भ्रष्टाचार विरोधी अभियान भी अंततः धर्मोन्मादी सैन्य राष्ट्र का ही एजंडा है।
पलाश विश्वास
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Shortly after daybreak on Tuesday in Minneapolis, thermometers had inched their way up to anywhere from 8 to 13 below zero. A deadly blast of arctic air shattered decades-old temperature records as it enveloped the eastern United States, snarling air, road and rail travel, driving energy prices higher and overwhelming shelters for homeless people
आज का संवाद
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भ्रष्टाचार विरोधी अभियान भी अंततः धर्मोन्मादी सैन्य राष्ट्र का ही एजंडा है।रिलायंस मंत्री न सिर्फ आधात ड्रोन तंत्र के साथ बाजार को निरंकुश और बहुसंख्य आखेट नरमेध अभियान को अबाध बनाने के लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और न सिर्फ रिलायंस ,पास्को और वेदांत के शिकंजे से इस खंडखंड भारत फंसा है,तथाकथित कारपोरेट जनादेश की बेसब्री से प्रतीक्षा है और दुनियाभर की जायनवादी हत्यारी कंपनियां इस महादेश में नरमांस के अनंत बोज के लिए प्रतीक्षारत हैं।खास कामयाब आदमियों औरतों के जनतंत्र और धर्मोन्मादी ईश्वरत्व और अवतारत्व का महोत्सव शुरु हो गया है।करमुक्त भारत का विमर्श जनसंहार उदारीकरण का दूसरा चरण है।
एक प्रतिक्रिया
आभार भास्कर। यह कोई अपने पिता से जुड़ा संस्मरण नही है। यह उत्तराखंड का बीता हुआ अतीत है, जहां सभी समुदायों के लोग अस्मिताओं के दायरे से बाहर थे और साथ साथ कंधे से कंधा मिलाकर भूमि सुधार के केंद्रीय मुद्दों को लेकर, आम जनता के हक हकूक की लड़ाई में पर्यावरण प्रेम में हिमालयी संस्कृति का असली चरित्र है।सत्तर दशक के बाद जो निरंतर प्रदूषण हुआ है,उसको सही से समझने के लिए इस अतीत के मुकाबले अपने को खड़ा करना बेहद जरुरी है। पूरे उत्तराखंड के लोग जानते हैं कि नारायण दत्त तिवारी और कृष्णचंद्र पंत के अत्यंत घनिष्ठ मित्र थे पिताजी। हमारे परिवार ने पिताजी के राजनीतिक संबंधों को भुनाने की प्रवृत्ति से लगातार अपना बचाव किया है। दूसरी जो इससे बड़ी बात है कि तराई और उत्तराखंड की मुख्य समस्या अब भूमि पर पूंजी और माफिया का वर्चस्व है। रोजगार के सारे संसाधनों से बेदखली का असली राज यही है। तराई और पहाड़ को एकजुट किये बिना हम इसका मुकाबला नहीं कर सकते। ढिमरी ब्लाक और चिपको आंदोलन ही नहीं, अस्सी के दशक में बंगाली शरणार्थियों को जमीन से बेदखली के लिए दुर्गा पूजा के मौके पर दर्जनों शरणार्थी औरतों से जो बलात्कार पुलिस और भूमाफिया ने किया,उसके खिलाफ भी लाठियां पहाड़ की महिलाओं ने खायी। पुलिनबाबू और दूसरे शरणार्थियों ने बंगालियों के खिलाफ राजनीतिक अभियान सारप्रदायिक तरीके से जो शुरु किया,असम के अनुभवों के मद्देनजर उससे डरते हुए नारायण दत्त तिवारी को बचाने के मकसद से समर्थन किया। अब हम समझते हैं कि वंचित तबकों के लिए अपना वजूद बचाने के लिए सत्तापक्ष के हक में खड़ा होने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता। पुलिनबाबू की विशेषता यही रही है कि वे हमेशा सत्ता और प्रशासन के शिखरों के साथ संवाद के अलावा प्रतिपक्ष के तमाम राजनीतिक दलों के साथ संबंध बहाल रखते हुए अपने लोगों को बचाने की रणनीति पर अमल करते थे। अस्सी के दशक में महतोष मोड़ कांड में शरणार्थियों के आत्म समर्पण और उस आत्मसमर्पण में पिता की भूमिका की वजह से उनके और हमारे बीच फिर कभी कोई राजनीतिक संवाद नहीं हो सका। आज पिताजी की विरासत ढोते हुए पूरे देश के अस्पृश्य वंचित इलाकों की समस्य़ाओं से रुबरु होने के बाद अब हम समझ चुके हैं कि वोट बैंक की राजनीति का कुल मतलब ही है।सत्ता को जनता समरथन देती नहीं है,समर्थन देने को मजबूर है।जनता किसी कारपोरेट विकल्प को अपनाती नही ंहै बल्कि जनपक्षधर मोर्चा उनके लिए कोई विकल्प पेश करने में नाकाम है। बहरहाल, 2001 में जब तराई में पुनर्वासित बंगालियों को उत्तराखंड की तत्कालीन संघी सरकार ने विदेशी नागरिक होने का फरमान जारी कर दिया,तबतक पुलिनबाबू का अवसान हो गया था लेकिन तब भी पहाड़ और तराई के सभी समुदायों के लोग शरणार्थियों के हक में खड़े हुए।यह हिमालयी संस्कृति का करिश्मा ही है कि दिनेशपुर और शक्तिफार्म में बसे बंगाली शरणार्थी बाकी देश में बसे शरणार्थियों के मुकाबले तौ बेहतर हैं ही,बल्कि बंगाल में जीवन के हर क्षेत्र में एकाधिकारवादी वर्चस्व से बचे हुए हैं।बिना आरक्षण हिमालयी बंगाली शरणार्थी जैसे जीवन के हर क्षेत्र में प्रतिनिधित्व और अवसर पा रहे हैं, उसके लिए तराई में किसान समाज की एकता का जो महादुर्ग बनाया था पुलिन बाबू और आंदोलनों में उनके साथियों ने,उसीको इसका श्रेय है। भास्कर भाई, दरअसल हम अपने पिता पर कोई संस्मरण नहीं लिक रहे हैं और न भविष्य में अपने लिखे को व्यवस्थित करने की हमारी कोई योजना है। हम तो जनता ती उस विरासत की ओर जनपक्षधर तमाम शक्तियों का ध्यान खींच रहा हूं कि कैसे उत्तराखंड और बाकी देश में सर्वत्र भारतीय यथार्थ के मुताबिक जाति उन्मूलन के एजंडे के तहत जाति को वर्गों में समाहित करके पूरे भारत को जोड़ने की किसी परिक्लपना पर हम काम नहीं कर रहे हैं लेकिन उत्तराखंड में आजादी के तुरंत बाद इसके महाप्रयत्न होते रहे हैं।संजोग से पुलिनबाबू उस महाप्रयत्न के एक खास पात्र थे। पुलिनबाबू की मूर्ति पूजा से हमें कुछ हासिल लेकिन होगा नहीं.अगर हम हिमालयी साझा संस्कृति की उस विरासत के मुताबिक बुनियादी मुद्दों पर आम जनता को एकजुट करने की कोई पहल नहीं कर पाते। उत्तराखंड और हिमाचल में जिस तरह तेजी से कारपोरेट विकल्प आप के संघी एजंडा में हमारे पुराने साथी शामिल होते डजा रहे हैं,वह बाकी देश में भी हो रहा है। इसके मुकाबले के लिए भी एकात्म तराई और पहाड़ के अतीत में झांकने और प्रासंगिक सारे चरित्रों के व्यक्तित्व और कृतित्व का मूल्यांक न होना जरुरी है। हमें खुशी है कि हम जो नहीं कर सकें,इतिहास के उन भूले अध्यायों को सामने लानेकी आप लोग भरसक कोशिश कर रहे हैं। उत्तराखंड की राजनीति पहाड़ से तराई को अलग करने की ही राजनीति ही रही है लेकिन जनांदोलनों के मार्फत पहाड़ और तराई की एकात्मकता बार बार साबित होती रही है। उत्तराखंड की राजनीति ने हमेशा पहाड़ और तराई का वोट बैंक बतौर इस्तेमाल किया।अलग राज्य बनने से पहले उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश के चारचार देश विख्यात मुख्यमंत्री हुए,जिन्होंने पहाड़ के लिए सही मायने में कुछ नहीं किया।पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने तो फिर भी तराई को आबाद किया और वहां पंजाब और बंगाल के विभाजन पीड़ितों को बसाया। लेकिन इस परियोजना को भी तराई के बड़े फार्मरों के हितों के मुताबिक अमल में लाया गया। तब से लेकर अब तक तराई के वंचित समुदायों के लिए उत्तराखंडी राजनीति ने किया कुछ नहीं जैस वह पहाड़ की आम जनता के लिए गैर प्रासंगिक रही है। इस राजनीति ने हमेशा भूमि लूटेरों का साथ दिया और पर्यपरण संरक्षक कृषि को तबाह किया।अलग उत्तराखंड के बनने के बाद तो सत्ता पूरी तरह भूमाफिया की हो गयी। इस राजनीति ने पहाड़ और तराई को, कुमायूं और गढ़वाल को हमेशा अलग अलग रखकर भूमाफिया के हित साधे। मौजूदा मुख्यमंत्री और सितारगंज के विधायक विजय बहुगुणा भी अपने पिता की परंपरा का निर्वाह कर रहे हैं। इसके विपरीत उत्तराखंड की जनपक्षधर आंदोलनकारी ताकतें न केवल बिखराव में हैं बल्कि कारपोरेट विकल्प आप की धूम में प्रायोजकों के हजारों हजार करोड़ की वसूली और केदारनाथ जलसुनामी,गढ़वाल भूकंप की बारंबार पुनरावृत्ति करके उत्तराखंड को पलायन प्रदेश, विस्थापित प्रदेश,डूब प्रदेश बनाने के कार्यक्रम में जाने अनजाने निष्णात हैं।तराई को पहाड़ का और पहाड़ियों को तराई के वंचित समुदायों का दुशमन बनाये बगैर वे अपने एजंडे को अंजाम दे नहीं सकते।पुलिन बाबू और उनके मैदानी पहाड़ी साथियों की सबसे सकारात्मक भूमिका यह है कि राजनीति के इस कार्यकर्म को नाकाम बनाने के लिए वे आजीवन लड़ते रहे। विडंबना यह है कि यह कटु सत्य बाकी देश के हर कोने का सच है खासकर पूरे हिमालय में, पूर्वोत्तर में ,मध्य और दक्षिण भारत में सबसे बड़ा सच है।हमारी बदनसीबी है कि या तो हम अपने पुरखों के किये कराये के बारे में कुछ भी नहीं जानते या हम भी कारपोरेट कार्यक्रम के साझेदार हैं। बुनियादी समस्या यही है कि अस्मिताओं के तिलिस्म में फंसी बहुसंख्य आम जनता को वोट बैंक के इस सर्वनाशी दुश्चक्र से अलग करके उन्हें बुनियादी परिवर्तन के लिए कैसे तैयार किया जाये। |
अब इस पर गौर करें कि विश्वविख्यात कवि कथाकार उदय प्रकाश जी ने अपने वाल पर एकदम सही लिखा है कि एक ओर कुछ समय पहले तक 'गांधी' कहे जाने वाले अन्ना हज़ारे जी के दायें सेना के जनरल और बायें पुलिस की ऊंची अधिकारी खड़े दिखाई दे रहे हैं और दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल के साथ आम लोगबाग. पता नहीं गांधी की छवि किससे मेल खाती है.
फिर जनरल वी.के. सिंह और आई.पी.एस. किरन बेदी दोनों नमो मंत्र का जाप कर रहे हैं. उन्हें लगता है कार्पोरेट पूंजी और एजेंडे पर आधारित 'विकास' के लिए फ़ौज़ और पुलिस ही 'विकासवादी लौह पुरुष' की सही मददगार हो सकती है.
और दंगों आदि के सांप्रदायिक 'पोग्राम' के लिए भी तो फ़ौज़ और पुलिस की गोली-बंदूक चाहिए.
सही समय है अन्ना जी को पाला बदल लेना चाहिए और अपने सच्चे लोकतांत्रिक शिष्य के शिविर में आ जाना चाहिए..वरना कबीर ने तो कहा ही था : गुरु की करनी गुरु जाएगा, चेले की करनी चेला ....उड़ जायेगा हंस अकेला ...!!
इसके जवाब में ध्यान दें कि हमने उदय प्रकाश जी को संबोधित नहीं किया, एक गांधीवादी कार्यकर्ता हिमांशु कुमार जी को संबोधित किया है। इसका तात्पर्य को समझने के लिए पहाड़ और तराई में साठ और सत्तर के दशकों में हुए आंदोलन की पड़ताल करनी होगी। नैनीताल क्लब अग्निकांड से पहले इस आंदोलन में तराई कहीं नहीं थी। न छात्र युवाजनों की वह भागेदारी कहीं थी। चिपको माता गौरादेवी के आंदोलन की धुनि माननीय सुंदर लाल बहुगुणा और चंडी प्रसाद भट्ट जी ने जलाये रखी लेकिन किसी भी मायने में पूरे उत्तराखंड का जन आंदोलन तब चिपक न था। नैनीताल कलब अग्निकांड के बाद देहरादून से लेकर खटीमा टनकपुर तक चिपको की गूंज थी,जिसमें पुलिनबाबू जैसे लोगों की आवाज भी शामिल थी।सारे वादों विवादों से ऊपर उठकर जब सभी समुदायों के लोग पहाड़ और तराई में एकजुट हुए तो मुकम्मल चिपको था वह।उसके बाद तो निरंतर आंदोलनों के जरिये अलग राज्य तक की मंजिल मिल गयी।पहचानने की कोशिश करे ंकि तब अलग उत्तराखंड से तराई को शामिल करने की कोशिश किन लोगों ने की। यहां तक कि ममता बनर्जी तक ने कोलकाता से कह दिया कि बंगाली समुदाय उत्तराखंड राज में रह नहीं सकते।बंगाली तो क्या बुक्सा और थारुओं,रायसिखों,मुसलनमानों ने भी तराई को अलग रखने की बात भूलकर भी नहीं की।उत्तराखंड का समर्थन कोई अकेले पुलिनबाबू नहीं कर रहे थे।भूमाफिया के अलावा तमाम लोग कर रहे थे।
हम बार बार लिखते कहते रहे हैं कि तराई के आम लोगों की एकता बद्धता उत्तराखंड की सबसे बड़ी ताकत है।अंग्रेजी, बांग्ला और हिंदी में मैं लगातार यह बात लिख कह रहा हूं।
इसीलिए आज जिस जनपक्षधर मोर्चे की जरुरत है,कारपोरेट धरमोन्मादी राज के प्रतिरोध के लिए जो जनपक्षधर मोर्चा जरुरी है,वह हिमांशु कुमार जी जैसे लोगों की कारगर भूमका के बिना असंभव है। पुलिनबाबू कम्युनिस्ट थे और बंगाल,ओड़ीशा और तराई में वे कम्युनिस्ट आंदोलनों में लगातार शामिल रहे,उसपार के बंगाल में भी ।लेकिन ढिमरी ब्लाक के बाद वैचारिक सीमाबद्धता की वह चादर अपनी कमीज की तरह उतारकर उन्होंने फेंक दी।घनघोर अंबेडकरवादी होते हुए अस्मिता की राजनीति को उन्होंने बार बार तोड़ने की कोशिश की और बार बार वे बाकायदा अंबेडकर के जाति उन्मूलन के एजंडे को जाति को वर्ग में समाहित करने के प्रयासों के जरिये अमल में लाने का प्रयास कर रहे थे।
भारत के मौजूदा संकट में उस इतिहास की चर्चा भी जरुरी है।यह अपने पिता को महान साबित करने की कोई निजी कोशिश नहीं है।
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Palash Biswas हिमांशु जी, संकट सबसे बड़ा यही है कि हम जनसरोकार,मद्दों और जनांदोलनों से बेदखल हो गये हैं।मंच पर अविराम कठपुतली नाच चल रहा है। अब यह साबित होने में कोई कसर बाकी नहीं है कि भ्रष्टाचार विरोधी अभियान भी अंततः धर्मोन्मादी सैन्य राष्ट्र का ही एजंडा है।किरण बेदी और वीके सिंह के नमो जाप से किसी को अचरज होता है तो उन्हें इस राज्यतंत्र के महातिलिस्म के बारे में कुछ भी मालूम नहीं है।जनता दरबार के कारपोरेट आयोजन में दंडकारण्य की सुनवाई नहीं होगी और न ही बहुराष्ट्रीय कारपोरेट शिकंजे में फंसी मनुष्यता,प्रकृति और पर्यवरण की।रिलायंस मंत्री न सिर्फ आधात ड्रोन तंत्र के साथ बाजार को निरंकुश और बहुसंख्य आखेट नरमेध अभियान को अबाद बनाने के लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और न सिर्फ रिलायंस ,पास्को और वेदांत के शिकंजे से इस खंडखंड भारत फंसा है,तथाकथित कारपोरेट जनादेश की बेसब्री से प्रतीक्षा है और दुनियाभर की जायनवादी हत्यारी कंपनियां इस महादेश में नरमांस के अनंत बोज के लिए प्रतीक्षारत हैं।खास कामयाब आदमियों औरतों के जनतंत्र और धर्मोन्मादी ईश्वरत्व और अवतारत्व का महोत्सव शुरु हो गया है।
फिर उदय प्रकाश जी को जो जवाब दिया,वह संस्कृति के मोर्चे के तमाम साथियों के प्रति हमारा खुला आह्वान है।
Palash Biswas उदय प्रकाश भाई,किस बात के आप विश्वविख्यात कवि कथाकार साहित्यकार है ,अगर इस तिलिस्म पर आपकी कलम वार करने के मामले में निर्विष और शाकाहारी हैं,मुझे समझ में नहीं आता।विस्तार से बेनकाब कीजिये।आप जो हासिल कर चुके हैं,उसके आगे की मंजिल जनपक्षधरता ही होनी चाहिए।
मित्रों, हमारी दिलचस्पी उन समीकरणों में नहीं है कि कौन किसको रोक रहा है,कौन कठपुतली है और कौन भारत का अगला मुख्यमंत्री बनेगा।क्योंकि सारे विकल्प कारपोरेट हैं।सारी राजनीति कारपोरेट है। संघ का एजंडा सर्वदलीय कारपोरेट राजनीति का ही एजंडा है जो जनसंहारी नीतियों पर प्रबंधकीय तकनीकी दक्षता के साथ अमल कर रहा है। लेकिन इन समीकरणों, पूंजी और कालाधन के वर्चस्व के मुताबिक जनसंहारी अश्वमेध अभियानों क हम नजरअंदाज कर ही नहीं सकते। इस व्यवस्था के प्रतिरोध के लिए सारी सचनाएं जन गण को होनी चाहिए।सारी राजनीति की चीरफाड़ भी होनी चाहिे ताकि इस महातिलिस्म पर हम निर्मायक चोट कर सकें।
यह पूरे देश में देश जोड़ो संवाद के आधार पर हो सका है।इसीलिए हम आपसे बार बार संवाद में शामिल होने का आग्रह करने की बदतमीजी कर रहे हैं और आपकी नींद में निरंतर दखल दे रहे हैं। अपने नये पुराने साथियों को कोंच रहे हैं।उन्हें अपने पुरखों की याद दिला रहे हैं,जिनकी राह से हम भटक चुके हैं और आत्मध्वंस का महोत्सव मना रहे हैं।
कृपया बाकी संवाद और तथ्यों पर भी गौर करें।
संवाद अभी बाकी है। संवाद अभी जारी रहेगा।
American money and indian media sponsored |
देश का किस्मत ही खराब है: आम आदमी पार्टी ने पत्रकारों को लुभाने के लिए कहा है की वो लोग आम आदमी पार्टी का जितना लोकप्रियता बढ़ाएँगे उसी हिसाब से उनको लोक सभा का टिकट मिलेगा...फिर क्या हुआ.? पत्रकार भाई लोग उतार आए है दलाली पर..आज एक बढ़े दलाल आशुतोष(IBN7) ने 'आप' की सदस्यता ले ली है..आगे भी ये सिलसिला चलता रहेगा..क्योकि सवाल है मोदी को प्रधानमंत्री बनने से रोकने की..इसके लिए इस देश के दलाल पत्रकार कुछ भी करने को तैयार है. |
Jan 9, 2014
INDIA FIRST
http://goo.gl/TC1PCf Subramanian Swamy supports Ramdev no tax suggestion http://goo.gl/mWIBNc
https://www.youtube.com/user/iSupportNamo I Support Narendra Modi http://goo.gl/mWIBNc
http://goo.gl/aKQC36 Rajiv Malhotra: The Best Lecture on "Who WE Are" : Hinduism & Dharma
http://goo.gl/PmNJgh http://goo.gl/Ghi50z Ramdev hit list
#Modi #swamy #ramdev #UPAChargesheet
http://goo.gl/Kee8mU THE REAL TRUTH BEHIND AAP AND KEJRIWAL - http://goo.gl/037O3r
http://goo.gl/mU4MoG ISLAM will Collapse in 10 Years : Ex-Muslim
http://goo.gl/ApZnJV Aam Aadmi Party Truth & Lies chauthiduniya - manish http://goo.gl/9ZZxPR
http://goo.gl/E8imOn Speech by Shri. Arun Jaitley at the release of 'Modinama'
12:28am Jan 9 |
* | Biometric identification is modern day enslavement -Part II The Database State is an exercise in outsourcing of government through technologies that govern indi... |
Mohan Shrotriya, Faisal Anurag, Prakash K Ray and 221 others like this.
Dhiru Singh बेचारे केजरीवाल भी तो आई आर एस थे । इतनी जल्दी व्यक्तित्व का आकलन नहीं हो सकता । सिर्फ बिजली पानी ज्विसे मुद्दों से केंद्र की सरकार नहीं बनाई जा सकती ।
2 hours ago via mobile · Like
Ashok Mishra pata nahi gandhi ki chhavi kisase se male khaati hai- yeh sweekar karne ke bad ya is sanshaya ki abhivyakti ke baad, anna ji ko pala badalne ke salah kuch purvagrah grista tatakalik prakriya nahi hai kya uday ji.rahi baat corporate punji aur usake age...See More
Arif Hamid ganral...i.p.s........modi...sab..ko...goli..marna aataa..hai...ye khass ..class..hai...jo..am..adami..ko....goli..mar..sakta..hai....anaaa......
Abhilekh Tiwari Anna aur kej ri ji ko bj p
Au r con gre s dono ka ajent ke roop media dikha rakhi hai sir.
15 minutes ago via mobile · Like
Prakash Singh Rathore अभी आप पार्टी ने भी कोर्पोरेट जगत के खिलाफ कुछ नहीं किया है न ही बड़े घोटालो पर कोई कार्यवाही की है। आम जनता से स्टिंग करने की अपेक्षा करना सतही सोच दर्शाता है। भ्रष्टाचार क्र स्रोत पर रोक लगाने की संस्थात्मक कार्य योजना आप पार्टी के पास नहीं है। आप पार...See More
13 minutes ago via mobile · Like
Palash Biswas हिमांशु जी, संकट सबसे बड़ा यही है कि हम जनसरोकार,मद्दों और जनांदोलनों से बेदखल हो गये हैं।मंच पर अविराम कठपुतली नाच चल रहा है। अब यह साबित होने में कोई कसर बाकी नहीं है कि भ्रष्टाचार विरोधी अभियान भी अंततः धर्मोन्मादी सैन्य राष्ट्र का ही एजंडा है।किरण बेदी ौर वीके सिंह के नमो जाप से किसी को अचरज होता है तो उन्हें इस राज्यतंत्र के महातिलिस्म के बारे में कुछ भी मालूम नहीं है।जनता दरबार के कारपोरेट आयोजन में दंडकारण्य की सुनवाई नहीं होगी और न ही बहुराष्ट्रीय कारपोरेट शिकंजे में फंसी मनुष्यता,प्रकृति और पर्यवरण की।रिलायंस मंत्री न सिर्फ आधात ड्रन तंत्र के साथ बाजार को निरंकुश और बहुसंख्य आखेट नरमेध अभियान को अबाद बनाने के लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और न सिर्फ रिलायंस ,पास्को और वेदांत के शिकंजे से इस खंडखंड भारत फंसा है,तथाकथित कारपोरेट जनादेश की बेसब्री से प्रतीक्षा है और दुनियाभर की जायनवादी हत्यारी कंपनियां इस महादेश में नरमांस के अनंत बोज के लिए प्रतीक्षात हैं।खास कामयाब आदमियों औरतों के जनतंत्र और धर्मोन्मादी ईश्वरत्व और अवतारत्व का महोत्सव शुरु हो गया है।
Palash Biswas उदय प्रकाश भाई,किस बात के आप विश्वविख्यात कवि कथाकार साहित्यकार है ,अगर इस तिलिस्म पर आपकी कलम वार करने के मामले में निर्विष और शाकाहारी हैं,मुझे समझ में नहीं आता।विस्तार से बेनकाब कीजिये।आप जो हासिल कर चुके हैं,उसके आगे की मंजिल जनप&धरता ही होनी चाहिए।
Pankaj Rauthan bharat k liya sabse jayda khattar communist vichardhar k logo se hai
3 hours ago via mobile · Like
Uday Prakash पलाश भाई, आप हल में जुते बैल से कहें कि तुम बैलों के 'पक्षधर' बन जाओ तो वैसा ही होगा जैसे हम 'जनता' से कहें कि तुम जनता के पक्षधर बन जाओ. हम आप तो हैं ही. इसमें अब बनना क्या ? अपनी अपनी सीमा भर लगे हुए हैं... ! बस हाल उस किसान जैसा है, जो उस खेत में हल चला रहा है, जो उसका नहीं है. (मैं यहां 'भाषा' के बारे में कह रहा हूं.)
2 hours ago · Like · 4
Jagdish Sharma u are right
Rajesh Tyagi एक ही राजनीतिक नौटंकी के वे दो पात्र हैं....दोनों बूर्ज्वा राष्ट्रवाद-सुधारवाद की सांझी ज़मीन पर खड़े हैं. एक, बड़ी तेज़ी से नंगा हो चुका है और दक्षिण शिविर में माथा रगड़ रहा है, दूसरा उधर ही मुंह किये खड़ा है मगर अभी 'वन्दे मातरम' बोलने से झिझक रहा है, अभी 'भारत माता की जय' से काम चला रहा है.....पतनशील पूँजीवाद का यह भी एक दौर है जिसमें मसखरों की नूरा कुश्ती चले ही जा रही है!
42 minutes ago · Edited · Like
Ruchi Jain This data is from somebody else post but i would like to share with You all....मोदी विकास कि बात करता है मगर कोई विजन नहीं देता ..भ्रस्टाचार मिटाने कि बात करता है गडकरी ..बंगारू को छोड़ता नहीं...यदुरप्पाको और ले आया ..बाबू बोखारिया को निकालता नहीं...हिंदुत्व कि बात करता है मंदिर को टॉयलेट में बदल दिया...इंडिया को हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं कर सकता...कश्मीर कि बात करता है वहाँ से चुनाव लड़ नहीं सकता...सोनिया को गाली देता है मगर उसकी संपत्ति का हिसाब मांग नहीं सकता ..कांग्रेस को हटाना चाहता है मगर शीला के सामने किसी गधे को खड़ा करता है...मुसलमान के खिलाफ भौंकता है मगर बताता नहीं कि २१ करोड़ मुसलमानो को कहाँ ले जाएगा ..ईमानदार बनता है मगर आर टी आई के नीचे नहीं आता...शेर बनता है मगर पूरी फ़ौज को साथ लेकर चलता है...कोई घोटाला नहीं करता मगर मजबूत जनलोकपाल के नाम से गला सूख जाता है..खुद को चायवाला कहता है मगर खुद चाय बागानों के मालिकों के साथ चाय पीता है...खुद को गरीब कहता है मगर करोड़ों कि रैलियां करता है,..खुद को पाक साफ़ बताता है मगर दागी लोगों कि भर्ती करता है..बोलता है केजरीवाल ने अन्ना को धोखा दिया मगर अडवाणी का नाम नहीं लेता...जनता कि बात करता है मगर अम्बानी अदानी से पैसे लेता है...खुद को राष्ट्रवादी बताता है मगर गुजरात में बेक़सूर मुस्लिम्स कि हत्या कर दी..और तो और कम तादाद में जो सिक्ख थे उन्हें तक धमकी देकर गुजरात से भगाने कि कॉसिश कि..एक तरफ हिन्दू वादी झंडा लेकर चलता है दूसरी तरफ मुसलमान को पटाने कि कॉसिश करता है..गुजरात दंगो पर दुःख जताता है मगर माफ़ी नहीं मांगता ...एक तरफ बाल ब्रह्म चारी है दूसरी तरफ लड़कियों कि जासूसी करवाता है..बंजारा जैसे अफसर इसके खिलाफ बोलना चाहता है उसे जैल भिजवा देता है..आशाराम और नित्यानंद जैसे धर्म के दल्लों को आज तक साथ देता रहा..कांग्रेस को गाली देता है मगर कभी नहीं बोलता कि सोनिया शीला या राहुल के खिलाफ जांच करवाऊंगा इन्हे जैल भिजवाऊंगा.. जनता को बावला समझ रहा है...जय हिन्द जय अरविन्द..
3 hours ago via mobile · Like · 1
Gopikanta Ghosh Bilkul sahi baat
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Harsh Vardhan aapne bilkul sahi likha h sir prtiksha kewal jnadesh ki ki jaa rhi h uske baad to kewal lootba or maarna hi shuru hona h
37 minutes ago via mobile · Like
kesh Sharma likes this.
Rakesh Sharma श्रीमान जी आपके पिताजी ने आपके बताऐ अनुसार वास्तव मेँ बहुत सँघर्ष किया । उनका यह सँघर्ष येन केन प्रकारेण गरीब किसान , वँचित लोगोँ , पीडितोँ के ही लिऐ था । किसी के साथ अन्याय न हो । यही अच्छे व्यक्ति के कार्य होने चाहिऐ । आज देश मेँ अनेक समस्याऐँ हैँ । और हम भी चाहते हैँ कि उन समस्याओँ का समाधान हो । लोग खुशहाल होँ । और बन्धु हमेँ तो आज अधिकाँश समस्याओँ का सरल समाधान नरेन्द्र मोदी जी मेँ दिखाई दे रहा है । किसी के साथ भी अन्याय नही , समता का व्यवहार . राष्ट्रवादी सोच । मोदी जी को मजबूत बनाऐ । आपके पिताश्री के स्वप्न भी तभी पूरे होँगे जब सभी सुखी होँ । अमीरी गरीबी का अन्तर मिटे । वन्देमातरम ।।
7 hours ago via mobile · Like
Surender Suthar Mahoday dil se aabhar, hoshanlo ki uddan dekhiye kal ak nya gulishtan dekhiye
about a minute ago via mobile · Like
15 minutes ago via mobile ·
भारत का सवर्ण भले ही गांधी को गरियानें में खुद की महानता, जागरूकता और सामाजिक प्रतिबद्धता समझे व प्रमाणित करे....किंतु
भारत के शूद्र को 'बाबा साहेब' और 'कांसीराम' को नहीं भूलना चाहिये।
'बाबा साहेब' न होते तो शूद्र आज भी अछूत ही होता और 'कांसीराम' न होते तो शूद्र आज भी कोई राजनैतिक ताकत न होता।
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शूद्रों को सामाजिक धोखों और छलावों से बचनें की जरूरत है।
शूद्रों को सिर्फ यह याद रखना चाहिये कि यदि 'बाबा साहेब' और 'कांसीराम' न होते तो वे कहां होते, केवल इतना ही याद रखनें मात्र से ही शूद्रों से गंभीर और दूरदर्शी राजनैतिक भूलें होनें की संभावनायें कम होगीं।
. — with Gladson Dungdung and 18 others.
Ashok Dusadh and 4 others like this.
Dinesh Kumar दुखद यह है कि शूद्रों को कांशीराम के बाद दूसरा कोई नेता ही नहीं मिला... कोई हो तो बताइएगा...
3 minutes ago · Like · 1
Nomad's Hermitage मैंनें तो ऐसा कोई दावा नहीं किया, मैं तो खुद ही कह रहा हूं कि 'कांसीराम' जी को नहीं भुलाया जाना चाहिये
about a minute ago via mobile · Like · 1
Suvrat Gupta · 1 follower
development flows from the barrel of gun...
आज का संवाद भ्रष्टाचार विरोधी अभियान भी अंततः धर्मोन्मादी सैन्य राष्ट्र का ही एजंडा है।रिलायंस मंत्री न सिर्फ आधात ड्रोन तंत्र के साथ बाजार को निरंकुश और बहुसंख्य आखेट नरमेध अभियान को अबाद बनाने के लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और न सिर्फ रिलायंस ,पास्को और व...
दुखद है कि खुद को बहुत जागरूक माननें वाले और खुद को सामाजिक चेतनशील माननें वाले अधिसंख्य सवर्ण लोगों का अहंकार इतना अधिक है कि वे शूद्रों के प्रति सिर्फ इसलिये घृणा का भाव रखते हैं क्योंकि शूद्र सत्ता में दावेदारी की बात करनें लगा है और सवर्णों की महानता, ज्ञान और योग्यता में सवाल खड़े करना लगा है।
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अब मुश्किल तो यह है कि भारत में जो अधिकतर ज्ञान है वह "सापेक्षिक" है और "वंशानुगत-भ्रष्टाचार और शोषण" पर आधारित है। (मुझ जैसे गवांर-जाहिल की यह पंक्ति समझनें के लिये कुछ मेहनत लगेगी)
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हजारों सालों तक कुचला है जिन्हें और उसी कुचले जानें के परिणाम स्वरूप आज संसाधन और मजे ले रहे हैं। जिनकी मेहनत का हजारों साल माल खाया है वह भी पूरी शिद्दत के साथ पारंपरिक व सामाजिक भ्रष्टाचार स्थापित करके थोड़ी सी अंदर की इमानदारी और प्रेम उनके साथ भी साझा करनें की मानवीयता दिखा दीजिये।
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या सारी परिभाषायें, सारा दर्शन, सारा ज्ञान, सारी ईमानदारी, सारी महानता व सारी मानवीयता केवल आपके खुद के स्वार्थ व अहंकार तक ही सीमित है।
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. — with Vidya Bhushan Rawat and 23 others.
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विभांशु दिव्याल आपका ज्ञान प्रैक्टिकल है, थ्योरी पढ़कर विद्वान बन जाने वालों का ज्ञान कचरा ही रहेगा हमेशा
14 minutes ago · Like · 2
Nomad's Hermitage विभांशु दिव्याल जी मैंने अपनें ज्ञान की बात नहीं की है। मैंनें जो समाज में जो मानसिकता देखी व समझी है उसके आधार पर अपनीं बात रखी है। सहमत या असहमत होना आपका अधिकार है। सादर
12 minutes ago · Like · 1
विभांशु दिव्याल प्रैक्टिकल और थ्योरी वालों का मतलब नहीं समझे का दद्दा
11 minutes ago · Like · 2
Pushpandra Kumar Pandey चुनाव पास में हे कहे नहीं इन सवर्णों को निपटा देते ..... आखिर गिनती में भी दलित ज्यादा हे
11 minutes ago · Like · 1
Nomad's Hermitage पांडे जी हो सकता है कि शूद्र सवर्णों के इतना क्रूर, बर्बर और शातिर नहीं हों। तभी आपके शानदार सुझाव का आइडिया न आया हो दिमाग में, लेकिन आपके सुझाव का पालन सवर्णों नें हजारों साल तक पूरीर शिद्दत से लागू किया है। सादर
8 minutes ago · Like · 1
Pushpandra Kumar Pandey फिर केसे ख़तम होंगे ये स्वर्ण ........
4 minutes ago · Like · 1
Nomad's Hermitage पांडे जी गंभीर पोस्ट में मस्ती की पाठशाला नहीं चलाई जानी चाहिये। थोड़ी सी सामाजिक इमानदारी लाईये तब बहस कीजिये। और हां हर सामाजिक इमानदार आदमी या सामाजिक न्याय की बात करनें वाला शूद्र ही हो ऐसा जरूरी भी नहीं है। जब आपमें गंभीरता आ जाये और कुछ मानवीय संवेदनशीलता आ जाये और अपने महान होनें का अहंकार घट जाये तो बहस कीजियेगा तब तक विदा। सादर
Pushpandra Kumar Pandey सुनिये भाई आप के पास उत्तर नहीं हे .... मे मस्ती की पाठशाला नही सिर्फ पूछ रहा हूँ .... इस लिए आप ये कह रहे हे क्यों की मे स्वर्ण हूँ अगर कोई दुसरा पूछता तो आप जवाव देते ...... आप जो लिखे हे वही पूछ रहा हूँ
Awanish Sharma "सापेक्षिक" यह एक शब्द ढंग से इस्तेमाल हो तो हर अर्थ साफ़ कर सकता है
Hemant Poyam gandhi ka name nobel purashkar ke liye bar-bar bhejne se bhi usko reject kiya ja raha hai. karan kya hai..?
3 hours ago via mobile · Like · 1
Nomad's Hermitage नोबल पुरस्कार भेजनें से नहीं मिलता है। दूसरा मैं गांधी और बाबासाहेब जैसे महापुरुषों को नोबेल फोबेल जैसे पुरस्कारों से परे मानता हूं। बाबासाहेब का नाम भेजा जाये तो भी रिजेक्ट होगा। कुछ महापुरुषों का स्तर किसी भी पुरस्कार से ऊंचा होता है। मैं गांधी और बाबासाहेब दोनों का तहेदिल से आदर करता हूं। सादर
3 hours ago via mobile · Edited · Like · 2
Hemant Poyam sawarn to gandhi ke bare me sab haqikat jante huye unka samman karta hai par shudra samaj gandhi ke bare me haqikat ko nahi janta hai isliye anjane me samman karta hai. dono ka samman kis aadhar par ho sakta hai saheb.
3 hours ago via mobile · Like · 1
Randheer Jha सर , ये दौनों किसी वर्ण विशेष के नेता नहीं हैं, गांधी को अगड़ी जाती का पुरोधा बनाना ठीक नहीं है , वैसे ही बाबा साहेब और कांसीराम दौनों ही समाज को सच्चाई से अवगत कराने वाले महापुरुष हैं और सबके लिए सम्माननीय होने चाहिए। मैं तो बाबा साहेब और कांसीराम का बहुत बड़ा समर्थक हूँ साथ जी गांधी को नकारना इंसानियत को नकारने के बराबर कहा जाएगा
3 hours ago · Like · 2
Nawal Kishore संभवत: नोबेल प्राईज जीते जी दिया जाता है, शायद मरणोपरांत नहीँ।
3 hours ago via mobile · Like · 2
Anil Shukla bhale hee KANSI RAAM JI vo "teer traju aur talwar ekno maRO JUTE CHAAR.".........AUR" BHURA BAAL SAAFG JAISE SAMTAVADI NARON KER JANAK RAHE HON"......
3 hours ago · Like · 1
Anil Shukla BABA SAHEB SE TULNA KE LIYE ....NA KOI BANA HAI AUR NA KABHEE KOI UN SA HO PAYEGA...
3 hours ago · Like · 1
Anil Shukla SAMAJIK SAMRASTA .......BADKAU BHSANO AUR JULJOOLOOL BAYAN BAJI SE AATI HAI TO ..............JAI JAI ...
3 hours ago · Like · 1
Anil Shukla samajik asmanta ko hathiyaar bana kar ....aage badhne wale aap to na hi honge..............jameenee kaarykara ko to ye jachta hee nahee..
3 hours ago · Like · 1
Hemant Poyam pujiye vipra sheel gun heena...shudra na gun gan gyan pravina. ye nara kya kahta hai anil sir.(ramcharitt manas se sabhar)
3 hours ago via mobile · Like · 1
Anil Dikshit Kisi bhee poorva ya mrit netaa ko 'raajneetik sattaa ka lottery ticket' nahin banne deney waale raashtra safaltam shreni mein hain. Prashn hai vartmaan karyarat netratva kya kar rahaa hai. US President Obama kee Nobel Peace Prize acceptance speech padhiye - spasht ho jaayegaa.
2 hours ago via mobile · Like · 1
Kuldeep Singh Verma आप से एक बात जानना चाहता हूँ की काशी राम का कोई एक ठोस काम बताएँ जो देश के काम आता हो !
2 hours ago · Like · 2
Joginder Rawat मै कांशीराम जी और बाबा साहेब के आदर्शो को सलाम करता हूँ, परन्तु VP सिंह के योगदान को भी नहीं नकारा जा सकता है, जिन्हौने सवर्ण मानसिकता को आरक्षण लागू करके एक बड़ा बदलाव दिया । किन्तु मायावती आज उसी वृक्ष को खा रही है जिसको काशीराम जी ने बाबा साहेब के आद...See More
2 hours ago · Like · 3
Shriniwas Rai Shankar बाबा साहेब और कांसीराम के सपनो और कामों को आगे बढ़ाने के लिए कौन आगे आ रहा है ,पिछले एक दशक से नया बहुजन नेत्रित्व सामने नहीं आया है ,और सुन लीजिये वह सत्ता के गलियारे से निकलकर आ भी नहीं सकता। उसे तो सामाजिक आन्दोलन से ही निकलना है,पर बहुजन आब आन्दोलन करता कहाँ है,उसने भी सवर्णों की तरह अपने नेताओं के जूठे पत्तल चाटने में ही अपनी मुक्ति समझने की आदत बना ली है।
2 hours ago · Edited · Like · 3
Awanish Sharma "सापेक्षिक" यह एक शब्द ढंग से इस्तेमाल हो तो हर अर्थ साफ़ कर सकता है
3 minutes ago · Like · 1
Nomad's Hermitage पांडे जी, बेहतर है कि आप अपनें दिव्य ज्ञान से यह गंभीर पोस्ट को दिशाहीन न करें। आपके ज्ञान के अहंकार को तुष्ट करनें के लिये पोस्टें आती रहेंगीं। मेरा निवेदन स्वीकारें। सादर प्रणाम
Aam Aadmi Party
#AAP targets to make 1 crore members by 26th January in its new membership initiative. You can register online by clicking at <http://www.aamaadmiparty.org/join-us> or sending an SMS with <Name, STD code, Assembly Constituency> or giving a missed call to 07798220033.
Are you a part of this campaign?
Must watch and share! — with Phillip D'Souza and 49 others.
Nilekani ready to join Congress, contest LS polls
Infosys co-founder and head of Aadhar programme Nandan Nilekani says if Congress gives him a ticket, he will contest the Lok Sabha elections this year
AP
Bangalore: Ending speculation about his foray into politics, billionaire Infosys co-founder and head of Aadhar programme Nandan Nilekani today said he would join the Congress and was ready to contest the Lok Sabha polls.
"Certainly. I believe I should do something on the political front. If Congress gives me a ticket, I will contest (the Lok Sabha elections this year)," he told reporters, making public his stand on the issue for the first time.
58-year-old Nilekani, who is the Chairman of the Unique Identification Authority of India, said talks are going on about the constituency from which he should be contesting. He added that he would join Congress, which has been very "supportive" to him and his ideas.
The Congress is likely to field Nilekani from Bangalore South, a middle-class centric constituency, known for its antipathy towards Congress since the late 1970s, from where BJP General Secretary Ananth Kumar has won five times.
Nilekani said ordinary citizens should join politics and he would like to be part of this movement. "In India the biggest change can be brought about through politics and I want to be there," he said.
The country needs more good people from all fields including the corporate world, he said, adding politics is an instrument of change.
Congress candidates list should reflect 'voice of people': Rahul
Congress Party vice-president Rahul Gandhi says weightage should be given to common people in decision making in political processes including deciding candidates
PTI
New Delhi: Congress vice-president Rahul Gandhi on Friday promised early declaration of candidates for Lok Sabha polls under a "new process" reflecting the "voice of people" in Congress.
"We are taking the decision about giving tickets in a new way, under a new process.
"Discussions on it about various States have been taking place within our party for a long time. We are doing this with a formal structure," the Congress vice-president told reporters before holding consultations with newly-appointed chairman of Screening Committees for all States and UTs.
He said all tickets will be finalised at the national level "very soon for first time as far as deadline is concerned".
"The thinking is that we bring a process and system in the party and bring in the voice of people in the political party systematically. That is why this meeting is there," he added.
In a major exercise ahead of Lok Sabha polls, Congress had on Thursday night constituted screening committees for all States and Union Territories for early selection of candidates.
In the first meeting of the chairpersons of these screening committees, Mr. Gandhi on Friday underlined the importance of giving weightage to common people in decision making in political processes including deciding candidates.
He is learnt to have impressed upon the broad parameters of candidate selection like no criminal record against them and an experience of right kind of politics along with winnability.
Party sources had indicated that the meetings of the screening committees to select candidates will begin soon after the January 17, 2014 AICC meeting in Delhi, where the party could name Mr. Gandhi as its Prime Ministerial candidate.
With Mr. Gandhi keen on early declaration of candidates for Lok Sabha polls, the party is understood to have decided to come out with a list of 150 to 200 nominees by the end of this month.
Lok Sabha elections are likely to be held in April-May and the decision will give at least three months time to the candidates to prepare for the elections.
The exercise is also in line with the recommendation of the A.K. Antony panel entrusted with the task of drawing up an action plan for the party for Assembly and Lok Sabha polls.
It had recommended that the candidates should be declared at least a few months ahead of the elections.
AAP ke liye – Aam Aadmi Party, Kejriwal and the road to power
45-year-old Arvind Kejriwal is the youngest chief minister of Delhi. Congress Party, which was routed by the 10-month-old Aam Aadmi Party, is extending outside support to Kejriwal's fledgling party. We bring you events from the time AAP trounced the grand old party to its ascension to power
Common man and the Delhi throne | The phenomenon of AAP and Kejriwal |
* Reuters Left darbar venue to avoid stampede: Kejriwal As chaos prevailed at AAP government's first 'janta darbar' here, chief minister Arvind Kejriwal on Saturday said he left the venue to avoid a stampede-like situation and admitted that arrangements were not adequate. AAP ka janta darbar suspended after chaos Security personnel whisk away Delhi CM Arvind Kejriwal and ministers from venue of darbar Anti-corruption helpline: Large-scale drive from Monday Delhi CM Arvind Kejriwal says one person was trapped, while another, on the verge of being caught, refused to take the bribe at the last moment sensing something wrong AAP leader and Delhi chief minister Arvind Kejriwal says under the 'Main bhi aam aadmi' campaign, his party is targeting a membership of 1 crore AAP's anti-graft helpline never stops ringing Due to 'huge response', Delhi govt decides to double the number of helpline staff to 30 Effective grievance redressal cell in Delhi from Jan 11 An overhauled and effective public grievance redressal cell will be in place in Delhi from Saturday, Chief Minister Arvind Kejriwal said Thursday. Kejriwal announces helpline to trap the corrupt Kejriwal announces that anyone who is asked to pay a bribe by any official in New Delhi should seek help on 27357169 Man who led attack on AAP office surrenders It is unfortunate to see that a national party like BJP is now resorting to all kinds of violence and unleashing its goons," Prashant Bhushan says AAP office attacked in Ghaziabad After vandalising the AAP office, the attackers threatened to attack the AAP leaders in the future too BJP accuses AAP MLA of misbehaviour MLA Rajesh Garg accused of misbehaving with BJP councillor Shobha Gupta; CM Kejriwal marks an inquiry into the matter Reuters Software to deal with corruption complete: Arvind Kejriwal People can report complaints against corruption, says Delhi Chief Minister, adding that immediate punitive action and crackdown against corrupt officers will be carried out Modi vs Rahul in 2014, but Kejriwal a rising star Analysts say even if if AAP wins around 30 seats in Lok Sabha polls, it will be a force that can't be ignored Bhushan's remarks on J&K triggers row Prashant Bhushan's remarks were flayed by parties like BJP and Congress. Jammu and Kashmir CM Omar Abdullah also said there was no need for a referendum on such issues AAP's misunderstood water subsidy The Aam Aadmi Party's move to provide free water with a cross-subsidy element has been unfairly criticised Delhi govt asks power firms to cooperate with CAG audit The Arvind Kejriwal-led Delhi government last week had ordered a CAG audit of the finances of the three power companies Looking to contest maximum seats in Maharashtra: AAP Aam Aadmi Party says it has considerable presence in 33 of 34 taluks in the state; several high profile people from Maharashtra including former chief of RBS Meera Sanyal have joined the party AAP and Delhi minister Rakhi Birla's car attacked Delhi minister Rakhi Birla's car was attacked by a mob in Mangolpuri area of West Delhi Reuters Gearing up for LS polls, AAP to launch membership drive The Aam Aadmi Party (AAP) today announced a nationwide fortnight campaign for enrolling new members from January 10 AAP to contest 'maximum' LS seats, Kejriwal not to fight Party leader Prashant Bhushan says AAP would field candidates in maximum number of states wherever it has reasonable party structure and good candidates AAP dreams big; Cong mocks at ambitions Even as Aam Aadmi Party says it will contest in maximum seats in LS polls, Delhi CM Arvind Kejriwal has said that he will not be contesting in the elections; Congress mocks fledgling party saying a six-day-old CM can "dream" of becoming PM Kejriwal refuses to take up flats allotted to him The AAP founder and the current CM of Delhi has refused to move into the flats allotted to him over a controversy AAP says Goa has been projected as a Las Vegas which is "sad and distressing"; will contest state's two Lok Sabha seats Aam Aadmi ministers get Toyota Innova cars as official perks Aam Aadmi Party Ministers of Delhi, except Chief Minister Arvind Kejriwal, were today given Toyota Innova cars as official perks. A number of ministers, including Manish Sisodia, Rakhi Birla and Saurabh Bhardwaj, came to Delhi Assembly complex in official cars. Compare my house with Dikshit's: Kejriwal The Aam Aadmi Party chief has been allotted two duplex flats - each with five rooms - on Bhagwan Das road in New Delhi Trust vote: Kejriwal crosses first hurdle Kejriwal government crosses the halfway mark with 36 seats, winning the floor test. In the 70-member Assembly, AAP has 28 MLAs, eight short of a majority Reuters AAP opens 300 offices, aims to be a national player Offices opened in Sikkim, Assam, Goa, Daman and Diu among other places; party has 10 lakh members and is gearing up for Lok Sabha polls Reuters For 2014 battle, AAP seeks Rs 2,014 donations Marking the year when Lok Sabha polls will be held, AAP urges supporters to donate the amount; since its Delhi win last month, party has collected Rs 38 million AAP eyeing short term gains with water subsidy: Jaitley Leader of Opposition in Rajya Sabha Arun Jaitley slams AAP government in Delhi for water subsidy; says it will create debts and also ignores weaker sections who don't have piped water Getty Images Rakhi Birla, Aam Aadmi Party's 26-year-old minister, gets cracking Women and Child Development Minister Rakhi Birla makes surprise checks at various government-run shelters; says government will soon recruit more teachers with expertise in area of training differently-abled children Kejriwal: Delhi's unconventional chief minister Kejriwal's unconventional way of travelling and moving around is getting noticed by citizens of Delhi and drawing appreciation Delhi government orders CAG audit of private power companies "We have ordered an audit of the private power distribution companies. The CAG has said it will do the audit," Chief Minister Arvind Kejriwal told reporters Kejriwal's success has sent both the BJP and Congress' think-tanks to the war room to rejig their 2014 poll strategies Delhi cuts power tariff by half Chief Minister Arvind Kejriwal said the new rates would be applicable to those consuming up to 400 units of power a month Kejriwal advised two-day bed rest due to ill-health Doctor attending to him says Kejriwal is suffering from high fever and diarrhoea and is responding to treatment Helpline for nursery admission-related complaints soon: Sisodia On the issue of opening 500 new schools, Delhi's Education, PWD and Urban Development Minister Manish Sisodia says he is touch with the departments concerned and a decision will be taken soon AAP to pitch Yogendra Yadav as Haryana CM candidate: Kumar Vishwas After Delhi, AAP to launch political innings in Haryana with psephologist and political scientist Yogendra Yadav as chief ministerial candidate AP After water, electricity will be the next challenge for AAP The government will have to incur an annual expenditure of around Rs. 5,000 crore if it decides to halve the power rates for around 40 lakh domestic consumers AAP keeps promise of 700 litres free water Decision taken at chief minister Kejriwal's residence; cost will be borne by the Jal Board for first three months Cop suspended for over-enthusiasm at Arvind Kejriwal's swearing-in Constable Rajesh Kumar allegedly climbed a barricade, flung his beret cap in the air and shouted slogans supporting Kejriwal; departmental inquiry initiated against him for insubordination Elderly poor turn to Kejriwal for universal pension Even though pensions did not feature in AAP's election manifesto, the party has promised pensioners that if they came to power, the issue would be given utmost priority Live Images Field Rahul Gandhi and Narendra Modi against me in Amethi, says AAP leader AAP leader dares BJP's prime ministerial candidate to contest from Amethi and see who wins, even as the Congress is yet to formally announce its candidate which is likely to be Rahul Gandhi Arvind Kejriwal calls in police to control crowd outside house While the UP Police are managing the traffic and crowd influx outside the premises, a Delhi Police team is stationed inside the housing society Kejriwal holds the Janata Darbar AAP cracks whip, shunts out power secy Kejriwal-led govt shunts out water board chief, to take call on free water on Monday, power on Tuesday Kejriwal seeks 10 days to resolve Delhi people's issues The newly appointed Delhi CM has stated that he would look into all grievances of the people of Delhi AAP tunes up in Goa, sign up Remo as member The AAP has roped in the popular Goan musician to announce their arrival in Goa in style Kejriwal to prove majority on Thursday The newly elected Chief Minister of Delhi will prove his government's majority on January 2 Prashant Bhushan assures AAP's support to agitation against Kudankulam nuclear plant Bhushan says AAP has always opposed nuclear energy and also the Kudankulam Nuclear Power Project and the party supports the cause of People's Movement Against Nuclear Energy in difficult times AP Kejriwal is Delhi's new CM, promises change AAP chief makes history as he takes oath watched by thousands of supporters Kejriwal assigns portfolios, keeps home, power Delhi CM assigns education to Sisodia; youngest member Rakhi Birla to handle women and child development Helpline against bribe in 2 days: Kejriwal Delhi CM asks people to take a pledge not to give or take bribes Kejriwal promises clean government, warns of dangers A "historic day" but the path ahead would be long and challenging, says new Delhi CM Don't be arrogant, Kejriwal cautions partymen The new Chief Minister of Delhi has warned his partymen against getting drunk with power Arvind Kejriwal takes oath as Delhi CM Tens of thousands of supporters cheer Kejriwal and six other AAP MLAs as they are sworn in Reuters Thousands pack Ramlila Maidan as Kejriwal takes Metro Large crowds began gathering at the sprawling ground in the heart of Delhi from early in the morning to see Kejriwal Ramlila Maidan ready to host Kejriwal's swearing-in The PWD has painted pavements and road-dividers on the periphery of the maidan Kejriwal will be the fourth CM from this village Bhiwani region of Haryana is all set to celebrate another CM from the village Youngest chief ministers: In pics In a country where political careers begin at 60, Arvind Kejriwal is an exception, donning the mantle of chief minister at 45. In fact, he is the youngest CM of Delhi. But he isn't the youngest to hold the post. Take a look AP Kejriwal, cabinet to take oath today in history-making event In a first, AAP founder will take the metro to the Ramlila Maidan to take oath as seventh chief minister of Delhi Is Kejriwal's water promise a mirage? Or can he deliver? Private water tankers, who are hand-in-glove with DJB officials, illegally draw water from DJB pumping stations and sell it at exorbitant price to areas that don't have piped water Kejriwal to ride metro to swearing-in; tight security at venue This is only the second time that a swearing-in ceremony is being held at a public place. In 1996, BJP leader Sahib Singh Verma took oath in a stadium Home ministry to inspect AAP accounts over foreign funding Sheila Dikshit had questioned source of funding of AAP, whose main poll plank was to check graft Kejriwal sends back cops sent to protect him Four armed policemen had been sent to the residence of Delhi CM-designate Kejriwal sees conspiracy in CNG price hike in Delhi Delhi CM-designate questions the timing of the steep rise in CNG price - the second such hike in 3 months All invited for AAP ka big day Two days ahead of his swearing-in, AAP leader Arvind Kejriwal meets aam aadmi at his home; complaints relating to water and electricity start pouring in Reuters Kejriwal's swearing-in gets a date with Congress history December 28 also happens to be the 128th anniversary of the foundation of the Congress; incidentally the Congress suffered a massive defeat in the hands of the AAP and is now supporting them from outside Reuters Two days ahead of his swearing-in, AAP leader Arvind Kejriwal meets the aam aadmi at his residence; complaints relating to water and electricity start pouring in AAP's 'cheaper power' promise not 'doable' Delhi government spends about Rs 550 crore annually to subsidise electricity; this will increase to nearly Rs 5000 crore if the AAP government reduces tariff by half AAP will bring changes in two months: Somnath Bharti Soon to be minister in the Delhi cabinet, Somnath Bharti, says AAP's top agenda will be slashing power tariff; promises to completely overhaul the system with visible changes in two months
AAP govt swearing in on Dec 28 President accepts Delhi Lt Governor's proposal on govt formation by Aam Aadmi Party with support from Cong No alliance, understanding with Cong: AAP "It is entirely the Congress party's prerogative to take a decision about what they wish to do in the government formation scenario in Delhi," AAP leader Yogendra Yadav said AAP downplays the party's reported rift over allocation of cabinet berths; 'dissenting' MLA Vinod Kumar Binny says he is here to serve the people The Congress party will now pursue a one-point programme of trying to bracket themselves with the AAP in the people's minds
Oath taking ceremony unlikely Thursday: Kejriwal Swearing-in ceremony, which is likely to take place ar Ramlila Maidan, may not happen on Dec 26; Kejriwal says he will speak to Anna Hazare once date is finalised to invite him
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Reuters Kejriwal says no to bungalow too Aam Aadmi Party (AAP) chief Arvind Kejriwal, who is set to become the chief minister of Delhi, on Tuesday refused chief secretary D M Sapolia's proposal for an official bungalow. The chief secretary met Kejriwal at his residence to chalk out plans for the latter's swearing-in-ceremony on December 26. 'Unwell' Hazare to skip Kejriwal swearing-in The Gandhian has further fuelled the speculation of a rift between him and his protégé as he stated that he will skip the swearing-in of Arvind Kejriwal as the next Chief Minister of Delhi CM-designate Kejriwal stands firm on no security Arvind Kejriwal stands firm on refusing security even as both UP and Delhi police have approached him requesting him to accept the security he is entitled to; Kejriwal says, 'God is my biggest security'
AP AAP releases video justifying Congress support The Aam Aadmi Party (AAP) has released a video justifying its decision to take outside support from the Congress to form a government in Delhi. Posted on micro-blogging site Twitter, the video starts with a question: "Should we form the government?" The party says it put the query before 26 lakh people in Delhi. 'Hand' divided over support to AAP Divisions in Congress on Tuesday came out in open over its support to Aam Aadmi Party to form government in Delhi but there were indications that the party will not rush into withdrawing support immediately. Will AAP bring in a new style of governance? The fledgling party has made a slew of promises from lower electricity bills to more water supply, from mohalla sabhas to fasttrack courts; many are sceptical about how much of this will actually be implemented
Reuters AAP betrayed people of Delhi: BJP Slamming AAP's decision to form the government in Delhi with the support of "corrupt" Congress, BJP on Monday said the newbie party, which entered politics with a vow to fighting corruption, has not only compromised on its principles but betrayed the faith of the citizens. Kejriwal set to become CM, firm on his promises AAP leader Arvind Kejriwal, who is all set to become the chief minister, on Monday said reducing power tariff by 50 per cent, providing 700 litres water free to each household, implementing Jan Lokpal Bill and ending VIP culture will be high on his agenda.
AP Grassroots workers want AAP government, but wary of Congress AAP volunteers apprehensive about Congress support; say it's a "marriage of convenience" but voice fears of congress possibly pulling the plug at a crucial time AAP set to rule Delhi, Kejriwal to be CM Kejriwal, an engineer by training and a former Indian Revenue Service officer whose social activism won him the Ramon Magsaysay award is all set to be the chief minister AAP juggernaut moves to Mumbai Aam Aadmi Party leader says candidates would be fielded from 36 assembly seats in the country's commercial capital Weak UPA leadership creating a jholawalla gang: Pawar NCP chief Sharad Pawar takes a dig at Aam Aadmi Party, says the "jhola class" has unrealistic ideas; slams Congress for massive defeat in four states | * AP Delhi: AAP makes stunning debut AAP, which came into existence as a political party only last year, surprised both the ruling Congress and the BJP AAP says more power to people in manifesto These and other promises like decentralization by holding mohalla sabhas are some of the measures mentioned in AAP's poll manifesto Arvind Kejriwal: Engineer who set the cat among political pigeons Kejriwal created a sizeable fan following in the slums and working class areas of Delhi while also attracting youths and the middle class by protesting against power hikes last year AAP referendum a farce: Jaitley Arun Jaitley accuses Aam Aadmi Party of "political opportunism"; says party is compromising on its commitments
Reuters AAP says it's ready for power in Delhi The Aam Aadmi Party (AAP) seems set to form a government in Delhi, with party leader Arvind Kejriwal saying on Sunday that "a major announcement" will be made on Monday. Support to AAP not unconditional: Congress A day ahead of AAP convener Arvind Kejriwal's expected decision on the issue of formation of government in Delhi, Congress said tonight its support to AAP was "not unconditional".
AAP to make announcement on government formation The Aam Aadmi Party said Sunday that the final announcement on whether it will form a government in Delhi will be made Monday after the party gets the opinion of Delhiites.
Aam Aadmi Party (AAP) leader Manish Sisodia Friday said the people of Delhi want them to form the new government in the national capital, but added that a final decision in this regard will be taken later.
Hung verdict: AAP to seek public opinion on Govt formation The Aam Aadmi Party (AAP) Tuesday said it will take a final decision on government formation Dec 23, after seeking public opinion in the capital until the weekend.
AAP says awaiting Congress, BJP stand on 18 points it raised AAP chief Arvind Kejriwal says his party wants to have a consensus on all the 18 issues with the Congress and the BJP, and will think forming government only after that AAP writes to Sonia Gandhi, Rajnath Singh "We have written a letter to Sonia Gandhi. We have also written a letter to Rajnath Singh," said Kejriwal after meeting Delhi Lt Governor Najeeb Jung from whom he sought 10 days time to take a decision on government formation. Live Images AAP sets terms for Cong, BJP to form govt The AAP leaders have written to the Congress and the BJP, seeking their stand on specific issues and putting forth certain conditions before deciding to form a government AAP seeks 10 days to decide on govt formation Aam Aadmi Party sought 10 days time from Lt Governor Najeeb Jung to take a decision regarding government formation in Delhi. AAP chief along with party members Manish Sisodia and Kumar Vishwas met Najeeb Jung Saturday. All eyes on AAP after Cong offer All eyes will be on Aam Aadmi Party after the Congress announced the support of its eight legislators to enable it to form a government despite a hung assembly in Delhi.
Live Images AAP says it can't form government The Aam Aadmi Party (AAP) said that it lacks the numbers to form a government in Delhi and this decision will be conveyed to Lt. Governor Najeeb Jung. We don't have majority (support) nor have we finished first" in the 70-member house, party leader Yogendra Yadav told the media. Congress, BJP offer support to AAP to form govt in Delhi In a sudden twist to politics over government formation in Delhi, both the Congress and the BJP on Friday offered support to Aam Aadmi Party. This even as Arvind Kejriwal's party made it clear on Friday that it was not interested in forming the government. Anna asks AAP leader to leave fast venue Hazare publicly rebuked Gopal Rai, asking him to leave the venue if he went ahead with disrupting the former Army chief Gen V K Singh's speech Live Images BJP shies away, it's AAP ki bari BJP, which emerged as the single largest party in Delhi Assembly polls but fell short of a majority, has declined to form a government, strengthening the likelihood of fresh election in the national capital. Aam Aadmi Party reaches out to Anna Hazare, vows to fight for Jan Lokpal Kumar Vishwas, a frontline AAP leader, termed Hazare as "a permanent source of inspiration" for his party AAP may pit this man against Rahul After making an impressive debut in Delhi, the Aam Aadmi Party (AAP) has said it would contest Lok Sabha elections and hinted that one of its leaders Kumar Vishwas would be contesting against Rahul Gandhi from Amethi.
Congress first offers unconditional support to AAP, then taunts Kejriwal As uncertainty loomed large over government formation in Delhi following a hung verdict, Congress on Tuesday first indicated its willingness to back the Aam Aadmi Party but later taunted it saying Arvind Kejriwal should join hands with BJP to fulfil his promises to the people. Pehle aap, pehle AAP syndrome hits Delhi Both Aam Aadmi Party and BJP rule out poll tie-ups to form govt, prefer to sit in the opposition or go for re-election
Corbis Party leader Manish Sisodia says it will sit in the opposition or go for a re-election BJP scores 4-0, Congress crushed, AAP stuns Delhi So humiliating was the Congress rout in three places that a sombre looking Congress president Sonia Gandhi said the outcome 'calls for deep introspection' AAP, BJP trade charges in Delhi Arvind Kejriwal, the founder of the Aam Aadmi Party, said that people from the BJP had approached the AAP to try and bribe candidates |
Aam Aadmi Party
Aam Aadmi Party Government in Delhi will listen to the grievances of common people outside Delhi Secretariat every Saturday from 9:30am to 11am. All the cabinet ministers will be present there.
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार प्रत्येक शनिवार को सचिवालय के बाहर सड़क पर आम जनता की शिकायतें सुना करेगी। आज एक प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वे प्रत्येक शनिवार को सचिवालय के बाहर आम जनता से मिलेंगे। उनके साथ सभी छह मंत्री भी मौजूद होंगे।
मुख्यमंत्री न...See More — with Ganesh Patnaik and 49 others.
लोकतंत्र का निजीकरण है लोकपाल के पीछे छिपा एजेण्डा
अनुसूचित जाति आयोग जैसा ही होगा लोकपाल का हश्र?
अमित सिंह
संसद के दोनों सदनों से मँजूरी मिलने के बाद आखिरकार देश को पाँच दशक बाद भ्रष्टाचार से लड़ने के लिये बहुप्रतीक्षित लोकपाल मिल गया। आज का सवर्णपरस्त समाज अन्ना को दूसरे महात्मा की उपाधि देने लगा। यह किसका लोकपाल है? सरकार का या फिर अन्ना का? पता नहीं ! फिर भी चालीस साल से इसकी माँग हो रही थी क्यों? अन्ना को जो अनशन करने पड़े ? सांसदों को आधी-आधी रात तक माथापच्ची करनी पड़ी। और अब जब यह बन गया है, अन्ना कह रहे हैं कि यह लोकपाल जिसका भी है, अच्छा है। कम से कम चालीस-पचास फीसदी भ्रष्टाचार तो इससे कम हो ही जायेगा। बताते हैं कि राहुल ने इस मामले में अगुवाई की। अब अन्ना कम से कम लोकपाल को लेकर तो अनशन नहीं करेंगे। बाकी की देखी जायेगी। अन्ना अब राहुल की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।
वैसे लोकपाल का जो भी स्वरूप सामने आया है, उसमें पता चल रहा है, कि यह तो कोई जेल भेजने वाला कानून भर है। मगर इसमें गलत शिकायत पाये जाने पर सजा और जुर्माने का जो प्राविधान किया गया है, उसे लेकर आम आदमी की चिन्ता वाजिब लगती है। अगर लोकपाल जेल भेजने के लिये ही बनना था, तो उसके लिये तो पहले ही बहुत से कानून थे। बेचारे लालू तो बिना लोकपाल के ही कई बार जेल हो आये हैं। राजा, कनिमोझी, कलमाड़ी भी बिना लोकपाल के जेल हो आये हैं। अरविंद केजरीवाल ने साफ हाथ झाड़ लिये हैं कि जी, हमारा वाला तो है नहीं और अन्ना जी वाला तो बिल्कुल भी नहीं है। वह तो जनलोकपाल था। पर यह तो जोकपाल है। इससे नेता तो क्या चूहा भी जेल नहीं जा पायेगा।
यह जानकर चूहे मस्त हैं। अब वे सरकारी गोदामों का अनाज एकदम तनावमुक्त होकर चट कर सकते हैं। लेकिन अन्ना कह रहे हैं कि चूहा तो क्या, इससे तो शेर भी जेल जायेगा। इससे शेर बेचारे और डर गये हैं। शिकारियों-तस्करों के चलते ज़िन्दगी तो उनकी पहले ही खतरे में थी, पर अब तो देर-सबेर जेल भी जाना पड़ेगा। नेताओं ने समझा था कि लोकपाल उनके खिलाफ है, लेकिन उन्हें लोकपाल मिल गया। इस चक्कर में राजनीति थोड़ी-बहुत उनके हाथ से खिसक गयी हो। यानी जो जिसको नहीं चाहिए था, वही उन सबको मिला।
लोकपाल पर अन्ना और केजरीवाल के बयानों और सोच में जमीन-आसमान का अन्तर है। इस अन्तर की समीक्षा में जब हम अन्य संवैधानिक संस्थाओं के गठन के पूर्व के संघर्षों, घोषणाओं, नियमों और उसके अमल करने के तरीकों पर आते हैं तो केजरीवाल की बातों में कुछ दम नजर आने लगता है।
उल्लेखनीय है कि समाज के सबसे पीड़ित तबके अनुसूचित जातियों एवम् जन जातियों के कल्याण के लिये संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत गठित एक सदस्यीय आयोग सन् 1951 से कार्य कर रहा था जिसे अनुसूचित जातियों एवम् जन जातियों के आयुक्त के नाम से जाना जाता था। उसका कार्यकाल 5 वर्ष का होता था। उसके स्तर को ऊँचा उठाने तथा विस्तृत अधिकार देने के लिये जनता पार्टी के शासन काल में सन् 1978 में कार्यकारी आदेश के तहत भोला पासवान शास्त्री की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय बहुसदस्यीय आयोग बनाया गया। उसे संवैधानिक दर्जा देने एवम् शक्तिशाली बनाने के लिये सत्तारूढ़ दल के साथ हीं साथ विपक्षी दलों एवम् दलितों के उदीयमान नेता राम विलास पासवान ने लगातार ऐड़ी-चोटी का जोर लगाया, आन्दोलन प्रदर्शन किया। बहुसदस्यीय आयोग को 65वें संविधान संशोधन द्वारा सन् 1992 में संवैधानिक दर्जा एवम् संवैधानिक अधिकार मिला और आयुक्त का पद विलोपित हो गया।
यहाँ केन्द्र की सरकार ने संविधान के विरूद्ध चुपके से नियमावली बनाते समय आयोग के कार्यकाल को 5 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष और उसमें राजनीतिक व्यक्ति को भी आयोग में पदस्थापित करने का प्राविधान डाल दिया। जबकि संविधान के अनुच्छेद 338 का अवलोकन करने पर पता चलता है कि इसमें कहीं भी राजनीतिक नियुक्ति का प्राविधान नहीं है। जब कुछ लोगों और संगठनों द्वारा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के दलीय राजनीति में भाग लेने का मामला उठाया गया तो सरकार ने मंत्रिमण्डल से राजनीतिक नियुक्ति के समर्थन में नियमावली बनवाली, जिसके कारण यह आयोग व्यवहार में अपनी प्रभावशीलता, निष्पक्षता, पारदर्शिता और उपयोगिता को खो चुका है।
उदीयमान नेता राम विलास पासवान, उदित राज और दलितों के बड़े प्रतिनिधियों ने सरकार से मिली भगत कर ली और इसके विरूद्ध कोई आवाज नहीं उठायी। उस उदीयमान नेता को भी कल्याण मन्त्रालय (अब सामाजिक न्याय और अधिकारिता मन्त्रालय) का प्रभार मिला। पर आयोग की बंधुआ आयोग वाली स्थिति पर कोई अन्तर नहीं आया। आज सैद्धान्तिक तौर पर अनुसूचित जातियों और जन जातियों के लिये बनाया गया शक्तिशाली आयोग व्यवहार में सत्तारूढ़ दल का (चाहे कांग्रेस, भाजपा या अन्य दल) अनुसूचित जाति/जनजाति प्रकोष्ठ(सेल) के रूप मेंबंधुआ मजदूर आयोग बन कर रह गया है। नियमतः आयोग को स्वायत्त, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया गया है। इसे सिविल कोर्ट के अधिकार दिये गये हैं। इसे प्रतिवर्ष अपनी वार्षिक रिपोर्ट तथा बीच में भी आवश्यकतानुसार कोई रिपोर्ट देने का अधिकार है तथा राष्ट्रपति को ऐसे सभी प्रतिवेदनों को संसद और सम्बंधित विधान सभाओं में एक्शन टेकेन रिपोर्ट के साथ रखवाने और चर्चा करने का संवैधानिक अधिकार है। पर यह वार्षिक रिपोर्ट भी चार-पाँच साल के अन्तराल पर ही दी जाती है और उसे भी सरकार चार-पाँच साल तक अपने पास रखे रहती है। पर व्यवहार में आज पी. एल. पूनिया कांग्रेस सांसद, बाराबंकी को राष्ट्रीय आयोग का अध्यक्ष नियुक्त कर सरकार द्वारा संवैधानिक प्राविधानों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। पूनिया राष्ट्रीय आयोग को कांग्रेस पार्टी के सेल के रूप में बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं।
आज तक किसी भी राजनीतिक पार्टी और दलितों के किसी भी सामाजिक राजनीतिक संगठन ने इसका सक्रिय रूप से विरोध नहीं किया है। ऐसा प्रतीत होता है कि सभी नेता इस कुर्सी पर देर सबेर बैठने की आश लगाये बैठे हैं। राष्ट्रीय आयोग के बारे में ''पिंजरे का शेर है राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जन जाति आयोग'' सम्बन्धी एक महत्वपूर्ण शोधपरक आलेख ''सम्यक भारत'' नई दिल्ली मासिक पत्रिका के अक्टूबर 2013 अंक में प्रकाशित हुआ था। यह आलेख सरकार की दुर्भावना और राजनीतिक दलों की चुप्पी को बड़े ही सिलसिलेवार ढँग से उजागर करता है, जो चौंकानेवाला है।
आज हमें राष्ट्र को सार्थक दिशा में ले जाने के लिये नेक-नियत, इच्छाशक्ति और आत्मबल की जरूरत है। जहाँ तक लोकपाल बिल की बात है यह लोकपाल को जाँच, अभियोजन और दण्ड के अधिकार देता है। कुछ लोग इसे लोकतंत्र और देश की सम्प्रभुता के लिये खतरा कहते हैं और यह अनुच्छेद 245 के तहत भारत के संविधान के खिलाफ है। अन्तर्राष्ट्रीय फंडिंग से ताकतवर बने कुछ एनजीओ वालों ने मीडिया और ग्लोबलाईजेशन की अर्थनीति से ताकतवर मध्यम वर्ग के रूप में उभरे प्रभुवर्ग की संतानों के सहयोग से जिस तरह भ्रष्टाचार के खातमे की आड़ में लोगों को भ्रमित कर बहुजन राजनीति को हाशिये पर पहुँचाने का काम किया है वह विचारणीय है। लोकपाल के पीछे छिपा एजेण्डा राजनीतिक प्रणाली के रूप में लोकतंत्र का निजीकरण है। देश इस समय दोराहे पर खड़ा है। राजनीतिक लोग अपना स्वार्थ तलाश रहे हैं! इसके अलावा लोकपाल के सामने आने वाले मामलों को यदि समयबद्ध तरीके से नहीं निपटाया जा सका, तब तो स्थिति हमारी अदालतों जैसी ही हो जायेगी, जहाँ आज तीन करोड़ से अधिक मामले वर्षों से लम्बित हैं! मगर यह छद्म आभास क्या लोगों की सोच को बदल सकता है या वे अपनी समझ और अनुभव पर यकीन करेंगे? उपर्युक्त पर नजर डालने पर अतीत का अनुभव बताता है कि क्या लोकपाल के साथ भी ऐसा ही होगा ? क्या केजरीवाल की बात सच होने जा रही है ?
About The Author
अमित सिंह, लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार व सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।
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इन्हें भी पढ़ना न भूलें
भाजपा में मौत के महासौदागर के वंशज !
1 day ago
क्या दूसरी बसपा बनने वाली है आप!
7 days ago
इन टोपियों की क़ीमत न चुकानी पड़े !
8 days ago
नज़र न लग जाए 'आपको' ! बधाई! हमारी शुभकामनाएँ ! !
13 days ago
हिंदू राष्ट्र, कारपोरेट राष्ट्र की बेदखली कर नहीं सकता
13 days ago
इसी व्यवस्था द्वारा पैदा किया गया तमाम सेफ्टी वाल्व और स्पीड ब्रेकर है "आप" #AAP
14 days ago
Palash Biswas
http://bhadas4media.com/state/up/lucknow/17131-2014-01-09-19-14-06.html
मुजफ्फरनगर-मातम, सैफई-डांस... हमें तो जाना है, उत्सव मनाना है...
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Palash Biswas
http://bhadas4media.com/vividh/17111-2014-01-09-14-19-44.html
केजरीवाल कूटकर टीआरपी दे रहे चैनलों को
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Palash Biswas
http://bhadas4media.com/print/17147-2014-01-10-17-24-39.html
तीन सौ करोड़ रुपये खर्च बताने वाला अखबार माफी मांगे : अखिलेश यादव
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Palash Biswas
http://bhadas4media.com/vividh/17132-2014-01-09-19-18-01.html
मुजफ्फरनगर दंगों की लपटों की रौशनी में मनाया गया है सैफई महोत्सव
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Palash Biswas
http://bhadas4media.com/state/delhi/17137-2014-01-10-10-22-33.html
खुलकर मोदी के समर्थन में आईं अन्ना की शिष्या... अब किरण बेदी को पाप नहीं लगेगा?
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India Today
Kejriwal's janata darbar received the maximum number of complaints from....government employees !!!
Arvind Kejriwal' 'Janata Darbar' received maximum complaints from govt employees : North, News -...
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Palash Biswas
http://bhadas4media.com/vividh/17141-up-saifai-tour-bhadauria.html
मौज-मस्ती का दूसरा नाम मुलायम का समाजवाद
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Palash Biswas
http://bhadas4media.com/edhar-udhar/17157-2014-01-10-19-19-08.html
राज्यसभा टिकट नहीं दिया तो छाप रहे हैं गलत खबर : अखिलेश
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Palash Biswas
http://bhadas4media.com/article-comment/17153-2014-01-10-18-26-19.html
समस्या जो आम आदमी पार्टी में जाकर भी खत्म नहीं कर पाएंगे आईबीएन के आशुतोष
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Palash Biswas
http://bhadas4media.com/vividh/17160-lokpal-sc-st-commission-amit.html
अनुसूचित जाति आयोग जैसा न हो लोकपाल का हाल
Palash Biswas
http://bhadas4media.com/state/delhi/17152-2014-01-10-18-22-36.html
'आप' के महिमामंडन में क्यों लगा है 'आजतक'?
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Palash Biswas
http://mediadarbar.com/25576/we-need-to-read-again-mahishasur/
महिषासुर: पुनर्पाठ की क्यों जरुरत है..मीडिया दरबार « मीडिया दरबार
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Palash Biswas
http://mediadarbar.com/25528/who-is-responsible-for-mass-killing-in-bihar/
नरसंहार का गुनाहगार कौन…मीडिया दरबार « मीडिया दरबार
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Three Lt Colonels booked for recruitment scam in Indian Military Academy
The three have been accused of issuing fake experience certificates to candidates
Reuters
Dehradun: The Central Bureau of Investigation or CBI has booked three serving Lieutenant Colonels for their alleged role in a major recruitment scam in the Indian Military Academy in Dehradun.
Lieutenant Colonels Akhilesh Mishra, Jagdish Bishnoi and Ambarish Tiwari have been accused of issuing fake experience certificates to candidates in recruitments to group C and D cadres of the prestigious institute in 2011-2012, sources in the CBI have said. A case was filed against them earlier this week.
The accused have been charged with forgery, conspiracy and issuing fake certificates to candidates and are likely to be interrogated soon, sources said. Some arrests in connection with the case may also be made, they added.
The accused officers had allegedly issued forged documents to pave the way for recruitment of 34 candidates and helped in replacing the original answer sheets of 16 others to help them clear the written test, sources said.
Devyani Khobragade no longer enjoys immunity, may face arrest warrant: US
Indian diplomat Khobragade, who returned to India after she was indicted for visa fraud may face an arrest warrant as she no longer enjoys immunity
Reuters
Washington: The United States said senior Indian diplomat Devyani Khobragade, who returned to New Delhi, no longer enjoys immunity and she and Indian government were told that an arrest warrant might be issued against her.
"Prior to her (Devyani Khobragade) departure, it was conveyed to her and to the government of India that she is not permitted to return to the United States except to submit to the jurisdiction of the court.
"Her name would be placed in visa and immigration lookout systems to prevent the routine issuance of any future visa and upon her departure a warrant may be issued for her arrest", the State Department spokesperson, Jen Psaki, told reporters.
All you want to know about Devyani saga
Khobragade's departure from the US, she said, does not change the charges against her.
On Thursday, she was indicted in a New York court on two counts of visa fraud and misrepresentation of facts.
"The charges remain in place. There are processes that are standard processes in each of these cases, which we were abiding by throughout this process," the State Department spokesperson insisted.
AAP ka janta darbar suspended after chaos
Security personnel whisk away Delhi CM Arvind Kejriwal and ministers from venue of darbar
Reuters
New Delhi: Chaos prevailed at the first 'Janta Darbar' organised by the AAP government outside the Delhi Secretariat today, forcing Chief Minister Arvind Kejriwal to leave the venue mid-way as thousands gathered to register their grievances.
A huge crowd thronged the venue where the Chief Minister and his entire Cabinet sat to resolve the problems of the people. Delhi Police and Sahastra Seema Bal (SSB) personnel had a tough time managing the crowd as barricades at some places were broken down by the people.
The swelling crowd at the meet forced Kejriwal to leave the meeting half way through. "We had not even imagined that so many people will turn out today. It was becoming difficult to manage them...If I had not left the venue, there was a possibility of a stampede," Kejriwal told reporters.
Police estimated that 50,000 people had gathered in front of the secretariat. The crowd mostly comprised contractual workers from various government departments like DTC, power company BSES, different government hospitals, municipal corporations, among others demanding permanent status.
Sunita Kapoor from Mandawali in east Delhi reached the secretariat at 6 am for the meeting that was to start at 9:30 am. She met Kejriwal and complained about unauthorised occupation of her flat.
"I have been assured by the Chief Minister that I will be helped in the matter," she said. The complainants, who met the Chief Minister or the Cabinet ministers, were issued a receipt about their complaints. Officials of various government departments as well as of DDA, municipal corporations and police were also present at the meeting.
The entire stretch of road that goes from ITO towards Rajghat was closed and barricades put up on the divider so that people can sit on one side of the road.
Addressing public grievance
The Chief Minister had earlier announced that the entire cabinet will sit in front of the Delhi Secretariat on Saturdays to receive grievances from people and efforts will be made to solve them immediately. On weekdays, one minister will receive grievances from the public.
"Public grievance is another major issue. It is a major issue for any government. It is the duty of every government to resolve those grievances. Public grievance is just a symptom, the disease lies somewhere else," said Kejriwal.
Grievances will be segregated into five categories depending upon their urgencies. "The urgent cases related to school admission or admission to a hospital will be resolved on the spot. In the next category, ministers will mention the time frame to resolve the grievance.
"Those related to policy matters will require time. They will be forwarded to the respective ministers for their considerations, he had said.
The next category will be for taking suggestions from the public. A team will be formed to look into them and regularly put up best of the suggestions to the Chief Minister. Another is miscellaneous category and the last is for those which are not related to the government, he had said.
Kejriwal had said that unlike previous governments, he will not go by the compliance reports filed by the officials but will ensure that the complainant is absolutely satisfied.
Left 'janata darbar' venue to avoid stampede: Arvind Kejriwal
The janata darbar had to be suspended mid-way to avoid a stampede, said the Delhi CM and AAP founder Arvind Kejriwal
Reuters
New Delhi: As chaos prevailed at AAP government's first 'janta darbar' here, chief minister Arvind Kejriwal on Saturday said he left the venue to avoid a stampede-like situation and admitted that arrangements were not adequate.
"We will have to improve the arrangements. If I had not left the place then there was a possibility of a stampede. Everybody wanted to meet me. We will streamline the system so that a similar situation does not recur," he said.
"We will improve the system. I will sit with the officers and make necessary arrangements," he told reporters. The chief minister was taken to his office by police personnel after the crowd at the public meet outside the Delhi Secretariat went out of control.
Kejriwal came out after a short while and asked the people to go back. The chief minister stood on the boundary wall of the Secretariat and told the crowd that their problems will be addressed at the next meeting.
The entire Delhi Cabinet was present at the meet in Indraprastha Extension to attend grievances of the citizens. Kejriwal convened the meet to directly interact with the common people and resolve their problems.
Thousands of people had gathered at the venue since 9am. Police had put up barricades along the road outside the Secretariat as well as other arterial roads nearby but surging crowd went out of control creating chaos at the venue.
Two days back, Kejriwal had announced that his entire cabinet will sit outside the secretariat to resolve grievances of people.
Police estimated that 50,000 people had gathered in front of the secretariat. The crowd mostly comprised contractual workers from various government departments like DTC, power company BSES, different government hospitals, municipal corporations, among others demanding permanent status.
Sunita Kapoor from Mandawali in east Delhi reached the secretariat at 6am for the meeting that was to start at 9:30am. She met Kejriwal and complained about unauthorised occupation of her flat. "I have been assured by the chief minister that I will be helped in the matter," she said.
The complainants, who met the chief minister or the Cabinet ministers, were issued a receipt about their complaints.
Officials of various government departments as well as of DDA, municipal corporations and police were also present at the me
India's industrial output shrinks, trade gap widens
The second successive fall in the output and slowing exports growth will likely dampen hopes for a rebound in Asia's third-largest economy
Reuters
New Delhi: India's economic woes worsened on Friday with a surprise contraction in industrial production and a wider trade deficit, adding to troubles of the ruling alliance as it heads into a tough national election seeking a third term.
Production at factories, mines and utilities shrunk for the second straight month in November, by 2.1 percent, data from the Statistics Ministry showed, dragged down by a contraction in consumer goods output.
Analysts polled by Reuters had predicted output to grow 1.0 percent. "The November industrial production figures continue to show that the Indian industrial sector remains in recession, with clear evidence that domestic consumption remains weak," wrote Rajiv Biswas, Asia-Pacific chief economist at His.
Meanwhile, the trade deficit widened to $10.14 billion last month from $9.22 billion in November on waning exports growth, data from the Trade Ministry showed on Friday. Merchandise exports rose 3.49 percent year-on-year to $26.35 billion, slowing down from a 5.86 percent pace in November.
The second successive fall in the output and slowing exports growth will likely dampen hopes for a rebound in Asia's third-largest economy that is struggling to come out of a situation that some analysts define as stagflationary.
For the past four quarters, economic growth has been stuck below 5 percent while prices are rising.
The ruling Congress party is desperately seeking a rebound to help win back voters in the election expected between April and May. Opposition prime ministerial candidate Narendra Modi has made the depressed economy a central plank of his campaign.
Strong exports along with a robust farm output were expected to usher in an economic revival, beginning in the October-December quarter.
The latest data may make investors more wary of committing fresh investments in an economy that recorded 9 percent annual expansion until two years back and was widely expected to be one of the main drivers of the global economic recovery.
Looming elections as well as lingering uncertainty over the future course of the U.S. Federal Reserve's monetary policy, which has flooded emerging markets including India with cheap money, have already turned many investors cautious.
The latest industrial data shows no departure from a torrid narrative of weak investments and flagging consumer demand.
The production of consumer goods, a proxy for consumer demand, fell an annual 8.7 percent in November. The sector has grown just once in last seven months.
Capital goods production, a barometer for investments in the economy, grew just 0.3 percent in November from a year earlier.
India rejects Vedanta's bauxite mine request
Environment ministry says no after locals opposed mining in the Niyamgiri hills of Odisha; Vedanta has been struggling to source bauxite since 2007
Reuters
Bhubaneshwar: The environment ministry has rejected London-listed Vedanta Resources Ltd's request to mine bauxite in the Niyamgiri hills of Odisha state after local residents opposed mining in the area they consider sacred, an official said on Saturday.
Vedanta Aluminium's 1 million tonne-a-year alumina refinery in the eastern state has been struggling to source key raw material bauxite since its commissioning in August 2007. The company has been forced to import bauxite as a result.
"Vedanta forest clearance has been rejected. There will be no mining in Niyamgiri hills," Saswat Mishra, Chairman of the Orissa Mining Corporation told Reuters. An official of Vedanta declined to comment.
The mining project near the Lanjigarh refinery in Kalahandi district, about 450 km (280 miles) from state capital Bhubaneswar, had drawn the anger of rights groups globally.
India's top court in April last year ordered the state to submit a report based on the views of the local villagers to the federal environment and forests ministry. Residents of all
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