भरतपुर/बयाना/जयपुर।गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान लोगों ने ट्रैक पर ही अस्थायी झोंपड़ियां बना दी। गर्मी से बचने के लिए लोगों ने यह उपाय निकाला।वहीं समय बिताने के लिए भी लोगों ने जमकर नाच-गाना किया।पिछले तीन दिन से आम जनजीवन की रफ्तार थमी हुई है।पांच फीसदी आरक्षण के लिए गुर्जर पटरियों पर बैठे हैं।शनिवार को एक बार लगा शायद सुलह हो जाएगी, पर बात नहीं बनी।तीन मंत्री वार्ता के लिए बयाना पहुंचे थे। एक मेज पर आकर भी दोनों पक्ष उतने ही दूर रहे जितना पहले दिन थे। पर यह सकारात्मक शुरुआत है।बात अगर शुरू हुई है जो जल्द मुकाम पर भी पहुंच सकती है।
गौरतलब है कि आंदोलन के तीसरे दिन शनिवार को बयाना में सरकार और आंदोलनकारियों के बीच हुई वार्ता विफल हो गई।वार्ता में आए तीन मंत्रियों से गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों ने आरक्षण देने का फॉर्मूला पूछा।जवाब में मंत्री बोले-आरक्षण तत्काल देना संभव नहीं है।मामला कोर्ट में है।फैसला वहीं से आएगा।इस पर गुर्जर नेता वार्ता छोड़कर चले गए।इससे पहले दोनों पक्षों में करीब सवा घंटे आरक्षण पर मंथन चला। बैठक बयाना के केएनएस आईटीआई कॉलेज में शनिवार शाम करीब साढ़े छह बजे शुरू हुई थी।आंदोलनकारियों की तरफ से आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक किरोड़ी सिंह बैंसला पांच अन्य प्रतिनिधियों के साथ वहां पहुंचे थे।इससे पूर्व, गुर्जर आंदोलन की सातवीं बरसी पर शनिवार को कारबारी में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।इसमें गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ीसिंह बैसला व गुर्जर नेताओं ने 2008 में मारे गए 16 लोगों को श्रद्धांजलि दी। 20 कंपनियां तैनात राज्य सरकार की मांग पर केंद्र से सुरक्षा बलों की 20 कंपनियां यहां पहुंच गई है।स्थानीय प्रशासन ने उनको तैनात कर दिया गया है।
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