Friday, June 26, 2015

और जब आप अपने घर में खुद दमन होते देखें तो विरोध में चल रही जबान को ही काट दें?

smita choudhary <consultsmita@gmail.com>
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और जब आप अपने घर में खुद दमन होते देखें तो विरोध में चल रही जबान को ही काट दें? 
या बहरे हो जाए- कभी तो शर्म करें भाई - अब तो मुझे भी लाज आई- की मैं को आपके घर पैदा हुयी. और बहनों ने तो नंदोंको भी पछाड़ दिया- ठीक है की द्रौपदी का सबसे बड़ा दुश्मन द्रुपद ही था- लेकिन यहाँ तो कृष्ण भी बहरे हैं.
सौरी लेकिन आप सब लोगों के डबल स्टैण्डर्ड से घृणा होती है- आप पर दया तो बहुत आती है - लेकिन बस सोशल मीडिया और मोमबत्ती दहन से ज्त्नाकुछ होना था-हो चुका. 
गुड्सा उसेंडी तक से कोइ अपेक्षा नहीं. 
आप  जरूर मुझे लिस्ट पर रखें- भीगे जूते मारने के बाद खुशी तो होती है शुभ्रांशु- तुमने इन सबको कितना शर्मिन्दा किया है तुम भी देखो- तलाक चाहिए तो लेना पडेगा- वह सब केवल फंदर को दिखाने के लिए था- अन्ग्रेजी में कहाँ केस फ़ाइल होता है? गाजियाबाद में तो समझ भी नहीं आता - माँ को बस थोड़े दिन की खुशी दी- इससे पहले वह घी के दिए जलाती तुमने वापस ले लिया और दूसरा तो फ़ाइल होगा नहीं अब हर चीज के लिए तुम मुझ  पर निर्भर हो- सिवाय पैसे के- 
विदेश भाग जाओ- शुभ्रांशु भारत छोडो- आज भी तुम्हारा भला सोच रही हूँ. 
यहाँ तो २३ को केस लग गया सरकार. अब गवाही में सब तुम्हारे लोगों को बुलाऊंगी- फिर वे झूठी कहानियाँ लेकर आयेंगे- है ना जुलेखा जी- आपको अब सच्छाई दिखी या आपको भी यहीं दिखाऊँ?
हम सब को अपने गिरेहबान में झाँक लेना चाहिए- अधेड़ उम्र के लोग जो उदाहरण रख रहे हैं वह अनुकरणीय नहीं है- आपके लाइफ स्टाइल पर चौधरी जी का ओपिनियन लिख कर भेजूं?


2015-06-25 19:04 GMT+05:30 K M Bhai <akmyadav@gmail.com>:

  आपातकाल की 40वी बरसी के उपलक्ष्य में!


गूगों के देश में भी क्या कोई गीत गुन गुनायेगा

जिन्दगी के अक्स में क्या कोई सपने बनाएगा

महफ़िल ए गुर्बत आज इस फ़िराक में है

कि तेरे शहर में 

क्या कोई चिराग जलाएगा.....

उन्हें लगता है मकतल में आज

अँधेरा फिर जीत जायेगा........

   दरकती दीवारों से आवाजें उठती हैं 

कि तेरे शहर में

 क्या कोई इन्कलाब आएगा

           क्या कोई इन्कलाब आएगा..................


                                            

साथियों आप सभी से निवेदन है कि आपात काल की इस बरसी पर अपनी आवाज जरूर उठाये, घरों से बाहर निकल दमन और तानाशाही के खिलाफ विरोध जताए | 

                                        

                                              के एम् भाई 

                                                     cn. -8756011826 

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