अब ललित मोदी का दावा-सट्टेबाज से थे 3 क्रिकेटरों के संबंध
संस्थागत भ्रष्टाचार का यह मुक्तबाजारी हिंदुत्व जो राजनीति है खालिस,जो देश बेचो अभियान है विशुद्ध,भारतीयआम जनता की आस्थाओं से खिलवाड़ का नंगानाच है सोनपुरवाला,का यह आईपीएल कार्निवाल को मत देने लगा है।इसका मजा लीजिये।बदलेगा कुछ भी नहीं,जबतक न आप बदल देने का फैससला कर लें।
पलाश विश्वास
प्रभू चावला का वह पवित्र तेवर याद कीजिये और राडिया टेप के नायकों नायिकाओं को तनिक याद कर लीजिये,तो चियारियों और चियारिनों के वेरी वेरी हाई प्रोफाइल के सच का सामना करना शायद आसान हो।
संस्थागत भ्रष्टाचार का यह मुक्तबाजारी हिंदुत्व जो राजनीति है खालिस,जो देश बेचो अभियान है विशुद्ध,भारतीयआम जनता की आस्थाओं से खिलवाड़ का नंगानाच है सोनपुरवाला,का यह आईपीएल कार्निवाल को मत देने लगा है।इसका मजा लीजिये।बदलेगा कुछ भी नहीं,जबतक न आप बदल देने का फैससला कर लें।
दो चार ललित मोदी और चाहिए, जिन्हें कुछ उखड़ने का डर न हो।अब प्रधानमंत्री भी निशाने पर हैं।वैसे भी ललित मोदी से प्रधनमंत्री और उनके सिपाहसालार अमित शाह के रिश्ते सुषमा और वसुंधरा से कम घने नहीं रहे हैं।बाकी नेताओं के नाम बी खुलने लगे हैं और देखना बाकी है कि यह तो झांकी है कि कहां कहां भव्य रामंदिर बनायेंगे।
राम की सौगंध लेकर हिंदू राष्ट्र बनाने का एजंडा लागू करने वाले कहां किस दलदल में अश्वमेध के घोड़े फंसा चुके हैं,किस्सा तोता मैना में यह खुलासा होना लेकिन बाकी है।
आने वाले खतरे के अंदेशे से गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पहले ही साफ कर दिया है कि आरोप चाहे कितने संगीन हों,सबूत भले मजबूत हो,किसी का इस्तीफा नहीं होने वाला है।संघ परिवार की किलेबंदी कितनी मजबूत है,अब अग्नि परीक्षा यह है जो सुषमा और वसुंधरा के इस्तीफे रोके हुए हैं और मंकी बातों के साथ साथ गोमांस का कारोबार चालू आहे।
चीन से रिश्ते सुधारने का दावा तो चीन ने तो इंडिया इंक को चूना लगाकर घरेलू बाजार दखल कर लिया।बुलेटट्रेनों से लेकर स्मार्ट सिटी तक में चीनी घुसपैठ अडाणी और अंबानी को रेवड़ियों के बदले।कैलास मानसरोवर का रास्ता श्रद्दालुओं के लिए खुला है तो आपदाओं के पहाड़ों में आपदाें मूसलाधार है।उत्तरखंड की देवभूमि में चार धामों की यात्रा बंद है।
महाजिन्न के गोमांस राजनय का हुआ जो है ,वह है कि चीन ने अरुणाचल से लेकर दक्षिण चीन सागर तक का दावा नहीं छोड़ा है और संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ पाकिस्तान के हक में वीटो का इस्तेमाल कर दिया।
कमसकम साबित हो गया कि तीनों सेनाओं से बाबा रामदेव के धंधे का विज्ञापन करवा लेने से कोई सैन्य जीत हासिल नहीं हो जाती और राष्ट्र का सैन्यीकरण तो आदिवासियों,दलितों र बहुजनों को शंबूक बनाकर सलवा जुड़ुम में भुनने के लिए है।
दो चार ललित मोदी और चाहिए,जिन्हें कुछ उखड़ने का डर न हो।अब तक आजाद भारत में ऐसा करिश्कमा कभी नहीं हुआ कि काजल की कोठरी में सारे रंग एकाकार है और पालिटिकल क्लास बिलियनर मिलियनर जनप्रतिनिधि से लेकर खिलाड़ी पिलाड़ी,पत्रकार हमाम में नंगे खड़े पाये गये।इसी बीच,कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगर चार महिला मंत्रियों का इस्तीफा लेने में खुद को 'असहाय' महसूस कर रहे हैं तो उन्हें खुद इस्तीफा दे देना चाहिए। ये चारों महिला मंत्री भ्रष्टाचार को लेकर निशाने पर हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता राजबब्बर ने संवाददाताओं से कहा, 'अगर प्रधानमंत्री इस्तीफा लेने में असहाय महसूस कर रहे हैं तो उन्हें लोगों को भ्रष्टाचार बर्दाश्त करने में विफल रहने के बारे में बताना चाहिए और इस्तीफे की पेशकश कर देनी चाहिए।' विवादों को लेकर प्रधानमंत्री की 'लगातार चुप्पी' पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा, 'चार महिलाओं ने सबसे ज्यादा मुखर और खुलकर बोलने वाले व्यक्ति को चुप करा दिया है।' जिन चार महिलाओं पर कांग्रेस ने निशाना साधा है उनमें राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और महाराष्ट्र की मंत्री पंकजा मुंडे शामिल हैं।
उन्होंने आश्चर्य जताया कि अगर प्रधानमंत्री को पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार है तो वह लोगों से किए उस वादे को नहीं निभा पाएंगे कि न तो वह भ्रष्टाचार करेंगे न किसी को भ्रष्टाचार करने देंगे।
बब्बर ने कहा, 'गार्ड जिस जगह की सुरक्षा कर रहा है वहां चोरी हो जाए तो क्या गार्ड अपने पद पर बना रहेगा। अगर गार्ड इस्तीफा नहीं देता तो उसे हटा दिया जाएगा।' चारों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए सत्तारूढ़ दल पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने महिला सशक्तीकरण का 'मजाक' बना दिया है।
हालांकि आखेर कुछ नहीं होना है।आरोप प्रत्यारोप के नाटक का पटाक्षेप तो होगा ही,देर सवेर मामला हमेशा की तरह रफा दफा होगा।
इससे पहले राडिया टेप में उजले चेहरे बेनकाब हुए लेकिन लमो के शब्दों में कहें तो किसी का कुछ भी नहीं उखड़ा।
चिटफंड को लेकर केंद्रीय जांच एजंसियों की सक्रियता तो देखते ही बनती थी।आरोपी और अभियुक्त अब हम साथ साथ हैं और मामला रफा दफा है।बेतचारे कुणाल और मदन मित्र जेल में हैं ।जबकि इसी बीच रिजर्व बैंक ने एनआरआई को चिटफंड में पूंजी निवेश की इजाजत दे दी है।
एक लालू प्रसाद को जेल,अम्मा को जल और फिर उनकी ताजपोशी के अलावा आजाद भारत के घोटालों और महाघोटालों में किसको कब सजा हुई है,बताइये।
ललित मोदी के धमाके इस वक्त बेहद खास हैं जबकि ग्लोबल हिदुत्व की सुनामी भारत महादेश तो क्या अमेरिका तक को अपने शिकंजे में ले रही है,तो विशुद्धता के धर्म के नाम पर अधर्म के कारोबार का ऐसा खुलासा हो रहा है,जिसमें नैतिकता के दावेदारों के उजले चेहरे बेनकाब है तो मुक्तबाजारी कैसिनो आईपीएल अर्थव्यवस्था में शत प्रतिशत हिंदुत्व के एजंडा का सच भी जगजाहिर है।
गालियों की देवभाषा और फतवों के कारनामों के बावजूद बजरंगी बिरादरी देश में किसी को कुछ भी कह लें,मार लें,जो मर्जी सो कर लें ,लेकिन ललित मोदी का उखाड़ नहीं सकते।
ललित मोदी गजब के खिलाड़ी साबित हो रहे हैं और धकाधक ऐसा पेले जा रहे हैं कि आईपीएल इंडियन विकीलिक्स की तरह हो गया है,सारे सबूत सार्वजनिक हैं,फिरभी किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।राजधर्म और राजसूय दोनों के बहुआयामी तिलिस्म खुल रहे हैं और मजा यह कि धमाके जारी हैं।
ताजा धमाका यह है कि भारत के दो बड़े क्रिकेटरों के अलावा वेस्टइंडीज के एक क्रिकेटर को रियल एस्टेट के एक बड़े कारोबारी ने रिश्वत दी थी। यह कारोबारी कथित तौर पर सट्टेबाज भी है।
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