' इप्टा ' के बहत्तरवें स्थापना दिवस पर शुभकामनाएँ -
" फिल्म ' गर्म हवा ' का सकारात्मक पक्ष यह भी रहा कि इस फिल्म से उस दौर के समानांतर सिनेमा की क्रांतिकारी शुरुआत हुई l एम् एस सथ्यु स्वयं इप्टा से जुड़े थे इसलिए फिल्म में दिल्ली , मुंबई व आगरा के अनेक इप्टा के कलाकारों को विभिन्न भूमिकाएँ दी गईं l बलराज साहनी के जीवन की यह अंतिम फिल्म थी वहीँ फारुख शेख ,जितेन्द्र रघुवंशी जैसे कलाकारों की शुरूआती फिल्म l जितेन्द्र रघुवंशी इस फिल्म में आन्दोलनकारी युवा बेरोजगारों की टीम में शामिल थे और ऐसे कलाकारों को उस समय फिल्म की भाषा में एक्स्ट्रा कहा जाता था l इस फिल्म से शुरुआत कर वे मुंबई फिल्म जगत में एक बेहतर स्थिति बना सकते थे लेकिन उन्होंने विचारधारा पर आधारित रंगमंच को प्रमुख स्थान दिया और इप्टा के सांगठनिक मोर्चे पर अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वाह किया l इस फिल्म में उनके साथ युवा बेरोजगारों की टीम में उनके भाई शैलेन्द्र रघुवंशी और उनके मित्र दिनेश सन्यासी , दलजीत सिंह , दीपक कपूर आदि भी शामिल थे l यह समस्त कलाकार इस फिल्म के माध्यम से प्रेरित हुए और उन्होंने फ़िल्मी दुनिया के ग्लैमर की बजाय विचारधारा और प्रतिबद्धता का मार्ग चुना l " ( इप्टा नामा में शीघ्र प्रकाश्य लेख से ) - शरद कोकास
" फिल्म ' गर्म हवा ' का सकारात्मक पक्ष यह भी रहा कि इस फिल्म से उस दौर के समानांतर सिनेमा की क्रांतिकारी शुरुआत हुई l एम् एस सथ्यु स्वयं इप्टा से जुड़े थे इसलिए फिल्म में दिल्ली , मुंबई व आगरा के अनेक इप्टा के कलाकारों को विभिन्न भूमिकाएँ दी गईं l बलराज साहनी के जीवन की यह अंतिम फिल्म थी वहीँ फारुख शेख ,जितेन्द्र रघुवंशी जैसे कलाकारों की शुरूआती फिल्म l जितेन्द्र रघुवंशी इस फिल्म में आन्दोलनकारी युवा बेरोजगारों की टीम में शामिल थे और ऐसे कलाकारों को उस समय फिल्म की भाषा में एक्स्ट्रा कहा जाता था l इस फिल्म से शुरुआत कर वे मुंबई फिल्म जगत में एक बेहतर स्थिति बना सकते थे लेकिन उन्होंने विचारधारा पर आधारित रंगमंच को प्रमुख स्थान दिया और इप्टा के सांगठनिक मोर्चे पर अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वाह किया l इस फिल्म में उनके साथ युवा बेरोजगारों की टीम में उनके भाई शैलेन्द्र रघुवंशी और उनके मित्र दिनेश सन्यासी , दलजीत सिंह , दीपक कपूर आदि भी शामिल थे l यह समस्त कलाकार इस फिल्म के माध्यम से प्रेरित हुए और उन्होंने फ़िल्मी दुनिया के ग्लैमर की बजाय विचारधारा और प्रतिबद्धता का मार्ग चुना l " ( इप्टा नामा में शीघ्र प्रकाश्य लेख से ) - शरद कोकास
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