Tuesday, April 26, 2016

चोरी के बाद सीनाजोरी और फिर खून की होली! '২০টি আসন পেয়ে দেখাক', জোটকে চ্যালেঞ্জ মমতার! केसरिया धर्मोन्मादी असहिष्णुता के खिलाफ बंगाल सबसे ज्यादा मुखर है और धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील प्रतिरोध भी यहां सबसे ज्यादा है लेकिन इस असहिष्णुता का क्या कहिये कि गायपट्टी में गोमांस को लेकर हत्या का फतवा है तो प्रगतिशील धर्मनिरपेक्ष बंगाल में सत्ता के खिलाफ वोट देने का शक या विपक्ष के साथ खड़ा दीखने का नतीजा एक ही है।वह कुछ भी हो सकता हैः हत्या, बलात्कार, लूटपाट,आगजनी,बम गोली कुछ भी। चुनाव नतीजा कुछ भी हो,जनादेश कैसा ही हो,बंगाल में अमन चैन खत्म है! हालीशहर में तीन साल की बच्ची को धुन डालने के हादसे के बाद लोकतंत्र के चेहरे पर लगे खून के धब्बे सात समुंदर के पानी से अब धुलने वाला नहीं है और अब खून की होली के सिवाय राजनीति या सत्ता कुछ भी नहीं है। केंद्रीय वाहिनी अनंत काल तक बंगाल में कानून और व्यवस्था की निगरानी करते हुए अमन चैन बहाल रखने के लिए नहीं रहने वाली है और रहेगी तो पूरा बंगाल के जंगल महल में तब्दील हो जाने की आशंका है। बंगाल में बेलगाम हिंसा की यह बाहुबलि राजनीति समाज परिवार भाषा अर्थव्यवस्

चोरी के बाद सीनाजोरी और फिर खून की होली!

'২০টি আসন পেয়ে দেখাক', জোটকে চ্যালেঞ্জ মমতার!

केसरिया  धर्मोन्मादी असहिष्णुता के खिलाफ बंगाल सबसे ज्यादा मुखर है और धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील प्रतिरोध भी यहां सबसे ज्यादा है लेकिन इस असहिष्णुता का क्या कहिये कि गायपट्टी में  गोमांस को लेकर हत्या का फतवा है तो प्रगतिशील धर्मनिरपेक्ष बंगाल में सत्ता के खिलाफ वोट देने का शक या विपक्ष के साथ खड़ा दीखने का नतीजा एक ही है।वह कुछ भी हो सकता हैः हत्या, बलात्कार, लूटपाट,आगजनी,बम गोली कुछ भी।

चुनाव नतीजा कुछ भी हो,जनादेश कैसा ही हो,बंगाल में अमन चैन खत्म है!


हालीशहर में तीन साल की बच्ची को धुन डालने के हादसे के बाद लोकतंत्र के चेहरे पर लगे खून के धब्बे सात समुंदर के पानी से अब धुलने वाला नहीं है और अब खून की होली के सिवाय राजनीति या सत्ता कुछ भी नहीं है।


केंद्रीय वाहिनी अनंत काल तक बंगाल में कानून और व्यवस्था की निगरानी करते हुए अमन चैन बहाल रखने के लिए नहीं रहने वाली है और रहेगी तो पूरा बंगाल के जंगल महल में तब्दील हो जाने की आशंका है।


बंगाल में बेलगाम हिंसा की यह बाहुबलि राजनीति समाज परिवार भाषा अर्थव्यवस्था संस्कृति पर इस तरह हावी है और उसका रवैया इतना आक्रामक आत्मघाती है कि पुरातन गौरवगान का रवींद्र संगीत कबीलों के हल्ला बोल में तब्दील है।



एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

हस्तक्षेप

टीवी चैनल 24 घेटे के मताबिक ममता बनर्जी ने विपक्ष को बीस सीटे जीतने की चुनौती दी है।देखेंः

'২০টি আসন পেয়ে দেখাক', জোটকে চ্যালেঞ্জ মমতার


পঞ্চায়েত থেকে পুরসভা, এমনকি লোকসভা ভোট বারবারই শাসকদলের বিরুদ্ধে বিরোধীদের অভিযোগ, 'তৃণমূল রিগিং করে জিতেছে'। এবার বিরোধীদের দিকে পাল্টা রিগিং করার অভিযোগ মমতা বন্দোপাধ্যায়ের, "বিরোধীরা রিগিংয়ের পরিকল্পনা করবে, আপনরা এখন থেকেই সতর্ক থাকুন"।

রায়দিঘির সভায় জোটকে চ্যালেঞ্জ জানিয়ে তৃণমূল সুপ্রিম মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় আরও বলেন, "ডিএম এসপি পাল্টে দিলেই ভোটে জেতা যায়?"  

সিপিএম নেতা সূর্যকান্ত মিশ্র এবং প্রদেশ কংগ্রেস নেতা অধীর রঞ্জন চৌধুরীকে নাম না করে কটাক্ষ করে তিনি বলেন, "এই নির্বাচনে অনেক ইতিহাস তৈরি হবে। সিপিএম-কংগ্রেস সাইন বোর্ড হবে। বামফ্রন্টের অস্তিত্ব থাকবে না"।


हालीशहर में तीन साल की बच्ची को धुन डालने के हादसे के बाद लोकतंत्र के चेहरे पर लगे खून के धब्बे सात समुंदर के पानी से अब धुलने वाला नहीं है और अब खून की होली के सिवाय राजनीति या सत्ता कुछ भी नहीं है।


बंगाल के ताजा हालात बयान करते हुए दिलोदिमाग लहूलुहान है कि आलम कुल मिलाकर यह है कि चोरी के बाद सीनाजोरी और फिर खून की होली।


ভোট মিটতেই 'আক্রান্ত' সিপিএম এজেন্ট থেকে কর্মী, হামলা যাদবপুর বিশ্ববিদ্যালয়ের অধ্যাপকের বাড়িতেওভোট মিটতেই 'আক্রান্ত' সিপিএম এজেন্ট থেকে কর্মী, হামলা যাদবপুর বিশ্ববিদ্যালয়ের অধ্যাপকের বাড়িতেও

যাদবপুর বিশ্ববিদ্যালয়ের অধ্যাপকের বাড়িতে হামলা চালাল দুষ্কৃতীরা। আক্রান্তের নাম প্রীতিকুমার রায়। বাড়ি নিউ বারাকপুরের মাসুমদায় অগ্রদূত সংঘের মাঠের পাশে। গতকাল রাত ১২টায় সেখানে হামলা চালায় জনা পনেরো দুষ্কৃতী। দুষ্কৃতীরা বাড়িতে ঢুকতে না পারলেও, বাইরের গেটের তালা ভাঙে। বাড়ির লোকের উদ্দেশে কটূক্তি ও বাইরে থেকে হুমকি চলতে থাকে। প্রীতিকুমার রায় দমদম উত্তর কেন্দ্রের বামপ্রার্থী তন্ময় ভট্টাচার্যের পোলিং এজেন্ট হয়ে বুথে বসেছিলেন।



नई पीढ़ी ने सत्तर की दशक की अराजकता नहीं देखी और उतना खून खराबा नहीं देखा ,लेकिन अब जो हालात हैं उससे तो यही लगता है कि इस रक्ताक्त वर्तमान की अराजकता के मुकाबले वह राजनीतिक संघर्ष कहीं बेहतर था।


कमसकम तब लडाई राजनीतिक थी और हत्यारों,बाहुबलियों,भूतों और रिश्वतखोरों का यह बोलबाला नहीं था।सिंडिकेट नहीं था।


इससे पहले भी चोरी थी लेकिन अब अभूतपूर्व सीनाजोरी है।शारदा से नारदा तक का सफर जायज ठहराया जा रहा और विरोध करने वालों का जुबान बंद किया जा रहा है।


भारत या बाकी दुनिया में कहीं भी खुली लूट को इस तरह जायज ठहराने का न इतिहास है और न सच को झूठ साबित करने के लिए बेलगाम हिसा का यह बोलबाला है।


इस बंगाल में सबसे जनप्रिय,जनता की तकलीफ पर कही भी कहीं भी पहुंचकर लड़ते रहने की साख और छवि का नतीजा यह खुली चुनौती है कि हम चोर हैं तो मत दीजिये वोट।


वोटरों को डराने का यह वैदिकी मंत्र है तो फिर सीनाजोरी भी कि सभ लेते हैं और हमारे लेने पर ही दोष?


लोकतंत्र महोत्सव का यह नजारा है कि गली मोहल्ले में झगड़ा फसाद की भाषा अब राजनीति की ही नहीं,आम बोलचाल है।


केसरिया  धर्मोन्मादी असहिष्णुता के खिलाफ बंगाल सबसे ज्यादा मुखर है और धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील प्रतिरोध भी यहां सबसे ज्यादा है लेकिन इस असहिष्णुता का क्या कहिये कि गायपट्टी में  गोमांस को लेकर हत्या का फतवा है तो प्रगतिशील धर्मनिरपेक्ष बंगाल में सत्ता के खिलाफ वोट देने का शक या विपक्ष के साथ खड़ा दीखने का नतीजा एक ही है।वह कुछ भी हो सकता हैः हत्या, बलात्कार, लूटपाट,आगजनी,बम गोली कुछ भी।


अब पश्चिम बंगाल की भाषा हिंसा है तो संस्कृति भी हिंसा है।चुनाव नतीजे भी शायद अब बेमतलब है,कोई हारे या जीते सत्तापक्ष या विपक्ष में फिर वही बाहुबलियों का वर्चस्व होगा और बहती रहेंगी खून की नदियां।नये जनादेश से तो इस हिंसा परिदृश्य में को ई बदलाव यकीनन आने वाला नहीं है।


दुनियाभर में सीना तानकर अपनी भाषा,अपनी उदारता,अपनी प्रगति और बंग संस्कृति बांग्ला राष्ट्रीयता का झंडा फहराने वाले भद्रलोक बंगाली इस बेमिसाल राजनीतिक हिंसा की वजह से दिवालिया हो गये हैं।


अर्थ व्यवस्था तो दिवालिया हैं ही,काम धंधे कल कारखाने रोजगार खत्म हैं।सारी की सारी जूटमिलें बंद हैं और चायबागानों में मृत्यु जुलूस रोजनामचा है ही,अब चुनाव नतीजा कुछ भी हो,जनादेश कैसा ही हो,बंगाल में अमन चैन खत्म है कि बंगाल में बेलगाम हिंसा की यह बाहुबलि राजनीति समाज परिवार भाषा अर्थव्यवस्था संस्कृति पर इस तरह हावी है और उसका रवैया इतना आक्रामक आत्मघाती है कि पुरातन गौरवगान का रवींद्र संगीत कबीलों के हल्ला बोल में तब्दील है।


चुनाव आयोग के चाकचौबंद इंतजामात और पुलिस प्रशासन की बदली हुई भूमिका की मुश्तैदी से बंगाल के लोकतंत्र उत्सव के अब तक हुए पांच चरणों के मतदान के दौरान केंद्रीय वाहिनी की मौजूदगी में कोई भारी हिंसा हुई नहीं है।


मतदान के आगे पीछे एहतियाती बंदोबस्त हटते ही केंद्रीय वाहिनी के इलाके से बाहर होते ही जो आगजनी,लूटपाट और हिंसा का सिलसिला चला है और जिस भाषा में बाकी दो चरणों के लिए चुनाव प्रचार हो रहा है,उससे बदलाव  के बदले खूनी रंजिश के तहत बदले का अनंत सिलसिला शुरु हो गया है।


जाहिर है कि केंद्रीय वाहिनी अनंत काल तक बंगाल में कानून और व्यवस्था की निगरानी करते हुए अमन चैन बहाल रखने के लिए नहीं रहने वाली है और रहेगी तो पूरा बंगाल के जंगल महल में तब्दील हो जाने की आशंका है।


अभी निबटाये गये मतदान के पांचवे चरण की शांति धारा 144 की बदौलत है और शायद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह कहना सच साबित होने जा रहा है कि आगे मतदान के लिए कर्फ्यू क्यों नहीं लागू करता चुनाव आयोग या 294 सीटों के लिए 294 दफा मतदान क्यों नहीं कराते।

गौरतलब है कि एक बार फिर ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर तीखे वार किये और दिल्ली के भाजपा और माकपा नेताओं को सत्ता का दलाल कहा।


ममता बनर्जी ने आयोग पर लोगों को मतदान से रोकने और केन्द्रीय बल पर मतदाताओं को आतंकित करने का आरोप लगाया।


कोलकाता से सटे पाटुली में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए

ममता बनर्जी ने कहा कि सुना है कि केन्द्रीय बल मतदाताओं को आतंकित कर रहा है। क्या आप सोच सकते हैं कि हावड़ा और उत्तर 24 परगना जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। चुनाव लोकतंत्र का उत्सव होता है और चुनाव आयोग लोगों की गतिविधियों पर रोक लगाने को कहता है। कर्फ्यू लगा दिया गया है।


न सत्तापक्ष को और न मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तेवर में किसी तरह की शर्मिंदगी का अहसास है कि  बीजपुर के हालीशहर इलाके  में वाममोर्चा समर्थक के परिवार के ऊपर हमला कर घर के लोगों के साथ मारपीट कर उन्हें घायल कर दिया गया।


यहां तक की हमला करनेवालों ने तीन साल के बच्चे को भी नहीं छोड़ा। बच्चे को लाठी से पीट कर घायल कर दिया। जबकि बच्चे की माॅ देवश्री घोष ने इस घटना के पीछे तृणमूल समर्थक अपराधियों का हाथ होने का आरोप लगाया है।


चुनाव आयोग के अधिकारी देवश्री के घर पहुंच कर घटना की जानकारी ली। मारपीट एवं धमकी के बावजूद चुनाव अधिकारियों के एक दल की निगरानी में देवश्री ने मतदान केंद्र जाकर अपना वोट डाला। इस घटना के आरोप में कुल पांच तृणमूल समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं तृणमूल ने आरोपों से इनकार किया है।

বাংলায় ভোট মানেই ঝামেলা, উপলব্ধি জওয়ানদের

শান্তিতে ভোট করানোর দায়িত্ব নিয়ে এসেছিলেন বাংলায়৷ দেখেশুনে এতদিনের কোনও অভিজ্ঞতার সঙ্গেই ম…


বুকে ব্যথা কমল না, এসএসকেএম-এ ভরতি করা হল মদনকে

বুকে ব্যথা ও শ্বাসকষ্ট না কমায় শেষপর্যন্ত এসএসকেএমের কার্ডিওলজি বিভাগে ভরতি করা হল মদন মিত্রকে। হাসপাতালের একদল চিকিৎসক তাঁকে ভরতি হওয়ার পরামর্শ দেন

आत्मघाती हिंसा का आलम बांग्ला  दैनिक आजकाल की इस रपट में देखेंः

হাওড়া জুড়ে সঙ্ঘর্ষ, ভাঙচুর

মঙ্গলবার ২৬ এপ্রিল, ২০১৬ ইং

img

প্রিয়দর্শী বন্দ্যোপাধ্যায়:নির্বাচন শেষ হতেই জেলা জুড়ে শুরু হয়েছে রাজনৈতিক সঙ্ঘর্ষ। তৃণমূল–‌জোট সমর্থকদের সঙ্ঘর্ষে জখম হয়েছে ১০ বছরের বালিকা। মারধর করা হয়েছে তার আত্মীয়কে। সঙ্ঘর্ষে ভাঙচুর হয়েছে বেশ কিছু বাড়ি, জখম হয়েছে দু'‌পক্ষের বেশ কিছু সমর্থক। উত্তর হাওড়াতে মুরগিহাটার কাছে সি পি এম কর্মীদের বেধড়ক মারধর করা হয়। সোমবার রাতে পার্টি অফিস বন্ধ করে ফেরার সময় ৩ জন সি পি এম কর্মীকে তৃণমূল সমর্থকরা বেধড়ক মারধর করে বলে অভিযোগ। পাঁচলার বেলডুবিতে আরও এক সি পি এম কর্মীকে বেদম পেটানো হয়। উলুবেড়িয়া উত্তর কেন্দ্রের খোসালপুর এলাকায ৪ জন সি পি এম কর্মীর বাড়িতেও হামলা চালিয়ে ভাঙচুরের অভিযোগ উঠেছে তৃণমূলের বিরুদ্ধে। উত্তর হাওড়ার বি রোডে উৎপল দত্ত নামে এক রেলকর্মীর বাড়িতে মঙ্গলবার  ভাঙচুর করা হয়। তাঁর বাইক ভেঙে দেওয়া হয়। ঘরের জানলা–‌দরজার কাচ ভেঙে দেয় হামলাকারীরা। তাঁরা কোনও রাজনৈতিক দলের সক্রিয় কর্মী না হলেও সোমবার ভোটের দিন সংবাদমাধ্যমের কাছে ছাপ্পা চলছে বলে মুখ খোলার অপরাধে তাঁদের বাড়িতে হামলা হয়। তবে শুধু সি পি এম কর্মীরাই যে আক্রান্ত হয়েছেন তা নয়, হাওড়ার একাধিক এলাকায় তৃণমূল কর্মী–‌সমর্থকরাও আক্রান্ত হয়েছেন। আমতার বিনলাকৃষ্ণবাটি গ্রামে তৃণমূলের পোলিং এজেন্ট হওয়ায় মঙ্গলবার সকালে অন্নদাশঙ্কর সাঁতরা নামে এক তৃণমূল কর্মীর বাড়িতে হামলা হয়। তাঁর মা সুলেখা সাঁতরা বাধা দিতে এলে হামলাকারীরা তাঁর বাঁ হাত ভেঙে দেয়। তৃণমূলের অভিযোগ, এলাকার কংগ্রেস ও সি পি এম কর্মীরা সম্মিলিতভাবে এই হামলা করেছে। আমতারই ভাটোরা গ্রামে তৃণমূল নেতা আনিসুর রহমানের বাড়িতে চড়াও হয়ে হামলা চালানো হয়। আনিসুরের বাড়ির সামনে ব্যাপক বোমাবাজিও করা হয়। এরই সঙ্গে এদিন বাগনানের পানিত্রাসে মৃৎশিল্পী স্বপন বাগের দোকানে হামলা চালিয়ে পুড়িয়ে দেওয়া হয়। হামলাকারীরা দোকানে ভাঙচুর করে আগুন ধরিয়ে দেয়। উল্লেখ্য, স্বপন সম্প্রতি তৃণমূলে যোগ দেন। যদিও তৃণমূলে যোগ দিয়ে তিনি সোমবার ভোটের দিন তৃণমূলের ক্যাম্প অফিসেও বসেছিলেন। সে কারণেই তাঁর দোকান পুড়িয়ে দেওয়া হয় বলে তৃণমূলের অভিযোগ। সি পি এমের অভিযোগ, ভোটের দিন সেভাবে সম্ত্রাস করতে না পেরে ভোট মিটতেই তৃণমূল জেলা জুড়ে বেপরোয়া গোলমাল শুরু করেছে। আমরা প্রশাসনকে যথাযথ ব্যবস্থা নেওয়ার আর্জি জানিয়েছি। অন্যদিকে, তৃণমূলের পাল্টা অভিযোগ, শান্তির পরিবেশ নষ্ট করতে সি পি এম–‌কংগ্রেস একসঙ্গে গোলমাল পাকাতে চাইছে। প্ররোচনা ছড়াচ্ছে। সাধারণ মানুষকে ওই  প্ররোচনায় পা না–‌দেওয়ার আবেদন রাখছি আমরা।‌‌

‌হামলা–পাল্টা হামলা

বসিরহাট থেকে স্বদেশ ভট্টাচার্যের খবর, ভোট মিটতেই হামলা, পাল্টা হামলা চলছে বসিরহাট মহকুমার সন্দেশখালি, হিঙ্গলগঞ্জ এলাকার গ্রামে গ্রামে। আতঙ্কের পরিবেশ রয়েছে। এলাকার মানুষ কেন্দ্রীয় বাহিনী মোতায়েন রাখার দাবি জানিয়েছেন। হিঙ্গলগঞ্জের ভবানীপুর এলাকায় সোমবার রাত থেকেই সি পি এম সমর্থকেরা ভয়ে সিঁটিয়ে আছে। তৃণমূলের বাইক বাহিনী দাপিয়ে বেড়াচ্ছে বলে অভিযোগ করেছেন হিঙ্গলগঞ্জ কেন্দ্রের সি পি আই প্রার্থী আনন্দ মণ্ডল। এদিন সকালে ভোটে বাম প্রার্থীর হয়ে কাজ করায় পলাশ বৈরাগী নামে এক যুবককে রাস্তায় পেয়ে মারধর করে তৃণমূল–আশ্রিত দুষ্কৃতীরা। গুরুতর জখম অবস্থায় পলাশ বৈরাগীকে বসিরহাট জেলা হাসপাতালে ভর্তি করা হয়েছে। তাঁকে হাসপাতালে দেখতে যান সি পি আই প্রার্থী আনন্দ মণ্ডল, সি পি এমের জেলা কমিটির সদস্য শ্রীদীপ রায়চৌধুরি, সি পি আইয়ের যুবনেতা শান্তনু চক্রবর্তী। তাঁরা বলেন, ভবানীপুর এলাকায় বুথ দখল, ছাপ্পা ভোট দিতে ব্যর্থ হয়ে বাবু মাস্টারের বাহিনী এলাকায় তাণ্ডব শুরু করেছে। এলাকায় বাড়ি বাড়ি হুমকি চলছে। পলাশকে রাস্তায় দাঁড় করিয়ে বেপরোয়া মারধর করেছে। স্থানীয় মানুষ তাঁকে দুষ্কৃতীদের হাত থেকে উদ্ধার করে হাসপাতালে ভর্তি করেন। তাঁর হাতে, কোমরে ও ঘাড়ে আঘাত গুরুতর। সন্দেশখালির গ্রামে গ্রামে বাইক বাহিনী দাপিয়ে বেড়াচ্ছে সি পি এমের অভিযোগ। সি পি এম নেতা আবু বক্কর লস্কর অভিযোগ করেন, এলাকার মানুষ সন্ত্রস্ত। ভাঙা তুষখালি গ্রামের গফুর মোল্লা, শরিফ লস্কর, জেলিয়াখালির পূর্বখণ্ডের বিনন্দ মণ্ডল–সহ বহু সি পি এম নেতা–কর্মী ঘর থেকে বেরোতে পারছেন না। অন্যদিকে, সি পি এমের হাতে আক্রান্ত কয়েকটি তৃণমূল সমর্থক পরিবারও। সন্দেশখালি সেহারা পঞ্চায়েতের রাধানগর গ্রামের ঘটনা। তৃণমূলের অভিযোগ, ভোট মিটতেই সি পি এম আশ্রিত দুষ্কৃতীরা তৃণমূলকে ভোট দেওয়ার অপরাধে কয়েকটি বাড়িতে হামলা চালায়। তাদের আক্রমণের হাত থেকে মহিলারাও রেহাই পাননি। যদিও এই অভিযোগ অস্বীকার করেছেন সি পি এম নেতারা।‌

‌কংগ্রেস নেতার দোকানে আগুন

বারাসত থেকে সোহম সেনগুপ্তের খবর, কদম্বগাছি স্টেশন সংলগ্ন এলাকায় কংগ্রেস নেতা সজল দে–র দোকান পুড়িয়ে দেওয়ার অভিযোগ উঠল স্থানীয় কয়েকজন তৃণমূল কর্মীর বিরুদ্ধে। মঙ্গলবার এই ঘটনার বিষয়ে দত্তপুকুর থানায় একটি অভিযোগ দায়ের করেন জেলা কংগ্রেস নেতা সজল দে। তিনি জানান, নির্বাচনের পরে পরিকল্পনা করেই তাঁর দোকানে আগুন লাগানো হয়েছে। সোমবার রাত আড়াইটে নাগাদ কেরোসিন তেল মজুত করেই তাঁর দোকানে আগুন লাগানো হয় বলেও দাবি সজলবাবুর। যদিও জেলা তৃণমূলের পর্যবেক্ষক নির্মল ঘোষ জানান, আগুন লাগানোর ঘটনার সঙ্গে তাঁদের দলের কোনও সম্পর্ক নেই। নির্বাচনে নিশ্চিত পরাজয় জেনে কুৎসা ও অপপ্রচারে নেমেছে কংগ্রেস।

‌সি পি এম সমর্থকের জমিতে আগুন

বনগাঁ থেকে নিরুপম সাহার খবর, রাতের অন্ধকারে এক সি পি এম সমর্থকের জমির ধানে আগুন লাগিয়ে দিল দুষ্কৃতীরা। উত্তর ২৪ পরগনার গাইঘাটার ঘটনা। গাইঘাটার ছোট সিয়ানা গ্রামের বাসিন্দা ভাগচাষী আনন্দ তরফদার ৪ বিঘা জমিতে ধান চাষ করেছিলেন। সেই জমির ধান কেটে মাঠে রাখা ছিল। মঙ্গলবার ভোর চারটে নাগাদ তিনি জমিতে গিয়ে দেখেন, কে বা কারা তঁার ওই ধানে আগুন লাগিয়ে দিয়েছে। তখনও আগুন জ্বলছে। গাইঘাটার সি পি এম নেতা রমেন্দ্রনাথ আঢ্য জানান, আনন্দ তরফদার আমাদের দলের একজন সমর্থক। যারাই এই ঘটনার সঙ্গে জড়িত থাকুক না কেন, পুলিসের উচিত, দোষীদের খুঁজে বের করে উপযুক্ত শাস্তির ব্যবস্থা করা।‌‌‌‌

খুব দ্রুতই ডাবল সেঞ্চুরির দিকে এগোচ্ছি। এরপর পূর্ব মেদিনীপুরেও তৃণমূল বিশেষ কিছু করতে পারবে না।

Left Front Daily's photo.


পঞ্চম শেষেও অশান্তি, 'আক্রান্ত' বিরোধী এজেন্ট, অভিযোগ অস্বীকার তৃণমূলের

By: Web Desk, ABP Ananda | Last Updated: Tuesday, 26 April 2016 8:03 PM


পঞ্চম শেষেও অশান্তি, 'আক্রান্ত' বিরোধী এজেন্ট, অভিযোগ অস্বীকার তৃণমূলের

উত্তর ২৪ পরগনা: উত্তর ২৪ পরগনার ৩৩টি আসনে ভোট শেষের পর একদিনও কাটল না। একের পর এক জায়গায় সিপিএমের নির্বাচনী এজেন্টদের ওপর হামলার অভিযোগ তৃণমূলের বিরুদ্ধে।

যাদবপুর বিশ্ববিদ্যালয়ের অধ্যাপক প্রীতিকুমার রায় সোমবার ভোটে সিপিএমের নির্বাচনী এজেন্ট ছিলেন। তাঁর দাবি, সোমবার রাতেই বাড়িতে চড়াও হয় তৃণমূল আশ্রিত দুষ্কৃতীরা। দরজা ভেঙে বাড়িতে ঢোকার চেষ্টা করে তারা। বাড়ির জানলা-দরজা লক্ষ্য করে ছোড়া হয় ইটের টুকরো। শেষমেশ দুষ্কৃতীরা বাড়িতে ঢুকতে না পারলেও অধ্যাপক প্রীতিকুমারের মনে ঢুকে গিয়েছে ভয়। বাড়িতে পরিবারকে রেখে তো রোজ বেরোতে হয়। কখন কী হয়!

বরানগরের সিপিএমের নির্বাচনী এজেন্ট সোহেল খানের অবস্থা তো আরও খারাপ। সোহেলের দাবি, ভোটের আগে থেকেই স্থানীয় তৃণমূলকর্মী শঙ্কর রাউত ও তাঁর শাগরেদরা বাড়িতে এসে শাসিয়ে যান। হুমকি দেন, সিপিএমের নির্বাচনী এজেন্ট হলে হাত-পা কেটে দেওয়া হবে। কিন্তু, তারপরও সোমবার বুথে যান সোহেল। তাঁর দাবি, শঙ্কর রাউতের নেতৃত্বেই সেসময় তাঁর বাড়িতে হামলা চালায় তৃণমূল আশ্রিত দুষ্কৃতীরা। দরজা ভেঙে বাড়িতে ঢুকে তছনছ করে দেওয়া হয় জিনিসপত্র। লকার ভেঙে লুঠ করা হয় নগদ টাকা। বুথ থেকে ফেরার সময় দুষ্কৃতীরা সোহেলকেও তাড়া করে বলে অভিযোগ। কোনওমতে পালিয়ে বাঁচেন তিনি। তবে তারপর থেকে বাড়ি তো দূরের কথা, ভয়ে এলাকাতেই ঢুকতে পারছেন না সোহেল।

তবে যাঁর বিরুদ্ধে অভিযোগ, সেই তৃণমূলকর্মী শঙ্কর রাউতের দাবি, তিনি এব্যাপারে কিছু জানেনই না।

শুধু সিপিএম এজেন্টদের ওপর হামলাই নয়, রাজ্যের বিভিন্ন প্রান্তে কোথাও বিরোধীদের পার্টি অফিস ভাঙচুর, কোথাও বিরোধী দলের নেতা-কর্মী-সমর্থকদের ওপর হামলা হয়েছে। সব ঘটনাতেই অভিযোগ তৃণমূলের বিরুদ্ধে। । প্রতিটি ক্ষেত্রেই অভিযোগ অস্বীকার করেছে শাসকদল।

কড়েয়া-কদম্বগাছি স্টেশনের কাছে জেলা কংগ্রেসের সাধারণ সম্পাদক সজল দে-র দোকানে পেট্রোল ঢেলে আগুন লাগিয়ে দেওয়া হয়। ভস্মীভূত হয়ে যায় গোটা দোকান! মঙ্গলবার সকালে সোদপুরের ঈশ্বর চ্যাটার্জি রোড ও সরকারি আবাসন চত্বরে সিপিএমের দু'টি কার্যালয় ভাঙচুর করা হয়। উদয়নারায়ণপুরে কংগ্রেসের পোলিং এজেন্ট হওয়ায় আমতায় তিন সিপিএম কর্মীর বাড়িতে হামলা, ভাঙচুর। ডোমজুড়ের কলোরা গ্রামে বেশ কয়েকজন সিপিএম সমর্থকের বাড়ি ভাঙচুর। সিপিএমের অভিযোগ, তৃণমূল কর্মীদের হুমকি উপেক্ষা করে ভোট দেওয়াতেই হামলা। পাঁচলার বেলডুবি-জলাকান্দুয়া গ্রামে সিপিএম কর্মী নাসির মল্লিকের বাড়িতে ভাঙচুর। হাওড়ার সালকিয়ার বামুনগাছির বি রোডে সিপিএম কর্মী উত্পল দত্তের বাড়িতে ভাঙচুর।

এ তো গেল হাওড়া এবং উত্তর ২৪ পরগনার কথা। মুর্শিদাবাদে তো ভোট শেষ হওয়ার ৫ দিন পরও অশান্তি অব্যাহত। জেলার ভগবানগোলায় কংগ্রেস কর্মীদের ধারাল অস্ত্র ও লাঠি দিয়ে মারধর। জখম চার। কংগ্রেসের দাবি, চতুর্থ দফার ভোটে বুথ দখল রোখার চেষ্টা করাতেই এই হামলা। কংগ্রেসকে ভোট দেওয়ায় মারধর দলীয় কর্মীকে। কান্দি থানায় অভিযোগ দায়ের।

উত্তর থেকে দক্ষিণ, এই সব ঘটনাতেই অভিযোগ উঠেছে তৃণমূলের বিরুদ্ধে। যদিও, প্রতিটি ক্ষেত্রেই অভিযোগ অস্বীকার করেছে শাসকদল।


एक और जूट मिल बंद,प्रवर्तक जूटमिल कमारहट्टी में

বন্ধ হল প্রবর্তক জুট মিল, বেকার ৪ হাজার

মঙ্গলবার ২৬ এপ্রিল, ২০১৬ ইং

img

শ্রমিক অসন্তোষের কারণ দেখিয়ে বন্ধ হয়ে গেল কামারহাটির প্রবর্তক জুট মিল। আজ সকালে মিলে সাসপেনশন অফ ওয়ার্কের নোটিস ঝুলিয়ে দিলেন জুট মিল কর্তৃপক্ষ। কাজ হারালেন স্থায়ী–অস্থায়ী মিলিয়ে প্রায় চার হাজার শ্রমিক। মঙ্গলবার সকালে কাজে যোগ দিতে এসে মিল গেটে ওই নোটিস দেখে স্বভাবতই ক্ষোভে ফেটে পড়েন শ্রমিকরা। শুরু হয় বিক্ষোভ। গেটের বাইরে জড়ো হওয়া শ্রমিকরা দাবি করতে থাকেন মিল চালু করতে হবে অবিলম্বে। সবে মাত্র ভোট শেষ হয়েছে। এরই মধ্যে এই ঘটনা ঘটায়, তা যাতে বড় আকার ধারণ করতে না পারে, তা নিশ্চিত করতে কেন্দ্রীয় বাহিনী টহল শুরু করে। বসানো হয় পুলিস পিকেট। পুলিস জানিয়েছ, বেশ কিছু দিন ধরে শ্রমিক ও মালিকপক্ষের মধ্যে অসন্তোষ চলছিল। এর পরই সোমবার রাতে কর্তৃপক্ষ মিল গেটে বন্ধের নোটিস ঝুলিয়ে দেন। তবে দ্বিপাক্ষিক আলোচনা করে দ্রুত মিল খোলার চেষ্টা হচ্ছে বলে প্রশাসন সূত্রের খবর।‌‌‌

ছবি: ভবতোষ ছুতোর

आनंद बाजार की खबरें भी देख लेंः

howrah

বুথ জ্যামের প্রতিবাদ করায় বাড়িতে হামলা, ভাঙচুর, অভিযুক্ত তৃণমূল

ভোটের লাইন কিছুতেই এগোচ্ছিল না। তাই প্রতিবাদ করেছিলেন এক ব্যক্তি। আর এই অপরাধে ভোটদান পর্ব মিটে যাওয়ার পর সোমবার রাত থেকে মঙ্গলবার দুপুর পর্যন্ত দফায় দফায় হামলা চালাল মোটরবাইকে করে আসা একদল দুষ্কৃতী। তারা সকলেই এলাকার তৃণমূল কর্মী বলে পরিচিত।


সাংবাদিক ডেকে ছাপ্পা, বেসুর হাওড়ায়

ও প্রান্ত থেকে কী বার্তা এল, তা শোনার উপায় নেই। তবে এ প্রান্ত থেকে দ্রুত 'রান' নেওয়ার নির্দেশ দিলেন হাওড়া পুরসভার মেয়র পারিষদ এবং হাওড়া উত্তর কেন্দ্রের তৃণমূল সভাপতি গৌতম চৌধুরী।


চলছে হামলা, মারধর, শাসানি, শাসকের নজরদারিতেই ভোটপর্ব

নিজস্ব প্রতিবেদন

২৫ এপ্রিল, ২০১৬, ১৩:০০:০০

e e e print

tanmoy bhattacharya

জখম তন্ময় ভট্টাচার্য।— নিজস্ব চিত্র।

নির্বাচন চলছে। চলছে নজরদারিও। শাসকদলের নজরদারি।

রাতভর চোরাগোপ্তা হুমকি, সরাসরি শাসানি এবং শেষমেশ নির্বাচনের দিন বুথে যাওয়ার পথে ভোটারদের বাধা দেওয়ার অভিযোগ উঠেছে তৃণমূলের বিরুদ্ধে। সেখানেও থেমে থাকেনি শাসকদল। বিরোধী শিবিরের কর্মী-সমর্থক, সাধারণ ভোটার, এমনকী জোটের বেশ কয়েক জন প্রার্থীকে মারধর করেছে তারা। পাশাপাশি হামলা চালানো হয়েছে সিপিএম-কংগ্রেসের একাধিক কার্যালয়ে। তবে, এ সবকে উপেক্ষা করে সাধারণ মানুষ সকাল থেকেই ভিড় জমিয়েছেন ভোটের লাইনে। যদিও সে লাইনের উপরও কড়া নজরদারি রয়েছে তৃণমূলের। একটু বেচাল বুঝলেই ভোট দিয়ে ফেরার পথে তাদের হাতে আক্রান্ত হতে হয়েছে সেই 'ভোটার'দের।

ঘটনা এক: দমদম উত্তর কেন্দ্রের সুকান্ত নগর। গত দু'দিন ধরেই এলাকায় তৃণমূলের দুষ্কৃতীরা দাপিয়ে বেড়াচ্ছিল। বিরোধী দলের সমর্থকদের বাড়িতে বাড়িতে গিয়ে চলছিল ধমক-চমক। ভোট দিতে না যাওয়ার জন্যও দেওয়া হয় হুমকি, 'আমাদের ভোট দিবি না যখন, কোনও ভাবেই বুথমুখো হবি না।' এর পরেও এ দিন সকালে ভোট দিতে গিয়েছেন অনেকেই। ভোট দিয়ে ফেরার পথে তাঁদের কয়েক জনের উপর আক্রমণ চালানো হয়। করা হয় মারধর। অভিযোগ ওঠে শাসক দলের বিরুদ্ধে। খবর পেয়ে আক্রান্তদের বাড়িতে গিয়ে তাঁদের সঙ্গে দেখা করতে যান ওই এলাকার সিপিএম প্রার্থী তন্ময় ভট্টাচার্য। কিন্তু, সুকান্ত নগরের গলিতে ঢোকার মুখেই তন্ময়বাবুর গাড়ির দিকে ধেয়ে আসে তৃণমূলের গুন্ডাবাহিনী। তাঁকে লক্ষ্য করে ইট ছোড়া হয়। ইটের টুকরো এসে পড়ে গাড়ির কাচে। সেই ভাঙা কাচেই জখম হন প্রার্থী। তাঁর হাত বেয়ে গড়াতে থাকে রক্তের ধারা।

ঘটনা দুই: মধ্যমগ্রাম বিধানসভা কেন্দ্রের কৈপুল গ্রাম। প্রদীপ মাজি নামে এক সিপিএম সমর্থক এ দিন সকালে ভোট দিতে গিয়েছিলেন ২৬৭ নম্বর বুথে। অভিযোগ, ভোট দিয়ে ফেরার পথেই তাঁর উপর ঝাঁপিয়ে পড়ে তৃণমূলের গুন্ডাবাহিনী। বাঁশ, লোহার রড দিয়ে বেধড়ক মারধর করা হয় তাঁকে। তিনি এলাকায় দীর্ঘ কয়েক বছর ছিলেন না। সোমবার সকালেই পুলিশি নিরাপত্তার মধ্যে ফিরেছিলেন। আক্রান্ত প্রদীপবাবুকে মধ্যমগ্রাম গ্রামীণ হাসপাতালে নিয়ে যাওয়া হয়।

ঘটনা তিন: উত্তর ২৪ পরগনার মিনাখার বড়চোরা গ্রাম। রবিবার রাত থেকেই সেখানে তাণ্ডব চালিয়েছে তৃণমূলের দুষ্কৃতীরা। অভিযোগ, গত কাল রাতে স্থানীয় সিপিএম নেতা আমজেব লস্করের বাড়িতে ভোট নিয়ে বৈঠক চলছিল। সেই সময়ে সেখানে হাজির হয় প্রায় ২৫-৩০ জন দুষ্কৃতী। তাঁদের বাড়িতে ভাঙচুরের পাশাপাশি বেধড়ক মারধর করা আমজেব এবং তাঁর ছেলে নাজিবুল লস্করকে। এসএফআইয়ের জোনাল সম্পাদক নাজিবুলকে বন্দুকের বাঁট দিয়ে আঘাত করা হয়। জখম অবস্থায় তাঁকে পেটানো হয় বাঁশ দিয়ে। এর পরেও এ দিন সকালে তিনি ১৪৩ নম্বর বুথে ভোট দিতে গিয়েছিলেন। অভিযোগ, তখন তাঁর দিকে রিভলভার তাক করে শাসক দলের দুষ্কৃতীরা। নাজিবুলকে গুলি করে মারার হুমকি দেওয়া হয়। এর পর তিনি পালিয়ে এসে কেন্দ্রীয় বাহিনীর কাছে অভিযোগ জানান। তার পর কেন্দ্রীয় বাহিনীর নিরাপত্তার মধ্যেই নাজিবুল ভোট দেন।

আরও খবর

আসি আসি করেও মদন কারাবাসী

হাওড়া ও উত্তর ২৪ পরগনার মোট ৪৯টি বিধানসভা আসনের প্রায় প্রতিটি জায়গা থেকেই শাসকদলের বিরুদ্ধে এমন ভূরিভূরি অভিযোগ উঠেছে। তাদের নিশানায় যেমন বিরোধী দলের নেতা-কর্মী-সমর্থকেরা রয়েছেন, তেমনই রয়েছেন সাধারণ ভোটাররাও। হালিশহরের কাঁসারিপাড়ায় প্রাক্তন বাম কাউন্সিলরের বাড়িতে ভাঙচুর করা হয়। মারধর করা হয় ব্যারাকপুরের এক মহিলা কাউন্সিলরকে। নৈহাটিতে ভোটারদের মারধর করার অভিযোগ ওঠে। ভোটার বাবা-মাকে হুমকি দিতে এসে ছাড় দেওয়া হয়নি শিশুদেরও। বীজপুরে শাসক দলের সেই গুন্ডাদের হাতে মার খেয়েছে সাড়ে তিন বছরের একটি শিশুও। ওই বীজপুরেই এক ইঞ্জিনিয়ারিং ছাত্রকে মারধরের অভিযোগ ওঠে। পুলিশের সামনেই তাঁকে মারধর করা হয়। নিউটাউনে সিপিএমের এক পোলিং এজেন্টকে মারধর করে আটকে রাখার অভিযোগও উঠেছে। এরই পাশাপাশি, কেষ্টপুরে ডিওয়াইএফআই-এর অফিস ভাঙচুর করা হয়। হালিশহরের আদর্শ বিদ্যাপীঠ কেন্দ্রে বুথের কাছে বোমাবাজি চলে। এ ছাড়াও বেশ কিছু বুথ দখলের অভিযোগ উঠেছে। শাসক দলের লোকজন বিরোধী এজেন্টদের বুথে বসতে বাধা দিয়েছে, উঠেছে এমন অভিযোগও।

ওই সব এলাকার স্থানীয় তৃণমূল নেতৃত্ব যদিও সমস্ত অভিযোগ অস্বীকার করেছেন। তাঁদের দাবি, শান্তিপূর্ণ ভাবেই নির্বাচন চলছে।


गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में छह चरणों में हो रहे विधानसभा चुनाव में दो चरण बाकी रहने से पहले ही तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने दावा किया कि उनकी पार्टी बहुमत के आंकड़े तक पहुंच चुकी है, जबकि दूसरी तरफ सीपीएम सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने दावा किया कि सीपीएम-कांग्रेस गठबंधन 200 सीटें हासिल करेगा।


चौथे चरण के बाद हमें बहुमत का आंकड़ा मिल गया ममता बनर्जी ने कोलकाता में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, 'आज चुनाव का चौथा चरण संपन्न हुआ। अगर मैं राजनीति समझती हूं तो चुनाव के इस चरण के बाद हम पहले ही बहुमत का आंकड़ा हासिल कर चुके हैं, जो नई सरकार बनाने के लिए काफी है।'


गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव-2016 का पांचवा चरण आगामी 30 अप्रैल से शुरु होगा जिसमें 53 विधानसभा निर्वाचित क्षेत्रों से मतदान किए जाएंगे।


30 अप्रैल से शुरु होने वाले विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में उम्मीद्वारों की कुल संख्या 349 है। वहीं, महिला उम्मीदवारों की कुल संख्या 43 है।


इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीधे आरोप लगाया  है कि बंगाल को सर्वाधिक खतरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मिलीभगत से है।

ममता बनर्जी और नरेंद्र मोदी को एक ही बताते हुए उन्होंने लोगों से कांग्रेस को चुनाव में जिताने की अपील की।



दक्षिण 24 परगना के कैनिंग में चुनाव प्रचार के लिए पहुंची सोनिया गांधी ने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में कुछ नहीं किया उसी तरह ममता बनर्जी भी यही कहती हैं कि उनके आने से पहले बंगाल में कुछ नहीं किया गया।


सोनिया गांधी ने सीधे आरोप लगाया  है कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में बंगाल और पीछे की ओर चला गया. उन्होंने कहा कि कभी बंगाल चावल उत्पादन में अव्वल था. लेकिन आज वह पिछड़ गया है.

सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी ने जिस तरह देश की जनता को सुहाने सपने दिखाये थे उसी तरह ममता बनर्जी ने भी बंगाल के लोगों को रोजगार का सपना दिखाया था. लेकिन वह सपना पूरा नहीं किया गया.।


सोनिया गांधी ने सीधे आरोप लगाया  है कि ममता बनर्जी की सरकार में भ्रष्टाचार का आलम है। नये ब्रिज भी गिर जाते हैं। चिटफंड कंपनियां जो जनता को लूट रही हैं उनके सिर पर किसका हाथ है, यह सभी जानते हैं। नरेंद्र मोदी ने भी चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कीष मोदी सरकार ने जिस तरह का व्यवहार किया है उससे देश के बुनियादी ढांचे को खतरा हो गया है। धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को खतरा पैदा हो गया है।

पांच वर्ष पहले तृणमूल कांग्रेस ने भी लोगों की उम्मीदें जगाकर लोगों से वोट मांगा था. आज वह डरा धमकाकर वोट मांगने की कोशिश कर रही है। केंद्र में पूर्व की कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने आदिवासियों, दलितों व गरीबों के कल्याण के लिए काफी कुछ किया। लेकिन मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद उन योजनाओं के धन को काफी कम कर दिया है।

মোদী-মমতা আঁতাঁতের অভিযোগ তুলে কং-বাম প্রার্থীদের হয়ে ভোট-আর্জি সনিয়ার

মোদী-মমতা আঁতাঁতের অভিযোগ তুলে কং-বাম প্রার্থীদের হয়ে ভোট-আর্জি সনিয়ার

দক্ষিণ ২৪ পরগনা: কাল একমঞ্চে রাহুল গাঁধী-বুদ্ধদেব ভট্টাচার্য। তার ঠিক আগের দিন, রাজ্যে এসে বাম-কংগ্রেস জোটের সুরটা বেঁধে দিলেন সনিয়া গাঁধী। আর্জি জানালেন, কংগ্রেসের


सोनिया गांधी को ईंट का जवाब पत्थर से

সোনিয়াকে সরাসরি আক্রমণ করলেন মমতা

মঙ্গলবার ২৬ এপ্রিল, ২০১৬ ইং

img

দীপঙ্কর নন্দী, গৌতম মণ্ডল ভাঙড় ও রায়দিঘি: সোনিয়া গান্ধীকে এবার মমতা সরাসরি আক্রমণ করলেন। মঙ্গলবার ভাঙড়ে প্রচার করতে গিয়ে তিনি বলেন, সোনিয়ার অনেক ছিদ্র আছে। মোদি তাঁদের ভয় দেখিয়ে রেখেছেন। সি পি এমেরও অনেক ছিদ্র আছে। তাদেরও মোদি চমকাচ্ছেন। মোদির বিরুদ্ধে ওঁদের বলার কোনও ক্ষমতা নেই। আমি কাউকে ভয় পাই না। সোনিয়ার নাম করে মমতা বলেন, ২২০০ কোটি অজানা উৎসের টাকার আগে হিসাব দিন। আপনারা আমাদের চাকরবাকর ভাববেন না। মমতা ভাঙড়ে গিয়েছিলেন রেজ্জাক মোল্লার সমর্থনে সভা করতে। মঞ্চে সোনারপুর উত্তরের প্রার্থী ফিরদৌসি বেগমও ছিলেন। মোদি সম্পর্কে মমতা বলেন, নির্বাচনের সময় বাংলার ওপর জুলুমবাজি চালাচ্ছেন। এমন অত্যাচার আগে কখনও হয়নি। মোদি খুব ভাল জানেন যে, ২০১৬–য় বাংলায় বি জে পি কিচ্ছু করতে পারবে না। তিনি এও জানেন, কেন্দ্রীয় বাহিনী পাঠিয়ে কিছু লাভ হবে না। সাধারণ মানুষ উন্নয়নের ওপর ভিত্তি করেই তৃণমূলকে ভোট দেবে। ২০১৯–‌এ যাতে কেউ জিততে না পারে, তার জন্য মোদি সকলের মুখ বন্ধ করে দিতে চাইছেন। মমতার অভিযোগ, মোদির সঙ্গে সব থেকে বেশি ভাব সি পি এম এবং কংগ্রেসের। এই আঁতাত ইতিহাসে নতুন চ্যাপ্টার হয়ে থাকবে। মমতা এদিন বলেন, লোকসভায় কংগ্রেসের সংখ্যা মাত্র ৪০। সকলের কাঁধে এখন ভর করছে কংগ্রেস। লালু ভদ্রলোক। তাঁর কাঁধেও ভর করেছিল কংগ্রেস। দিল্লি থেকে নেতা–‌নেত্রীরা বাংলায় এসে মাইক হাতে নিয়ে যা খুশি তাই বলে যাচ্ছেন। এটা কিন্তু করতে পারেন না। আসলে ওঁদের দু'‌কান কাটা, তাই যা ইচ্ছে তাই বলছেন। দিল্লির নেতারা বাংলার উন্নয়ন দেখতে পাচ্ছেন না। ওঁদের চোখে ন্যাবা হয়েছে। মমতা এদিন রায়দিঘিতে দেবশ্রী রায়ের সমর্থনে প্রচার করেন। তিনি এখানে বলেন, ওরা বলছে ২০০ আসন পাবে।

২০টা আসন পেয়ে দেখাক। জোটের নামে লাবড়া হয়েছে। যাকে বলে ঘ্যাঁট–চচ্চড়ি। এদিন মমতা বারুইপুরেও সভা করেন। মমতার বক্তব্য, ভোটবাক্স খুললে দেখবেন শুধু তৃণমূল, শুধু তৃণমূল। বিরোধীরা দেখবে নির্বাচনের পর এ রাজ্য থেকে সি পি এম, কংগ্রেস উঠে যাবে। সাইন বোর্ডও থাকবে না। বামফ্রন্ট তো ভেঙে গেছে। সি পি এম, কংগ্রেস মিলে কাঁসরফ্রন্ট তৈরি করেছে। কেন্দ্রীয় বাহিনী সম্পর্কে মমতা বলেন, সোমবারের ভোটে সাধারণ মানুষকে হয়রানি করেছে। অনেককে জামাপ্যান্ট খুলিয়ে তল্লাশি করা হয়েছে। আমি এ জিনিস মানব না। গণতন্ত্রের উৎসবে কেন্দ্রীয় বাহিনীর এই অত্যাচার মানা যায় না। মমতা এদিন ভাঙড়ে প্রার্থী রেজ্জাক মোল্লা সম্পর্কে বলেন, আমি তাঁকে দলে নিয়েছি একটি কারণে, তিনি কৃষকদের জমি আন্দোলন নিয়ে যেসব কথা বলেছেন, তা

আমার মনকে নাড়া দিয়েছে। মঞ্চে উপস্থিত ছিলেন আরাবুল ইসলাম ও কাইজার শেখ। মমতা বলেন, আগের নির্বাচনে আমরা নিজেদের জন্য এখান থেকে হেরে যাই। আরাবুল, কাইজার–‌সহ প্রত্যেককেই রেজ্জাক মোল্লাকে জেতানোর জন্য যথাসাধ্য চেষ্টা করতে হবে। আগের বারের মতো যাতে না হয়। রায়দিঘিতে গিয়ে দেবশ্রী সম্পর্কে মমতা বলেন, আমি দেবশ্রীকে খুব ভালবাসি। চিরঞ্জিত, মুনমুন, সন্ধ্যাদি, দেব, সোহমও আমার খুব প্রিয়। এদের সারা বাংলায় মানুষ চেনে। দেবশ্রী যদি বহিরাগত হয় তাহলে এখানকার বাম প্রার্থী তো যাদবপুর থেকে এসেছেন। কারও দুঃখ হলে দেবশ্রী চোখের জল মুছিয়ে দিতে পারবে। বিরোধী প্রার্থীর মতো খুন করতে যাবে না। কান্তি গাঙ্গুলি সম্পর্কে কর্মীদের সতর্ক করে দিয়ে বলেন, উনি ভোটের দিন বেশ কিছু বুথ দখল করবেন। তাই আপনাদের সতর্ক থাকতে হবে। বুথ দখল করতে দেওয়া যাবে না। আর উনি শুধু নালিশ করবেন। রায়দিঘির মঞ্চে বক্তব্য পেশ করেন জেলা সভাপতি কলকাতার মেয়র শোভন চ্যাটার্জি, সাংসদ চৌধুরি মোহন জাটুয়া। ভাঙড়, রায়দিঘি ও বারুইপুরে ভিড় ছিল লক্ষ্য করার মতো। বারুইপুরের মঞ্চে ছিলেন পাঁচ প্রার্থী বিমান ব্যানার্জি, সওকত মোল্লা, শ্যামল মণ্ডল, নির্মল মণ্ডল, গোবিন্দ নস্কর। কমিশনের বিরুদ্ধে মমতার অভিযোগ, কমিশন এমন ব্যবস্থা করেছে যে ভোটাররা লাইনে দাঁড়াতে পারেনি। ভোট দিতে পারেনি। সি পি এম ও কংগ্রেসের কার্যালয় ভাঙা হয়নি। ভাঙা হয়েছে তৃণমূলের কার্যালয়। মমতা এদিন সব ক'‌টি সভাতে তাঁর সরকারের উন্নয়নের ফিরিস্তি তুলে ধরেন। তিনি বলেন, এই ক'‌বছরে প্রতিশ্রুতির চেয়েও বেশি উন্নয়ন হয়েছে সংখ্যালঘুদের জন্য। আমাদের সরকার যথেষ্ট কাজ করেছে। আগামী দিনে আরও কাজ হবে। এটুকু বলতে পারি, আমাদের সময় বাংলায় দাঙ্গা হয়নি, ভবিষ্যতেও দাঙ্গা হতে দেব না।


মানুষের ঐক্য তৈরি হয়েছে:‌কারাত

বুধবার ২৭ এপ্রিল, ২০১৬ ইং

img

মিল্টন সেন: রাজ্যে শাসক দলের বিরুদ্ধে সমস্ত স্তরের মানুষ একজোট হয়েছে। মানুষের মধ্যে একতা তৈরি হয়েছে। এই নির্বাচন ঐতিহাসিক। মানুষ ঐক্যবদ্ধ, সমস্ত বাধা অতিক্রম করে তাদের ভোটাধিকার প্রয়োগ করবেই। মঙ্গলবার তারকেশ্বরের মোহনবাটি নছিপুর এলাকায় এন সি পি প্রার্থী সুরজিৎ ঘোষের সমর্থনে এক জনসভায় এ কথা বলেন সি পি এমের পলিটব্যুরো সদস্য প্রকাশ কারাত। তিনি বলেন, এই নির্বাচন গণতন্ত্র রক্ষার এবং গণতন্ত্র প্রতিষ্ঠার লড়াই। গত কয়েক দফা নির্বাচন প্রমাণ করেছে মানুষ শাসক দলের সমস্ত হামলার প্রতিবাদ করে নিজের ভোট দিতে সক্ষম। গত পাঁচ বছর রাজ্যে গণতন্ত্রকে খুন করা হয়েছে। এই নির্বাচন প্রমাণ করবে বাংলার মানুষ গণতন্ত্রকে বাঁচাতে শিখেছে। তারাই শাসক দলের মস্তানির বিরুদ্ধে লড়াই করে বাংলায় নতুন সরকার গঠন করবে। প্রকাশ কারাত বলেন, ৩৪ বছর বাম শাসনে এমন ঘটনা কখনও ঘটেনি, যা এখন ঘটছে। চা–‌বাগানের শ্রমিক খাদ্যের অভাবে মারা যাচ্ছে। তিনি রাজ্য সরকার এবং কেন্দ্রীয় সরকারকে কটাক্ষ করে বলেন, ২০১৪ সালের লোকসভা নির্বাচনে জনসভায় নরেন্দ্র মোদি বলেছিলেন এখানে আপনাদের মমতা ব্যানার্জির সরকার, আপনাদের এক হাতে লাড্ডু রয়েছে। কেন্দ্রে আমাদের জিতিয়ে আনুন, আপনাদের দুই হাতেই লাড্ডু থাকবে। এই কথা থেকেই বোঝা যায় গোড়া থেকেই এই দুই সরকারের মধ্যে সমঝোতা রয়েছে। জনসভায় বক্তব্য পেশ করেন বামফ্রন্ট চেয়ারম্যান বিমান বসু। তিনি বলেন, নিয়মনীতি মান্য করে ভোট করলে জরুরি অবস্থা আর নিয়মনীতির তোয়াক্কা না করে ছাপ্পা ভোট করলে, ভোট লুট করলে গণতন্ত্র। এই রাজ্যের মুখ্যমন্ত্রী বলছেন, গণতান্ত্রিক অবস্থা খুব ভাল।  প্রশাসন প্রশাসনের মতো চলবে। সংবিধানসম্মতভাবে চলবে। নির্বাচনবিধি মেনে চলবে। তা চলছে না। বর্তমানে এই রাজ্যে প্রশাসন তৃণমূলের দলদাসের মতো কাজ করছে। তাই প্রশাসনের কর্তাদের সরতে হচ্ছে, আরও সরবে।  এদিন তিনি মুখ্যমন্ত্রীকে কটাক্ষ করে বলেন, আমাদের রাজ্যের মুখ্যমন্ত্রী হাওয়াই চটি পরে হেলিকপ্টারে ঘুরে বেড়াচ্ছেন, সভা করছেন। গত এক মাস যাবৎ তিনি জেলায় জেলায় এভাবেই হেলিকপ্টারে ঘুরছেন। নির্বাচনী প্রচারের জন্যে তিনি তিনটি হেলিকপ্টার ভাড়া করে রেখেছেন। প্রতি ঘণ্টায় ভাড়া ৫১ হাজার টাকা। হিসেব করুন এতদিনে কয়েক কোটি টাকা ভাড়া হয়ে গেছে। সমাবেশে ছিলেন এন সি পি রাজ্য সম্পাদক রাজেন্দ্র শর্মা প্রমুখ।


 বুথের ভিতরে ছবি তুললেন রূপা, কমিশনে নালিশ লক্ষ্মীরবুথের ভিতরে ছবি তুললেন রূপা, কমিশনে নালিশ লক্ষ্মীর

ভোটের দিন নিজের কেন্দ্র উত্তর হাওড়া কার্যত দাপিয়ে বেড়ালেন বিজেপি প্রার্থী রূপা গাঙ্গুলি। সকাল থেকেই অ্যাকটিভ রূপা। দুপুরের পর অবশ্য রূপার গতিবিধির ওপর নজরদারির নির্দেশ দিল নির্বাচন কমিশন।

পঞ্চম দফার ভোটে ৪টি মজার তথ্য পঞ্চম দফার ভোটে ৪টি মজার তথ্য

পুলিসের হাত থেকে বাঁচতে জলে ঝাঁপ দুষ্কৃতীর। পোলিং এজেন্ট, ইলেকশন এজেন্ট গুলিয়ে ফেললেন প্রিসাইডিং অফিসার। ভোটার কার্ড ছাড়া ভোট দেওয়ার আবদার। পঞ্চম দফার ভোটে আমাদের ক্যামেরায় ধরা পড়ল এমনই কিছু বিছিন্ন ছবি।

মায়ের হাত ধরে ভোট দিতে বুথে এলেন পোলিও আক্রান্ত ছেলেমায়ের হাত ধরে ভোট দিতে বুথে এলেন পোলিও আক্রান্ত ছেলে

হিংসা, রাজনৈতিক দলাদলি, আক্রমণ-পাল্টা আক্রমণ। ঠিক যেন ভোটের সমার্থক। অশান্তি দেখেশুনে বীতশ্রদ্ধ অনেকেই। অনেক সময় প্রতিবাদের নামে, ভোট পর্যন্ত পড়ে না। তবে, এদের সবার চেয়ে আলাদা, খড়দার কুদরুস আলি। তিনি শেখালেন, গণতন্ত্রে অধিকার রক্ষার মন্ত্র।

ভোটে অশান্তি, রেহাই নেই শিশুকেও, গ্রেফতার ২  ভোটে অশান্তি, রেহাই নেই শিশুকেও, গ্রেফতার ২

রাজনীতির রোষানল থেকে রেহাই পেল না তিন বছরের শিশুও। আঘাত পড়ল শিশুর গায়েও। হালিশহরের বারেন্দ্রপল্লীর এই ঘটনায়, হামলার অভিযোগ তৃণমূলের বিরুদ্ধে। এখনও পর্যন্ত গ্রেফতার দু'জন।

দু-এক জায়গায় বিক্ষিপ্ত গোলমাল ছাড়া মোটের ওপর শান্তিপূর্ণই রইল পঞ্চম দফার ভোটদু-এক জায়গায় বিক্ষিপ্ত গোলমাল ছাড়া মোটের ওপর শান্তিপূর্ণই রইল পঞ্চম দফার ভোট

দু-এক জায়গায় বিক্ষিপ্ত গোলমাল ছাড়া মোটের ওপর শান্তিপূর্ণই রইল পঞ্চম দফার ভোট। উত্তর ২৪ পরগনা ও হাওড়ায় শান্তিতে ভোট করানো ছিল কমিশনের কাছে চ্যালেঞ্জ। দিনের শেষে ফার্স্ট ডিভিশনে পাশ নির্বাচন কমিশন। তবে, তারমধ্যেও আক্রান্ত হলেন উত্তর ২৪ পরগনার দুই সিপিএম প্রার্থী। পঞ্চম দফায় ৪৯ আসনে ভোট হল মোটের ওপর শান্তিতে। তবে, এড়ানো গেল না বিক্ষিপ্ত অশান্তি।

বাবার অনুপস্তিতিতে ময়দান সামলালেন ছেলেবাবার অনুপস্তিতিতে ময়দান সামলালেন ছেলে

সারদা কেলেঙ্কারিতে অভিযুক্ত বাবা। নভেম্বর ২০১৫ থেকে জেলই ঠিকানা মদন মিত্রের। মাঝে একদিনের জন্য জামিনে মুক্ত হলেও ফের তাঁকে ফিরতে হয় জেলে। তবে জেলে থাকলেও তাঁর প্রার্থী হওয়া আটকায়নি। ২০১৬ বিধানসভা নির্বাচনেও কামারহাটিতে মদন মিত্রের উপর আস্থা রাখেন নেত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়। কিন্তু গোদের উপর বিষফোঁড়ার মত ভোটের আগে উদয় হয় নারদ পর্ব। সারদা কাণ্ডের পর এবার ঘুষকাণ্ডে নাম জড়ায় প্রাক্তন মন্ত্রীর।

ময়ূরেশ্বরের পর আড়িয়াদহ, বিতর্ক পিছু ছাড়ছে না লকেটেরময়ূরেশ্বরের পর আড়িয়াদহ, বিতর্ক পিছু ছাড়ছে না লকেটের

ফের বিতর্কে জড়ালেন লকেট চ্যাটার্জি। আগেরবার প্রার্থী হিসেবে। আর এবার ভোটার হিসেবে।

বোরখার আড়ালে ওরা কারা?বোরখার আড়ালে ওরা কারা?

মাথার ওপর গনগনে রোদ। ভর দুপুরে বুথে ঢুকলেন তিন মহিলা। পরনে বোরখা। হাতে ভোটার স্লিপ। এত পর্যন্ত ঠিকই ছিল। কিন্তু, তা



--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments:

Post a Comment