेक ओ ब्रायन के साथ हिंदी ,बांग्ला और उर्दू अखबारों के संपादकों को भी दीदी ने राज्य सभी में भेज दिया।इससे पहले रेल मंत्रित्व के जमाने में दीदी ने परिवर्तन पंथी तमाम बुद्धिजीवियों को रेलवे की विभिन्न कमिटियों में रखा। दीदी ने फिल्म उद्योग के सारे कलाकारों, तमाम गायकों और बुद्धिजीवियों को तृणमूल राजनीति से जोड़ दिया। इसके अलावा हावड़ा संसदीय उपचुनाव में मशहूर फुटबालर प्रसून बनर्जी को जितवाकर सबको चौंका दिया। बंगाल के ज्यादातर सेलिब्रेटी ौर आइकन अब तृणमूल खेमे में हैं।
महानायिका बतौर बंगाल में विख्यात और देशभर में हिंदी फिल्मों में अपनी यादगार भूमिकाओं के लिे पहचानी जानेवाली अभिनेत्री सुचित्रा सेन ने पैंतीस वर्ष से ज्यादा समय तक परिजनों और चिकित्सकों के अलावा किसी को दर्शन नहीं दिया।यह अपने आप में कितना मुश्किल है इसे सुचित्रा ही बता सकती हैं। लेकिन इस एकांतवास को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को तोड़ दिया। 35 साल के लंबे वक्त में ममता बनर्जी पहली कोई सार्वजनिक हस्ती होंगी जिनसे सुचित्रा ने मुलाकात की हामी भरी। सुचित्रा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि 1978 से महज मुठीभर लोगों ने उन्हें आमने-सामने देखा। गुजरे जमाने की इस महान अदाकारा की उनके एकांतवास को लेकर अक्सर हॉलिवुड की महान अभिनेत्री ग्रेटा गार्बो से तुलना होती रही है।
इसबार अस्वस्थ होकर वे जब निजी अस्पताल में दाखिल हुई तो उन्हें देखने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी वहां पहुंच गयीं।लेकिन वे सुचित्रा सेन की निजता का सम्मान करते हुए उनसे बिना मिले चली आयीं। इसपर सुचित्रा ने सेहत थोड़ी सुधरने पर मुख्यमंत्री से मिलने की इच्छा जतायी। यह कम बड़ी उपलब्धि नहीं है। अपनी निजता के अधिकार के लिए सुचित्रा सेन दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की पेशकश भी ठुकरा चुकी हैं। लेकिन बंगाल की मुख्यमंत्री के बारे में उनकी राय इतनी अच्छी है कि वे खुद उनसे मिलने को बेताब हो गयीं।
बंगाली और हिंदी फिल्मों की जानी-मानी अभिनेत्री सुचित्रा सेन की हालत बेहद गंभीर है। 82 साल की सुचित्रा कोलकाता के एक हॉस्पिटल में जिंदगी की आखिरी लड़ाई लड़ रही हैं।महानायिका की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है और चिकित्सक उनकी सांस की तकलीफ, सीने में जमा कफ और खाने में अरुचि से बेहद परेशान हैं।लगातार आईटीयू में रहने के बावजूद उनकी सेहत बार बार खराब हो रही है। ऐसे में जंगल महल के चुनौतीपूर्म दौरे से लौटकर दीदी फिर उनसे मिल आयीं। उनसे बातचीत भी की।
उन्होंने 1952 में बंगाली फिल्म 'शेष कोथाय' से अपना करियर शुरू किया और कई मशहूर फिल्में कीं। उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी काम किया पर उनकी असल पहचान बंगाली फिल्मों से ही बनी। बिमल रॉय की मशहूर फिल्म 'देवदास' में उन्होंने पारो का किरदार निभाया। इस फिल्म में दिलीप कुमार, मोतीलाल और वैजयंती माला जैसे मशहूर हिंदी फिल्म कलाकार भी थे। इसके अलावा वो 1966 की फिल्म 'बंबई का बाबू' में देव आनंद के साथ नजर आईं। 1975 में रिलीज हुई फिल्म 'आंधी' से सुचित्रा सेन को हिंदी फिल्म प्रेमी सबसे ज्यादा जानते हैं। गुलजार निर्देशित इस फिल्म में वह संजीव कुमार के साथ दिखीं।बेजोड़ अभिनय के अलावा खास बात तो यह है कि सुचित्रा सेन की निजी धरोहर उनका सौन्दर्य रहा है। ऐसा फोटोजनिक फेस कम देखने को मिलता है। कैमरे के किसी भी कोण से सुचित्रा को निहारा जाए तो उनकी सुंदरता बढ़ते चन्द्रमा की तरह और अधिक सुंदर होती जाएगी।
बीमार अभिनेत्री सुचित्रा सेन अब भी खतरे के बाहर नहीं हैं और वह अभी अस्पताल में आईसीयू में डाक्टरों की निगरानी में ही रहेंगी। उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि 82 साल की अभिनेत्री को ऑक्सिजन के लिए अब भी नियमित अंतराल पर जीवन रक्षक प्रणाली पर रखने की जरूरत है और उन्हें अभी खतरे से बाहर नहीं बताया जा सकता।
गौरतलब है कि बीते जमाने की मशहूर अभिनेत्री सुचित्रा की हालत कल रात से गंभीर बनी हुई है। वह कोलकाता के बैली व्यू क्लीनिक में भर्ती हैं। अस्पताल सूत्रों ने आज बताया कि इस पूर्व अभिनेत्री ने सांस संबंधी दिक्कतों के कारण आज खाना नहीं खाया और आईसीयू में हैं।उनका उपचार कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें लगातार ऑक्सीजन दी जा रही है और उनके दिल की धड़कन भी बहुत तेज है। उन्हें सांस लेने में दिक्कतों के कारण 23 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बेले व्यू क्लीनिक ने एक मेडिकल बुलेटिन जारी कर कहा कि उनकी स्थिति स्थिर बनी हुई है। ऑक्सिजन संतृप्ति में हो रहे उतार चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की जरूरत है। बुलेटिन में कहा गया है, उन्हें फिजियोथेरीपी मिली है।जो अब और तेज कर दी गयी है। उनके महत्वपूर्ण जैविक मापदंडों पर नजर रखी जा रही है और वह आईसीयू में बनी रहेंगी।
सुचित्रा की नातिन राइमा सेन ने इस यादगार मुलाकात की पुष्टि की कि ममता एकमात्र ऐसी सार्वजनिक हस्ती हैं जो उनकी नानी से मिल पाई हैं। सुचित्रा का सुपर स्पेशलियटी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। सांस नली में संक्रमण के बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। सुचित्रा के प्रिय मित्र गोपाल राय ने कहा, बिरले ही वह अपने परिवार से बाहर के किसी से मिलती हैं। उन्होंने कहा कि वह ममता बनर्जी से मुख्यमंत्री के प्रति सम्मान के नाते से मिलीं। राइमा ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि उनकी नानी मुख्यमंत्री से क्यों मिलीं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री बेले व्यू क्लीनिक गई थीं लेकिन वह अभिनेत्री से बिना मिलने चली गईं। इसी हॉस्पिटल में सुचित्रा का इलाज चल रहा है। दोनों के बीच करीब 25 मिनट तक यह मुलाकात चली। ममता ने फेसबुक पर इस भेंट की जानकारी दी।
ममता ने फेसबुक पर लिखा है कि इस महानायिका से मेरी 25 मिनट की मुलाकात हुई। इनकी बेटी मूनमून सेन और इलाज कर रहे डॉक्टर से भी मैंने मुलाकात की। ममता ने कहा कि मैं किस्मत वाली हूं कि सुचित्रा से मुलाकात का मौका मिला। मैं उनसे मिलकर बेहद खुश हूं। सुचित्रा, मधुमेह से भी पीड़ित हैं। इस वजह से उनकी सेहत ज्यादा बिगड़ी। डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है। सुचित्रा, पिछले तीन दशक से एक गुमनाम जिंदगी बिता रही हैं। वह कोलकाता स्थित अपने घर में ही ज्यादातर वक्त बिता रही थीं।
मुख्यमंत्री की इस पहल से न केवल सेन परिवार की तीन नायिकाएं मुनमुन सेन और उनकी बेटियां राइमा और रिया, न केवल फिल्म उद्योग बल्कि पूरा बंगाल अभिभूत है। क्योंकि आज भी सुचित्रा सेन बंगाल मे तीस साल पहले की तरह ही लोकप्रिय है। दीदी के साथ समकालीन तमाम स्टार.आइकन और सेलिब्रिटी हैं,लेकिन सुचित्रा सेन का कोई जवाब नहीं है। इस ग्लेमर कोशेंट काअ्सर भी होना तय है।
Veteran Bengali actress Suchitra Sen continues to be seriously ill. Subrata Maitra, who is attending to her along with a team of chest physicians and cardiologists at Belle Vue Clinic in Kolkata, told TOI on Wednesday, "Suchitraji is conscious but bedridden. She is on a continuous supply of oxygen supplemented by non-invasive ventilation. She had a high rate of heart beat earlier but that is now under control."
Sen, whose condition has been delicate since December 28, is still kept under observation in an Intensive Therapy Unit (ITU). Doctors have ruled out the possibility of discharging her any time soon.
READ: West bengal CM meets Suchitra Sen in the hospital
The 82-year-old actress was undergoing treatment for a chest infection at a nursing home since December 23 and was taken to the Critical Care Unit (CCU) after her condition worsened on the night of December 28.
The most popular actress in West Bengal till date and one of the finest of her time, whose brush with Bollywood led to classics like 'Devdas', 'Bombai Ka Babu', 'Mamta' and 'Aandhi', turned a recluse after she quit acting in 1978.
আশঙ্কাজনক সুচিত্রা সেন, মহানায়িকার সঙ্গে কথা হয়েছে, জানালেন মুখ্যমন্ত্রীমহানায়িকা সুচিত্রা সেনের শারীরিক অবস্থার অবনতি হল। হাসপাতাল সূত্রের খবর তাঁর অবস্থা আশঙ্কাজনক। মহানায়িকাকে দেখতে নার্সিংহোমে গিয়েছিলেন মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দোপাধ্যায়। প্রায় এক ঘণ্টা তিনি ছিলেন সেখানে।
গতকাল সন্ধ্যায় তাঁর শ্বাসকষ্ট শুরু হয়। তাঁকে নেবুলাইজেশন দেওয়া হয়। চালু করা হয় নন ইনভেসিভ ভেন্টিলেশন। রাতের দিকে কিছুটা ধাতস্থ হন সুচিত্রা সেন। মহানায়িকার শারীরিক অবস্থা নিয়ে উদ্বিগ্ন মেডিক্যাল বোর্ডের চিকিত্সকেরা। শ্বাসকষ্টের সমস্যা এখনও পুরোপুরি সারেনি। তাই মাঝে মধ্যেই নন ইনভেসিভ ভেন্টিলেশনের সাহায্যে তাঁকে অক্সিজেন দেওয়া হচ্ছে।
ফুসফুসে জমে থাকা কফ বের করার জন্য আজ থেকে চালু করা হয়েছে ইনটেনসিভ চেস্ট ফিজিওথেরাপি। অর্থাত্ ভাইব্রেটরের সাহায্যে ফুসফুসে জমে থাকা কফ বের করে আনার চেষ্টা করা হচ্ছে। নিউট্রিশনিস্টের পরামর্শ মতো সুচিত্রা সেনকে নরম খাবার দেওয়া হচ্ছে। তবে মুখে কিছুই প্রায় তুলছেন না তিনি। এ জন্য কাহিল হয়ে পড়ছেন মহানায়িকা। তাঁর ক্যালোরি যুক্ত খাবার প্রয়োজন। জানিয়েছেন তাঁর চিকিত্সকেরা। সুচিত্রা সেনের মেডিক্যাল বোর্ডে আজ থেকে ফুসফুস সংক্রান্ত বিশেষজ্ঞ দুই চিকিত্সককে আনা হয়েছে। রক্তে শর্করার মাত্রা এখনও নিয়ন্ত্রণে আসেনি। তাই ইনসুলিন দেওয়া হচ্ছে তাঁকে। সব মিলিয়ে মহানায়িকা এখনও সঙ্কটমুক্ত নন বলেই মনে করছেন চিকিত্সকেরা।
सुचित्रा सेन वाया दिलीप कुमार
मिर्ज़ा एबी बेग
बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए
रविवार, 5 जनवरी, 2014 को 14:51 IST तक के समाचार
अभिनेत्री सुचित्रा सेन इस समय बीमार हैं और उनकी हालत गंभीर है.
मैं फ़िल्म के उस दौर में बड़ा हुआ, जो फ़िल्मों का सबसे ख़राब दौर कहा जाता है, लेकिन मेरी पसंद मेरे दोस्तों के मुताबिक़ बहुत ही क्लासिकी रही है और मेरे सौंदर्यबोध के बहुत से मित्र क़ायल और घायल रहे हैं.
फ़िल्म देखने की मेरी कहानी भी बड़ी अजीब है क्योंकि मैंने सारी फ़िल्में दिलीप कुमार के हवाले से देखी और इन्हीं हवालों के ज़रिए मेरी मुलाक़ात हुई हिंदी सिनेमा के बड़े नामों से.
संबंधित समाचार
टॉपिक
अगर दिलीप कुमार की फ़िल्म 'शक्ति' न होती, तो शायद मैं अमिताभ बच्चन जैसे कलाकार से वाक़िफ़ न हो पाता. अगर 'मशाल' न आती तो शायद अनिल कपूर के अभिनय की सलाहियत न जान पाता.
जिस ज़माने में मेरी उम्र के बच्चे जितेंद्र और धर्मेंद्र के आख़िरी दौर की फ़िल्में देख रहे थे, मैं दिलीप कुमार, राज कपूर, देव आनंद की फ़िल्में तलाश रहा था.
और यही वह वक़्त था, जब मुझे दिलीप कुमार की फ़िल्म 'देवदास' देखने का मौक़ा मिला. फ़िल्म में जब मेरा परिचय पारो के किरदार से हुआ, तो बस सुचित्रा सेन को बिना पलक झपकाए देखता रहा.
लगा गोया वीनस या सुंदरता की देवी साक्षात परदे पर मौजूद हो. पनघट का वह सीन मेरी आंखों में अमर हो गया, जब पहली बार पारो मेरी आंखों के सामने आती है.
फ़िल्म देखने का सिलसिला जारी रहा. ज़ाहिर है कभी छिपकर, कभी भाई साहब से बताकर.
सुचित्रा सेन ने हिंदी में पहली फ़िल्म 'देवदास' दिलीप कुमार के साथ की थी.
फिर वहीदा रहमान को फ़िल्म 'दिल दिया दर्द लिया' में देखा जो सौंदर्य की दूसरी मूरत नज़र आईं. फ़िल्म 'तराना' में मधुबाला को देखा और फिर दिलीप कुमार के ही हवाले से मैंने दूसरी अदाकाराओं को जाना.
मगर, जो बला की कशिश, ताज़गी और जादू कर देने वाली अदाकारी का पैमाना सुचित्रा सेन ने खड़ा किया, वह हिंदी सिनेमा की किसी दूसरी अभिनेत्री में मुझे देखने को नहीं मिला.
क्लासिक फ़िल्में
सुचित्रा सेन ने हिंदी में नाममात्र की फ़िल्में कीं और सभी मैंने देखी हैं. वह बांग्ला फ़िल्मों की कलाकार रही हैं. मगर शायद अदाकारी किसी ज़ुबान की मोहताज नहीं होती.
हिंदी का लहजा न होने के बावजूद उन्हें जिन हिंदी फ़िल्मों में काम करने का मौक़ा मिला, उन्हें उन्होंने क्लासिक बना दिया है.
दिलीप कुमार के हवाले से मैं दूसरी बार फिर सुचित्रा अदाकारी का कायल बना. और यह फ़िल्म थी 'मुसाफ़िर'. लोगों को यह फ़िल्म बेशक पसंद न आई हो, मगर उसे 1957 की तीसरी बेहतरीन फ़िल्म का पुरस्कार मिला था.
मैं जो अब तक दिलीप कुमार के हवाले से फ़िल्म देखा करता था, उसने सुचित्रा सेन के हवाले से संजीव कुमार को देखा. यह किसी सितमज़रीफ़ी से कम नहीं. आप समझ ही गए होंगे कि फ़िल्म का नाम था 'आँधी'.
अपनी ख़ूबसूरती से सुचित्रा ने हिंदी सिनेमा में भी अलग पहचान बनाई.
इस फ़िल्म में उन्होंने जो अभिनय किया तो किसी को नहीं लगा कि वह इंदिरा गांधी नहीं हैं.
यह फ़िल्म हालांकि उनके अंतिम दौर की फ़िल्म थी, पर वह इसमें भी अपने रोल के साथ इंसाफ़ कर गईं थीं. उनका लहज़ा यहां ज़रा ज़्यादा खटकता है पर मेरे लिए वह लहज़ा भी क़ाबिले क़बूल है.
उनकी अन्य फ़िल्मों में 'चम्पा कली' और 'सरहद' भी शामिल है.
अमिट छाप
देव आंनद को मैंने दिलीप कुमार के साथ ही 'इंसानियत' में देखा था. जब हमारे शहर के सिनेमा हाल में देव आनंद की फ़िल्म 'बंबई का बाबू' लगी, तो मैं भला उसे कैसे छोड़ सकता था. इस फ़िल्म के गीत से तो पहले से ही वाकिफ़ था.
एक बार फिर सुचित्रा सेन को देखने का मौक़ा मिल रहा था और दिल देव आनंद हुआ जा रहा था यानी... दीवाना मस्ताना हुआ दिल मेरा.
फ़िल्म 'ममता' में धर्मेंद्र के साथ और फ़िल्म के यादगार गीत सुचित्रा सेन को हिंदी सिनेमा में अमर करने को काफ़ी हैं - रहें न रहें हम महका करेंगे, बन के कली बन के सबा, बाग़े-वफ़ा में.
हिंदी में सुचित्रा सेन ने सिर्फ़ सात फ़िल्में की हैं और शायद ही कोई फ़िल्म हो, जिसमें उनकी छाप मौजूद न हो - 'देवदास' से 'आंधी' तक उनका सफ़र हिंदी सिनेमा के लिए एक अनमोल धरोहर की तरह है.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए क्लिक करेंयहां क्लिक करें. आप हमें क्लिक करेंफ़ेसबुक और क्लिक करेंट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)
* Suchitra Sen still weak, cardiac condition stable
IBNLive-8 hours ago
Kolkata: Bengali veteran actress Suchitra Sen has become 'weak' due to poor food intake although her cardiac condition is stable, a medical ...
* Bengali actress Suchitra Sen slightly stable
NDTV-06-Jan-2014
Kolkata: The condition of iconic Bengali actress Suchitra Sen, who was put on non-invasive ventilator support after her condition deteriorated, ...
+
Show more
* Actress Suchitra Sen critical again
Jagran Post-7 hours ago
Sen, who has kept herself away from the public eye for the last three decades starred in memorable Hindi and Bengali films like 'Devdas', ...
* Suchitra Sen stable, requires constant observation
NDTV-07-Jan-2014
The condition of iconic Bengali actress Suchitra Sen, who was put on non-invasive ventilator support after her condition deteriorated, still ...
* Kolkata: Suchitra Sen's health improves
NDTV-08-Jan-2014
Kolkata: Ailing yesteryear legendary actress Suchitra Sen's health has improved slightly with the help of physiotherapy, non-invasive ventilation ...
* Suchitra Sen stable, cardiac condition satisfactory
IBNLive-08-Jan-2014
Kolkata: Bengali veteran actress Suchitra Sen is stable and sessions of chest physiotherapy, non-invasive ventilation and continuous oxygen ...
* Suchitra Sen not yet out of danger, to remain in ICU
Indian Express-07-Jan-2014
Ailing actress Suchitra Sen is still not out of danger and would remain under observation in the Intensive Care Unit of the hospital, doctors ...
* Why Suchitra Sen is called India's Greta Garbo
NDTV-06-Jan-2014
West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee has become the only public personality in the last 35 years to have met reclusive actress Suchitra ...
* the magic of uttam kumar and suchitra sen by maitreyee b chowdhury
Sahara Samay-08-Jan-2014
I had heard a lot in conversations among the elders about the mesmeric magic of Bengali duo of Uttam Kumar and Suchitra Sen on screen.
সুচিত্রা সেন
উইকিপিডিয়া, মুক্ত বিশ্বকোষ থেকে
সুচিত্রা সেন | |
* দেবদাস ছবিতে সুচিত্রা সেন (১৯৫৫) | |
জন্ম | রমা দাসগুপ্তা এপ্রিল ৬, ১৯৩১ (বয়স ৮২) |
জাতীয়তা | |
অন্য নাম | রমা |
বংশোদ্ভূত | |
কার্যকাল | ১৯৫৩-১৯৭৯ |
ধর্ম | |
দম্পতি | দিবানাথ সেন |
পুরস্কার | সাত পাকে বাঁধা, মস্কো আন্তর্জাতিক চলচ্চিত্র উৎসবে শ্রেষ্ঠ অভিনেত্রীর পুরস্কার |
স্বাক্ষর | * |
সুচিত্রা সেন (এপ্রিল ৬ ১৯২৯) অথবা এপ্রিল ৬, ১৯৩১[১] ভারত তথা পশ্চিমবঙ্গের অন্যতম বিখ্যাত অভিনেত্রী । বিশেষ করে উত্তম কুমারের সাথে অভিনয়ের কারনে তিনি সারা বাংলায় প্রচন্ড জনপ্রিয় হন। উত্তম-সুচিত্রা জুটি আজও বাংলা চলচ্চিত্রের শ্রেষ্ঠ জুটি হিসেবে পরিগনিত। বর্তমানে তিনি নিভৃত জীবনযাপন করেন। যখন তিনি অভিনয় ছেড়ে দিয়েছিলেন সে পর্যায়ে তিনি ধীরে ধীরে সেরা নায়িকার অবস্থান হারাচ্ছিলেন বলে কথিত আছে।
তিনিই প্রথম ভারতীয় অভিনেত্রী যিনি কোন আন্তর্জাতিক চলচ্চিত্র উৎসবে পুরস্কার পান (শ্রেষ্ঠ অভিনেত্রী পুরস্কার - সাত পাকে বাঁধা ১৯৬৩ ছবির জন্য, মস্কো চলচ্চিত্র উৎসব)।
পরিচ্ছেদসমূহ
চলচ্চিত্র জীবন[সম্পাদনা]
১৯৫২ সালে শেষ কোথায় ছবির মাধ্যমে তার চলচ্চিত্রে যাত্রা শুরু হয় কিন্তু ছবিটি মুক্তি পায়নি।
পরবর্তী বছরে উত্তম কুমারের বিপরীতে সাড়ে চুয়াত্তর ছবিতে তিনি অভিনয় করেন। ছবিটি বক্স-অফিসে সাফল্য লাভ করে এবং উত্তম-সুচিত্রা জুটি উপহারের কারনে আজও স্মরনীয় হয়ে আছে। বাংলা ছবির এই অবিসংবাদিত জুটি পরবর্তী ২০ বছরে ছিলেন আইকন স্বরূপ।
১৯৫৫ সালের দেবদাস ছবির জন্য তিনি শ্রেষ্ঠ অভিনেত্রীর পুরস্কার জিতেন, যা ছিল তার প্রথম হিন্দি ছবি। উত্তম কুমারের সাথে বাংলা ছবিতে রোমান্টিকতা সৃষ্টি করার জন্য তিনি বাংলা চলচ্চিত্রের সবচেয়ে বিখ্যাত অভিনেত্রী। ১৯৬০ ও ১৯৭০ দশকে তার অভিনীত ছবি মুক্তি পেয়েছে। স্বামী মারা যাওয়ার পরও তিনি অভিনয় চালিয়ে গেছেন, যেমন হিন্দি ছবি আন্ধি। এই চলচ্চিত্রে তিনি একজন নেত্রীর ভূমিকায় অভিনয় করেছেন। বলা হয় যে চরিত্রটির প্রেরণা এসেছে ইন্দিরা গান্ধী থেকে। এই ছবির জন্য তিনি ফিল্মফেয়ার শ্রেষ্ঠ অভিনেত্রী হিসেবে মনোনয়ন পেয়েছিলেন এবং তার স্বামী চরিত্রে অভিনয় করা সঞ্জীব কুমার শ্রেষ্ঠ অভিনেতার পুরস্কার জিতেছিলেন।
১৯৭৮ সালে সুদীর্ঘ ২৫ বছর অভিনয়ের পর তিনি চলচ্চিত্র থেকে অবসরগ্রহণ করেন। এর পর তিনি লোকচক্ষু থেকে আত্মগোপন করেন এবং রামকৃষ্ণ মিশনের সেবায় ব্রতী হন। [১] ২০০৫ সালে দাদাসাহেব ফালকে পুরস্কারের জন্য সুচিত্রা সেন মনোনীত হন, কিন্তু ভারতের প্রেসিডেন্টের কাছ থেকে সশরীরে পুরস্কার নিতে দিল্লী যাওয়ায় আপত্তি জানানোর কারনে তাকে পুরস্কার দেয়া হয় নি।
তার মেয়ে মুনমুন সেন এবং নাতনী রিয়া সেন ও রাইমা সেন ও চলচ্চিত্রে অভিনয় করেছেন।
উত্তম কুমারের সাথে অভিনয়[সম্পাদনা]
চলচ্চিত্রের তালিকা[সম্পাদনা]
সাড়ে চুয়াত্তর (১৯৫৩)
ওরা থাকে ওধারে (১৯৫৪)
অগ্নিপরীক্ষা (১৯৫৪)
শাপমোচন (১৯৫৫)
সবার উপরে (১৯৫৫)
সাগরিকা (১৯৫৬)
পথে হল দেরি (১৯৫৭)
হারানো সুর (১৯৫৭)
দীপ জ্বেলে যাই (১৯৫৯)
সপ্তপদী (১৯৬১)
বিপাশা (১৯৬২)
সাত-পাকে বাঁধা (১৯৬৩), এজন্য মস্কো আন্তর্জাতিক চলচ্চিত্র উৎসবে তিনি শ্রেষ্ঠ অভিনেত্রীর পুরস্কার পেয়েছেন
শিল্পী (১৯৬৫)
ইন্দ্রাণী (১৯৫৮)
রাজলক্ষী ও শ্রীকান্ত (১৯৫৮)
সূর্য তোরণ (১৯৫৮)
উত্তর ফাল্গুনি (১৯৬৩) (হিন্দিতে পুনঃনির্মিত হয়েছে মমতা নামে)
গৃহদাহ (১৯৬৭)
ফরিয়াদ
দেবী চৌধুরানী (১৯৭৪)
দত্তা (১৯৭৬)
প্রণয় পাশা
প্রিয় বান্ধবী
ট্রিবিউট টু সুচিত্রা সেন - bdnews24.com
৮ ঘন্টা আগে - বাংলাদেশ শিল্পকলা একাডেমির আয়োজনে সুচিত্রা সেন ও উত্তম কুমার অভিনীত ১০ চলচ্চিত্র নিয়ে আয়োজন করা হয়েছে 'ট্রিবিউট টু সুচিত্রা সেন' শীর্ষক ১০ দিনব্যাপী চলচ্চিত্র উৎসব।
'ট্রিবিউট টু সুচিত্রা সেন' চলচ্চিত্র উৎসব - Manobkantha
১২ ঘন্টা আগে - বিনোদন রিপোর্টবাংলাদেশ শিল্পকলা একাডেমির নাট্যকলা ও চলচ্চিত্র বিষয়ক বিভাগের উদ্যোগে আজ থেকে ১৭ জানুয়ারি প্রতিদিন সন্ধ্যা ৬টায় একাডেমির জাতীয় নাট্যশালার ইন্টারন্যাশনাল ডিজিটাল কালচারাল আর্কাইভ এ সুচিত্রা সেন ও উত্তম কুমার অভিনীত ১০টি চলচ্চিত্র নিয়ে আয়োজন করা হয়েছে 'ট্রিবিউট টু সুচিত্রা সেন' ...
অসুস্থ মহানায়িকা সুচিত্রা সেন - হোম
২৮ ডিসেম্বর, ২০১৩ - ফের অসুস্থ হয়ে মিন্টো পার্কের বেসরকারি হাসপাতালে ভর্তি সুচিত্রা সেন৷ চিকিত্সকরা জানাচ্ছেন, ফুসফুসে সংক্রমণ, শ্বাসকষ্টের জন্য এই কিংবদন্তী অভিনেত্রীকে মঙ্গলবার সকালে হাসপাতালে ভর্তি করা হয়৷ হয়েছে বুকের এক্স রে এবং সিটি স্ক্যান৷ চিকিত্সকরা জানিয়েছেন, ফুসফুসে সংক্রমণের পাশাপাশি সুচিত্রা সেনের রক্তে ...
সুচিত্রা-উত্তমের রহস্যগাথা - নতুন চোখে - Abasar
-
সুচিত্রা-উত্তমের রহস্যগাথা - নতুন চোখে. গত শতাব্দীর পঞ্চাশ আর ষাট দশককে বাঙলা রোম্যাণ্টিক সিনেমার স্বর্ণযুগে পৌঁছে দিয়েছিল একটি সুবিখ্যাত জুটি - সুচিত্রা সেন (রমা দাশগুপ্ত, জন্ম: ১৯৩১) এবং উত্তম কুমার (অরুণকুমার চট্টোপাধ্যায়, ১৯২৬ - ৮০)। এই দুর্ধর্ষ জুটির প্রাধান্য এবং জনপ্রিয়তার মূলে ছিলো দুজনের সুন্দর চেহারা, নাট্য-ক্ষমতা ...
বার্ধক্যের অন্তরালে সুচিত্রা সেন - Welcome to Life Style • Online ...
www.khola-janala.com/portal/k-xtra/lifestyle/.../taroka_mela_9.html
-
বাংলা চলচ্চিত্রের কিংবদন্তি নায়িকা সুচিত্রা সেন অন্তরালে থাকতে চেয়েছেন। আর তাই বেছে নিয়েছেন গৃহবন্দী জীবন। গত তিন দশকের বেশি সময় বালিগঞ্জ সার্কুলার রোডের বাড়িটিই (বর্তমানে সেটি বহুতল) তার একমাত্র চৌহদ্দি। কিন্তু বয়স বাড়ছে, বাড়ছে নিঃসঙ্গতা। মেয়ে মুনমুন বা নাতনি রিয়া-রাইমা সময় করে দেখা করেন ঠিকই, কিন্তু তাতে ...
শিল্পকলায় 'ট্রিবিউট টু সুচিত্রা সেন' - www.risingbd.com
২২ ঘন্টা আগে - বিনোদন প্রতিবেদক ঢাকা, ৯ জানুয়ারি : বাংলাদেশ শিল্পকলা একডেমীর নাট্যকলা ও চলচ্চিত্র বিষয়ক বিভাগের উদ্যোগে আজ তেকে শুরু হয়েছে সুচিত্র সেন অভিনীত চলচ্চিত্র নিয়ে ট্রিবিউট টু সুচিত্রা সেন। উৎসব চলবে ৮ জানুয়ারি থেকে ১৭ জানুয়ারি পর্যন্ত। প্রতিদিন সন্ধ্যা ৬টায় একাডেমীর জাতীয় নাট্যশালার ইন্টারন্যাশনাল ...
মমতা ব্যানার্জির সামনে আড়াল ভাঙলেন সুচিত্রা সেন | বিনোদন | কালের কণ্ঠ
৪ দিন আগে - দু'দিন আগে দেখা করতে গিয়েছিলেন মহানায়িকার সঙ্গে। কিন্তু সুচিত্রা সেনের অনুমতি না পাওয়ায় পশ্চিমবঙ্গের মুখ্যমন্ত্রী মমতা ব্যানার্জিকে ব্যর্থ-মনরথে ফিরতে হয়েছিল।সুচিত্রা.
সুচিত্রা সেনের দশটি ছবি নিয়ে ঢাকায় উৎসব | বিনোদন | Samakal Online ...
২ দিন আগে - বাংলা চলচ্চিত্রের মহানায়িকা সুচিত্রা সেন প্রায় পনের দিন ধরে হাসপাতালে চিকিৎসাধীন। কিংবদন্তি এই শিল্পীকে সম্মান জানাতে বাংলাদেশ শিল্পকলা একাডেমীর ইন্টারন্যাশনাল.
সুচিত্রা সেন এখন যেমন... | শোবিজ | বাংলাদেশ প্রতিদিন - হোম
৪ দিন আগে - সত্তরের দশকের শেষ ভাগে এসে অজানা কারণে সুচিত্রা সেন নিজেকে সবার চোখের আড়াল করেন। দীর্ঘ সময় কাক-পক্ষীও দেখতে পায়নি তাকে।
Suchitra Sen
From Wikipedia, the free encyclopedia
Suchitra Sen | |
* | |
Born | Rama Dasgupta April 6, 1931 (age 82) Pabna, Bengal Presidency,British India (now in Bangladesh) |
Nationality | |
Other names | Rama |
Ethnicity | |
Years active | 1953–1979 |
Religion | |
Spouse(s) | Dibanath Sen |
Awards | 1963-Best Actress for Sat pake bandha in Moscow film festival |
Signature | * |
Suchitra Sen (Bengali pronunciation: [ʃuːtʃiːraː ʃeːn] listen (help·info)) or Rama Dasgupta( listen (help·info)) (born 6 April 1931),[1][2] is an Indian actress[3] who acted in several Bengali films that mainly concentrated in the regions of Bengal and Bangladesh. In particular, the movies in which she paired opposite another legend in Bengali films, Uttam Kumar, became classics in the history of Bengali cinema. She now lives a life of a recluse rarely making any public appearances. When she left movies, she was slowly but steadily losing the position of leading lady of Bengali silver screen.
She is the first Bengali actress to be awarded in an international film festival (Best Actress award for Saat Paake Bandha in the 1963 Moscow film festival). She was awarded with Padma Shri in 1972 by Government of India.[4] Notably, she allegedly refused the Dadasaheb Phalke Award in 2005, preferring to live in seclusion out of the public eye.[5] In 2012, Sen was conferred West Bengal government`s highest awardBanga Bibhushan.[6]
Contents
[hide]
Personal life and education[edit]
Sen was born in Pabna in present day Pabna District of Bangladesh. Her father Karunamoy Dasgupta was the headmaster of the local school and her mother Indira Devi was a homemaker. She was their fifth child and third daughter. She had her formal education in Pabna.
She married Dibanath Sen, son of a wealthy Bengali industrialist, Adinath Sen in 1947[7]and had one daughter, Moon Moon Sen, who is an actress.
Sen made a successful entry after marriage into Bengali films 1952 and then a less successful transition to the Bollywood film industry. According to some unconfirmed but persistent reports in the Bengali press, her marriage was severely strained by her success in the film industry.
Career[edit]
Sen made her debut in films with Shesh Kothaay in 1952, but it was never released.[8] The following year saw her act opposite Uttam Kumar in Sharey Chuattor, a film by Nirmal Dey. It was a box-office hit and remembered for launching Uttam-Suchitra as a leading pair. They went on to become the icons for Bengali dramas for more than 20 years, becoming almost a genre to themselves.
She received a Best Actress Award for the film Devdas (1955), which was her first Hindi movie. Her patented Bengali melodramas and romances, especially with Uttam Kumar, made her the most famous Bengali actress ever. Her films ran through the 1960s and the 1970s. Her husband died, but she continued to act in films, such as the Hindi hit Aandhi (1974), where she played a politician. Aandhiwas inspired by India's Prime Minister Indira Gandhi. Sen received a Filmfare Award nomination as Best Actress, while Sanjeev Kumar, who essayed the role of her husband, won the Filmfare as Best Actor.A point to be noted, her husband,who himself was an industrialist, invested a lot in her success, but later a great deal of rift developed among them.
One of Suchitra's best known performances was in Deep Jwele Jaai (1959). She played Radha, a hospital nurse employed by a progressive psychiatrist, Pahadi Sanyal, who is expected to develop a personal relationship with male patients as part of their therapy. Sanyal diagnoses the hero, Basanta Choudhury, as having an unresolved Oedipal dilemma — the inevitable consequence for men denied a nurturing woman. He orders Radha to play the role though she is hesitant as in a similar case she had fallen in love with the patient. She finally agrees and bears up to Choudhury's violence, impersonates his mother, sings his poetic compositions and in the process falls in love again. In the end, even as she brings about his cure, she suffers a nervous breakdown. The film is full of beautiful, often partly lit, close ups of Sen which set the tone of the film and is aided by a mesmerizing performance by her. Asit Sen remade the film in Hindi as Khamoshi (1969) with Waheeda Rehman in the Suchitra Sen role.)
Suchitra's other landmark film with Asit Sen was Uttar Falguni (1963). Suchitra carries the film single-handedly in the dual role of a courtesan Pannabai and her daughter Suparna, a lawyer. In particular, she is brilliant as Pannabai, bringing much poise, grace and dignity in the role of a fallen woman determined to see her daughter grow up in a good, clean environment. Suchitra as Pannabai is able to connect directly with the viewer and make him or her feel deeply for all that she goes through the course of the film thus giving her death at the end a solid, emotional wallop. Her international success came in the year of 1963, when she won the best actress award in Moscow Film Festival for the movie Saat Paake Bandha. In fact, she is the first female to receive an international film award.
She refused Satyajit Ray's offer due to date problem; as a result Ray never made the film Devi Chaudhurani. She also refused Raj Kapoor's offer for a film under the RK banner. She retired from the screen in 1978 after a career of over 25 years to a life of quiet seclusion. She has avoided the public gaze after her retirement and has devoted her time to the Ramakrishna Mission.[1] Suchitra Sen was a contender for the Dadasaheb Phalke Award for the year 2005, provided she was ready to accept it in person. Her refusal to go toNew Delhi and personally receive the award from the President of India deprived her of that award.
Selected filmography[edit]
Year | Title | Role | Language | Notes |
1952 | Shesh Kothay | Unreleased | ||
1953 | ||||
1953 | Bishnupriya | Bengali | ||
1953 | Romola | Bengali | ||
1953 | ||||
1954 | Sheela | Bengali | ||
1954 | Bengali | |||
1954 | ||||
1954 | Bengali | |||
1954 | Atom Bomb | |||
1954 | Dhuli | Minati | ||
1954 | Maraner Parey | Tanima | Bengali | |
1954 | Balaygras | Manimala | ||
1954 | Annapurnar Mandir | Bengali | ||
1955 | Parvati (Paro) | First Hindi film | ||
1955 | Shapmochan | Madhuri | Bengali | |
1955 | Bengali | |||
1955 | Snaajhghar | |||
1955 | Snaajher Pradeep | Bengali | ||
1955 | Mejo Bou | Bengali | ||
1955 | Bhalabaasa | Bengali | ||
1956 | Sagarika | Sagarika | Bengali | |
1956 | Trijama | Swarupa | Bengali | |
1956 | Amar Bou | Bengali | ||
1956 | Shilpi | Bengali | ||
1956 | Ekti Raat | Swantana | Bengali | |
1956 | Subharaatri | Bengali | ||
1957 | Dr. Roma Banerjee | Bengali | ||
1957 | Pathe Holo Deri | Mallika | ||
1957 | Jeeban Trishna | |||
1957 | Chandranath | Saraju | ||
1957 | Shakuntala Verma | Hindi | ||
1957 | Champakali | Hindi | ||
1958 | Rajlakshmi O Srikanta | Rajlakshmi | ||
1958 | Surya Toran | Aunita Chatarjee | Bengali | |
1958 | Indrani | Indrani | ||
1959 | Radha | Bengali | ||
1959 | Chaaowa Pawoa | Bengali | ||
1960 | Hospital | Sarbari | ||
1960 | Smriti Tuku Thaak | Shobha | Bengali | |
1960 | Maya | Hindi | ||
1960 | Sarhad | Hindi | ||
1961 | Rina Brown | Bengali | ||
1961 | Saathihara | |||
1962 | Bipasha | |||
1963 | Archana | Bengali | ||
1963 | Debjani / Pannabai / Suparna | Bengali | ||
1964 | Sandhya Deeper Sikha | Jayanti Bannerjee | Bengali | |
1966 | Devyani / Pannabai / Suparna | Hindi | ||
1967 | Grihadaha | Achala | ||
1969 | Kamallata | Kamallata | ||
1970 | Megh Kalo | Dr. Nirmalya Roy | Bengali | |
1971 | Fariyaad | |||
1971 | Nabaraag | |||
1972 | Alo Amaar Alo | Atashi | Bengali | |
1972 | Haar Maana Haar | Bengali | ||
1974 | Prafullamukhi | Bengali | ||
1974 | Srabana Sandhya | Bengali | ||
1975 | Priyo Bandhabi | Bengali | ||
1975 | Aarti Devi | Hindi | ||
1976 | Datta | Bijoya | Bengali | |
1978 | Pranoy Pasha | Bengali |
Awards and nominations[edit]
Year | Award | Result | Film |
1963 | Moscow Film Festival - Best actress award | Won | |
1963 | Nominated | ||
1972 | For notable contribution in Arts[4] | ||
1976 | Filmfare Best Actress Award | Nominated | |
2012 | Won | Lifetime Achievement in Film acting |
References[edit]
^ a b Deb, Alok Kumar. "APRIL BORN a few PERSONALITIES". www.tripurainfo.com. Retrieved 2008-10-23.
^ "Garbo meets Sen Two women bound by beauty and mystery". Telegraph (Calcutta, India). July 8, 2008. Retrieved 2 June 2012.
^ Sharma, Vijay Kaushik, Bela Rani (1998). Women's rights and world development. New Delhi: Sarup & Sons. p. 368.ISBN 8176250155http://books.google.co.in/books?id=qnJ9J9UygR0C&pg=PA368 Check |isbn= value (help).
^ a b "Padma Awards Directory (1954-2013)". Ministry of Home Affairs. "1972: 130: Smt Suchitra Sen"
^ "Suchitra Sen awarded Banga-Bibhusan". Zee News India. May 20, 2012. Retrieved 2 June 2012.
^ Das, Mohua (May 20, 2012). "The perils of a packed prize podium Ravi Shankar declines award". Telegraph, Kolkata (Calcutta, India). Retrieved 2 June 2012.
^ Chakraborty, Ajanta (Jun 18, 2011). "Actress Suchitra Sen's secrets out!". TNN (Times of India).
^ Chatterjee, ed. board Gulzar, Govind Nuhalani, Saibal (2003). Encyclopaedia of Hindi cinema. New Delhi: Encyclopaedia Britannica. pp. PT647. ISBN 8179910660.
^ "3rd Moscow International Film Festival (1963)". MIFF. Retrieved 2012-12-01.
No comments:
Post a Comment