दक्षिण अफ्रीका का मज़दूर आन्दोलन भीषण ठहराव और टूट-फूट के दौर से गुज़र रहा है। पिछले वर्ष नवम्बर में कोसाटू (दक्षिण अफ्रीकी ट्रेड यूनियनों का महासंघ) से नुमसा (धातु कामगारों का राष्ट्रीय संघ) के निकाले जाने की घटना के बाद हाल में नुमसा द्वारा मई 2015 में संयुक्त मोर्चे के गठन और मज़दूरों की एक अलग समाजवादी पार्टी के निर्माण की कोशिशों की ख़बरें आ रही हैं।
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