Saturday, June 13, 2015

वह स्वयं के प्रशासनिक-आरक्षण (ADMINISTRATIVE-RESERVATION ) के लिय रेल रोकता है, लाठी-डंडे और गोली खाता है ! दुसरी तरफ ,वह गद्दार-देशद्रोही आरक्षित सीटों पर 1932 से गुलामों के नेता को गुलाम ,कठपूतली और प्रोढ़-प्रहलाद के रूप में पैदा करता है ! वह देश-भक्त, ईमानदार और नैतिक होने का झूठा दावा और नाटक क्यों करता है ?

लोकतंत्र बचाओ आन्दोलन
June 13 at 8:35pm
 
हिंदु/ब्राह्मण/जमींदार नेता-न्यायधीश-न्यूजमैन चौर,लुटेरा ,दौगला और बेईमान है ! यदि नही ,तो वह स्वयं-सिद्ध करे ! वह बेहरूपिया एक तरफ स्वयं के लिय राजनैतिक-आरक्षण (POLITICAL RESERVATION ) नही माँगता है ! वह स्वयं के प्रशासनिक-आरक्षण (ADMINISTRATIVE-RESERVATION ) के लिय रेल रोकता है, लाठी-डंडे और गोली खाता है ! दुसरी तरफ ,वह गद्दार-देशद्रोही आरक्षित सीटों पर 1932 से गुलामों के नेता को गुलाम ,कठपूतली और प्रोढ़-प्रहलाद के रूप में पैदा करता है ! वह देश-भक्त, ईमानदार और नैतिक होने का झूठा दावा और नाटक क्यों करता है ? वह आज नंगा हो रहा है ! वह मूलनिवासी-बहुजन आई.ए.एस, आई.आर.एस, आई.पी.एस, डी.सी,एस.डी.ऍम ,डॉ और इंजीनीयर (IAS ,IPS,IRS ,D.C. S.D.M ,DR., ADVOCATE & ENGINEER ETC) आदि तक को हरा देना व उन्ही की जात-बिरादरी के अनपढ़, जूती-गांठने वाले, झाड़ू लगाने वाले या अबोध-अविवाहित कन्या को जीता देने का षड्यंत्र रचता है ! यह किसी भी देशद्रोह या गद्दारी से कम नही है ! वह भ्रष्ट इन गुलामों के गुलाम-नेता की मौहर अपनी जेब में डाल लेता है ! अपनी मर्जी से उसे उसी तरह लगाता है जैसे अनपढ़ महिला-सरपंच का पती ही सरपंची करता है ! वह स्थाई-आवासी-शत्रु अनैतिक-पाप-युद्ध (IMMORAL-SIN-WAR ) मूलनिवासी-बहुजनों के घर में जाकर लड़ता है ! यानी जहाँ मूलनिवासी-बहुजनों की संख्या ज्यादा है वहीं से पालतू-नेता ढूंढा जाता है ताकि उनकी बढी हुई आबादी को लोकतांत्रीक रूप से प्रभावहीन एवम नेत्रत्व-विहीन बनाया जा सके ! उदाहरण देश की राजधानी दिल्ली के मंगोलपुरी, सुल्तानपुरी और कल्यानपुरी आदि ! जुल्म की दास्ताँ यंही खत्म नही होती है ! वह राम-श्याम ,गणेश ,हनुमान ,भक्तसिंह,राजगुरु, सुखदेव,राममनोहर-लोहिया, जयप्रकाश नारायण और सुभाष चन्द्र बोस आदि का नाम लेकर बेशर्मी व धडल्ले से जनरल/सामान्य/गैर-आरक्षित (GENERAL ) सीटों पर भी मूलनिवासी-बहुजनों को रोकता है ! वह सरे-आम उनके वोटों की चौरी उसी तरह कर लेता है जैसे बन्दर बिल्लियों को आपस में लड़ाकर पूरी रोटी स्वयं खा जाता है ! मूलनिवासी-बहुजन-गुलामों के कठपुतली-नेता के बदले में वह सामान्य-सीटों पर मूलनिवासी-बहुजनों की वोटों की चौरे करने का अपना जन्म-सिद्ध-हक एवम नैतिकता समझता है ! यह उसके बांयें हाथ का खेल है ! यानी आरक्षित और गैर-आरक्षित सीटों की दोनों ही जगहों पर उक्त-हिन्दुओं की दादागिरी उसी तरह चलती है जैसे "चित भी मेरी और पट भी मेरी और अंटा मेरे बाप का" ! वही चरित्र-हीन विधायक/ऍम.पी , मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनकर मूलनिवासी-बहुजनों के लिय प्रशासनिक व राजनैतिक-बैकलोग पैदा कर डालता है ! SCP-TSP धन की चौरी और अपव्यय करता है ! मूलनिवासयों को 67 साल बाद भी प्रोमोशन (PROMOTION) की अनुभूति और अनुभव से वंचित रख रहा है ! वह बिना वोट के अधिकार के कार्ड आधार कार्ड (VOTELESS- AADHAR) के नाम में अरबों खरबों की चौरी करता रहता है, और वोटर कार्ड भी बनवाना चालू रखता है ! इस हिंदुराज के क्रत्रिम-जाल को वह आत्मा-परमात्मा की तरह अमर और स्थाई बताता है ! जय मूलनिवासी-बहुजन-मीडिया ! डॉ आर.के. बौद्ध ! लोबा ,दिल्ली 14-06-15

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