Tuesday, November 26, 2013

राजनीतिक सिपाहसालारों,कृपया बामसेफ और बामसेफ कार्यकर्ताओं को बख्श दें! अब राजनीति करने वालों से निवेदन है कि इतने बरसों में दिनरात मिशन में लगकर जो भी आपने कमाया है,वह आपको ही मुबारक।कृपया आंदोलन की बात न करें।क्योंकि आंदोलन और राजनीति एक साथ हो नहीं सकते।भारत के संसदीय वामपंथी पहले यह साबित कर ही चुके हैं।

राजनीतिक सिपाहसालारों,कृपया  बामसेफ और बामसेफ कार्यकर्ताओं को बख्श दें!


अब राजनीति करने वालों से निवेदन है कि इतने बरसों में दिनरात मिशन में लगकर जो भी आपने कमाया है,वह आपको ही मुबारक।कृपया आंदोलन की बात न करें।क्योंकि आंदोलन और राजनीति एक साथ हो नहीं सकते।भारत के संसदीय वामपंथी पहले यह साबित कर ही चुके हैं।


पलाश विश्वास


बामसेफ मौजूदा संदर्भ में भारत के विरुद्ध जारी अबाध पूंजी, कालाधन, कारपोरेटजायनवादी धर्मोन्मादी नस्लवादी वर्णवर्चस्वी सत्यानाशी दसों दिसाओं के हो रहे बायोमेट्रिक डिजिटल मिसाईली एफडीआई विनिवेश मुक्त बाजारी हमलों के विरुद्ध निनानब्वे फीसद जनता को गोलबंद करने का सबसे बड़ा माध्यम है।हम बाबा साहेब अंबेडकर,कांसीरामजी,बहन मायावती से लेकर बहुजन समाज के सभी नेताओं कार्यकर्ताओं और यहां तक कि माननीय खापर्डे साहेब के बाद बामसेफ धड़ों के तमाम नेताओं वामन मेश्राम,झल्लीजी,बीडी बोरकर और ताराराम मेहना की सकार्तमक भूमिकाओं का शुक्रगुजार है।


समय इतना संवेदनशील है,खतरे इतने संगीन है कि देश,संविधान,लोकतंत्र,कानून का राज,न्यायप्रणाली अभिव्यक्ति के सारे माध्यम,नागरिकता,आजीविका, प्रकृति,पर्यावरण, नागरिक और मानव अधिकार खत्म होते जा रहे हैं एक के बाद एक।


अथक संघर्ष से बाबासाहेब डा. अंबेडकर ने जो कुछ हासिल किया,मान्यवर कांसीराम जी ने सामाजिक बदलाव की जो जमीन तैयार की है,उन्हें हम आपसी विवादों में खत्म कर रहे हैं। सवाल यह है कि मुद्दों पर दुनियाभर के दोस्त दुश्मन एक साथ बैठकर लोकतांत्रिक ढंग से विचार विमर्स कर सकते हैं,लेकिन जब हमारी तरफ से कोई किसी मुद्दे को उटाता है तो विमर्श के बदले गालियों की फूलझड़ियां बरसने लगती हैं।


हम  लोग बामसेफ के एकीकरण का प्रयास इसलिए कर रहे हैं कि भारतीयजनता कि गोलबंदी हो,लेकिन जो रोजाना देश विदेश से लाखों करोड़ों का बेहिसाब धन वसूल करके निजी चल अचल संपत्ति बनाकर तरह तरह के वित्तीय अपराधों के संज्ञेयअपराधी हैं,वे लोग ही अनर्गल दुष्परचार करके बहस और विमर्श का माहौल बनने से रोक रहे हैं।मुद्दों को भटका रहे हैं।


बीएसपी या बीएमपी लोग बना ही सकते हैं।हमें तकलीफ नहीं है।बाबासाहेब की बनायी रिपब्लिकन पार्टी आज हजार धड़ों में बंटी है।बहुजनों के नेतृत्व में समाज वादी पार्टी,द्रमुक अन्नाद्रमुक, लोक जनशक्ति पार्टी और राष्ट्रीयजनता दल के अलावा शरद यादव और नीतीश कुमार की अगुवाई वाली पार्टी और तमाम दूसरे दल हैं।


लेकिन सच यह है कि बामसेफ की कोख से बहुजन समाज पार्टी का जन्म हुआ था।यह भी सच है कि तब मान्यवर कांशीराम जी ने पार्टी बनते ही बामसेफ को समाप्त करने का फैसला किया था और असहमत लोगों ने बामसेफ को जारी रखने का फैसला किया था। जिन लोगों ने बामसेफ को जारी रखने का फैसला किया,देस भर के बहुजन समाज के आम लोग और सक्रिय कार्यकर्ता उनके साथ थे।लेकिन यह भी सच है कि वोट डालते वक्त इनमें सा भारी स्ख्या में लोग बसपा को ही वोट डालते थे।


जिन्होंने अब बहुजन मुक्ति पार्टी बनायी,वे भी बामसेफ के लोग हैं।उनका बामसेप चल रहा है।लेकिन पूना करार को सबसे बड़ा विश्वासघात कहने वाले वे लोग अब पूना करार के दायरे में चले आये हैं और उन्हें अब कानूनी तौर पर कारपोरेट चंदे का लाभ भी होगा।


अब सवाल यह है कि बहुजन समाज के लोग,खासकर बामसेफ के लोग अपना वोट किसको देंगे।वोटों का बंटवारा तो हो गया है।इससे निश्चय ही मनुवादी पार्टियों का बहुजन वोटों के बंटवारा का एजंडा पूरा होता है।


हम जो लोग पूना करार को अब भी भारतीय लोकतंत्र का सबसे बड़ा विश्वासघात मानते हैं,हमें कोई तकलीफ नहीं है कौन किसे वोट दे रहा है।


लेकिन सवाल यह है कि पूना करार का सवाल उठाकर जिन लोगों ने मान्यवर कांशीराम जी का साथ छोड़ा, वे लोग उनकी ही बनायी पार्टी बहुजनसमाज पार्टी के खिलाफ मोर्चा जमाकर मैदान में हैं और फिर कांशीराम जी का नाम लेकर ही बामसेफ का दखल छोड़ नहीं रहे हैं।


बहुजनसमाज पार्टी राजनीति करती है लेकिन अभीतक बामसेफ के कामकाज में या बामसेफ के कार्यकर्ताओं की गतिविधियों पर अड़ंगा उन्होंने नहीं डाला है।वे विशुद्ध राजनीति कर रहे हैं।


इस लिहाज में उल्लेखनीय है कि मायावती भी पुरातन बहुजनी भाषा के दायरे से बाहर निकल आयी हैं और जनता को सर्वजनहिताय के तहत संबोधित कर रहीं हैं,जो मूल क्रांतिकारी गौतम बुद्ध के मतानुसार ही है।


अब अगर बामसेफ के पुरातन नेता और कार्यकर्ता भी यह समझते हैं कि जनांदोलन की जरुरत नहीं हैं और अब तक राष्ट्रव्यापी जनांदोलन के मार्फत बहुजन मूलनिवासियों को आजादी दिलाने की जो बात कर रहे थे, वह अतीत है।जितने संसाधन जोड़े जा चुके हैं,वे पर्याप्त हैं और उससे बहुजन मूलनिवासी इस देश की सत्ता पर कब्जा कर सकते हैं,तो हमें कोई तकलीफ न करें।लेकिन वे एक साथ राजनीति और जनांदोलन की बात न करें।


जिन्हें राजनीति करनी हैं,वे बशौक राजनीति करें।लेकिन बामसेफ के कंधे पर वेताल की तरह लटकना कृपया छोड़ दें। जिन्हें जनांदोलन चलाना है,उन्हींको अराजनीतिक बामसेफ को चलाने दें।आप राजनीति करेंगे कारपोरेट और अराजनीतिक बामसेफ का कब्जा भी न छोड़ेंगे,बामसेफ की चल अचल संपत्ति पर कुंडली मारकर बैठे समर्पित ईमानदार कार्यकर्ताओं के खिलाफ फन काढ़ेंगे और विचारधारा व मिशन के नाम विष वमन करेंगे,ऐसा लंबे समय तक नहीं चल सकता।


बामसेफ अराजनीतिक है तो बुनियादी तौर पर राजनीति करने वालों की इसमें जगह है ही नहीं है।उलटे हो यह रहा है कि राजनीति करने वाले लोग अराजनीतिक जनांदोलन करने वालों को धकिया कर निकालने से काम नहीं चल रहा है तो हर तरह की तिड़कम भिड़ा रहे हैं कि कैसे तमाम कार्यकर्ताओं का क्रिया कर्म कर दिया जाये।


बामसेफ की प्रासंगिकता पर गंभीर बहस चलनी चाहिए।जिस स्वरुप में यह आंदोलन जारी है,उस स्वरुप में बामसेफ आंदोलन चल नहीं सकता। बामसेफ को भारतीय जन गण की गोलबंदी का माध्यम बनाकर ही इसे जारी रखने की प्रासिंगता है।


अगर बहुसंख्य भारतीयों को किसी तरह का रक्षाकवच देने में बामसेफ आंदोलन समर्थ नहीं है,तो उसके जारी रहने का औचित्य भी नहीं है।


इसलिए जो अब भी बामसेफ आंदोलन में हैं,उन्हें पूरा हक है कि बामसेफ की मोजूदा और भावी भूमिकाओं पर वे गहन विचार मंथन करें और लोकतांत्रिक तरीके से तय करें कि बामसेफ चलाना है या नहीं चलाना है,चलाना है तो कैसे चलाना है।


बामसेफ को जारी रखना है तो संगठन को सीधे जनता के प्रति जवाबदेह बनायें।इसे संस्थागत लोकतांत्रिक ढांचे के तहत चलायें।


इसमें उन लोगों को तो बोलने या हस्तक्षेप करने का कोई हक ही नहीं बनता जो सीधे कारपोरेट राजनीति में कूद चुके हैं।


कृपया वे बामसेफ और बामसेफ कार्यकर्ताओं को बख्श दें।राजनीति में बहुजन जनता ही तय करेगी कि वे किसको वोट दें।हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करने जा रहे हैं।


अब राजनीति करने वालों से निवेदन है कि इतने बरसों में दिनरात मिशन में लगकर जो भी आपने कमाया है,वह भी आपको मुबारक।कृपया आंदोलन की बात न करें।क्योंकि आंदोलन और राजनीति एक साथ हो नहीं सकते।भारत के संसदीय वामपंथी पहले यह साबित कर ही चुके हैं।




barve siddarth (बर्वे एस के)


Nov 25 (1 day ago)


*

to me, abhirammallick., chaman, Sanjay, manoj, rr_sanjiv, sarnathgaikwad., giansheel, JYOTI





Dada, thanks a lot for your write-up which has made our stand w.r.t. Unification and Institutionalized functioning of the organisation absolutely clear.

We have been used left and right by self-centered people, emotionally blackmailed in the name of the sacrifice done by our fore fathers. As we were not aware we directly and indirectly supported wrong people but becoming aware if we continue to do so, than we are more responsible than when the unscrupulous elements in the society and shall be directly held responsible for the state of affairs of Ambedkarite movement in this country. Our clear and only aim is unification of the strength of  different factions of honest, missionary and people with the dream of freedom in their eyes without any sort of personnel gains. We are not here to burden ourselves to  make National Conventions successful for the benefit of individuals rather than society as a whole. But we should be thankful to every happening that is taking place, since it is making you more and more aware of the mindset of people we are working with and the same is sending signals that  know enough is enough,  now we mean business and not intellectual time-pass.

Dada, we thank you so much so your whole hearted support and the efforts you have been taking in this direction. If we have few people with a true missionary and ready for a sacrifice, we are sure enough and that the battle will be fought on the enemies ground and we shall  win it.

With Regards

LT  COL  SIDDARTH BARVE



Palash Biswas

Yesterday at 3:14pm ·

  • मेश्रामजी के बामसेफ,बोरकर साहेब के बामसेफ या झल्ली साहेब के बामसेफ या ताराराम साहेब के बामसेफ के अलावा रिपब्लिकन पार्टी के विभिन्न धड़ों और बहुजन समाजपार्टी से लेकर तमाम दूसरे संगठनों और पार्टियों में जो बहुजनसमाज के कार्यकर्ता सक्रिय हैं,उनसे हमारा कोई विवाद नहीं हैं।उनका हमारे साथ आने का हमेशा स्वागत किया जायेगा।
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    • Yesterday at 3:19pm via mobile · Like

    • Vilas Kharat पलाश बिस्वास यह व्यक्ति से सावधान ,यह दलाल किस्म का व्यक्ति है . वह बी डी.बोरकर के इशारे पर बॉम्बे का बामसेफ यूनिट तोड़ने में शामिल थे .उसका लड़का और वह कुछ साल पहले दलाली के लिए महाराष्ट्र आये थे ,उसके लड़के ने बहुत सारी हरकते कि ,यह लड़का क्रिमिनल प्रवृत...See More

    • Yesterday at 3:46pm · Like · 2

    • Dinesh Kumar Palash Biswas sir i heard about u from many people. Whenever u r in Delhi we want to intract with u.. In JNU. We appreciate ur attempt.

    • 21 hours ago via mobile · Like

    • Shashikant Mahalinge · 58 mutual friends

    • Mr. palashji, aap ne sab ko sath aane ko nimantran to dia , par pahle kya aap ne tai kiya ki jana kahan hai? Ek baat muze kahni hai _ koi bhi kisi ke sath nahi aata jinka ek laksh hota hai vo sath ho lete hai . Jab laksh badal jata hai to sab chod jate hai . Aaj aap ka laksh hai ye ghoshit karo .

    • about an hour ago via mobile · Like


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Palash Biswas

Yesterday at 3:14pm ·

  • हम किसीके साथ शामिल नहीं हो रहे हैं और न हमसे जुड़े तमाम संगठनों का किसी गुट या धड़े में विलय हो रहा है।
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    • Vilas Kharat पलाश बिस्वास यह व्यक्ति से सावधान ,यह दलाल किस्म का व्यक्ति है . वह बी डी.बोरकर के इशारे पर बॉम्बे का बामसेफ यूनिट तोड़ने में शामिल थे .उसका लड़का और वह कुछ साल पहले दलाली के लिए महाराष्ट्र आये थे ,उसके लड़के ने बहुत सारी हरकते कि ,यह लड़का क्रिमिनल प्रवृत...See More

    • Yesterday at 3:46pm · Like

    • Shashikant Mahalinge · 58 mutual friends

    • Barve ki biwi ki jati koun si hai ? Kya vah brhmn hai?

    • 2 hours ago via mobile · Like


Palash Biswas

Yesterday at 3:15pm ·

  • बेहतर होता कि पटना सम्मेलन के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता एकीकृत बामसेफ के कार्यकारी अध्यक्ष एनबी गायकवाड़ ही करते।ऐसा नहीं हो पाया कम से कम हैंडवबिल में। लेकिन यह भी ध्यान देने वाली बात है कि इस सम्मेलन का आयोजन ताराराम मेहना और सुवचन राम जी के तत्वावधान में हो रहा है और यह एकीकरण की प्रक्रिया के तहत ही है।
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    • Vilas Kharat पलाश बिस्वास यह व्यक्ति से सावधान ,यह दलाल किस्म का व्यक्ति है . वह बी डी.बोरकर के इशारे पर बॉम्बे का बामसेफ यूनिट तोड़ने में शामिल थे .उसका लड़का और वह कुछ साल पहले दलाली के लिए महाराष्ट्र आये थे ,उसके लड़के ने बहुत सारी हरकते कि ,यह लड़का क्रिमिनल प्रवृत...See More

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    • Surendra Grover इस विलास खारट की खाट खड़ी कर दी थी क्या..?

    • 3 hours ago · Like


Ashok Dusadh

15 hours ago · Edited ·

  • मित्र एचएल दुसाध का यह पोस्ट मेरी टामिमलाइन पर टैगहै,जिसे अशोक दुसाध ने पोस्ट किया हैः सर जी हम मान्यवर कांशीराम के उस मान्यता के साथ है कि ''अब बहुजन समाज को बामसेफ यानि बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एम्प्लॉय फेडरेशन कि कोई जरूरत नहीं .''अब बहुजन समाज को लेखक ,पत्रकार ,रंगकर्मी ,नाटककर्मी ,गीतकार ,संगीतकार ...... कि जरूरत है एक सम्पूर्ण सामाजिक और सांस्कृतिक क्रांतिकारी परिवर्तन के लिए .बामसेफ चाहे जितने भी गुट हो सब महत्वाकांक्षी धूर्त कर्मचारियों के राजनीतिक महत्वकांक्षा के शिकार होते रहेगा .बामसेफ एक एकोशकीय जीव अमीबा जैसा है जिसकी अपनी आवश्यकता अनुसार विभाजन तो होते रहेगा लेकिन बहुजन समाज के लिए कोई बहुउद्देशीय परियोजना नहीं तैयार कर पायेगा .इतिहास इसका गवाह है .बामसेफ अपने लिए न अपना कर्तव्य निर्धारित कर पायेगा न उसे कार्यवान्वित करने कि कोई ठोस रूप रेखा ही बना पायेगा ,क्योंकि यह किसी के प्रति जबाबदेह नहीं है न समाज ,न वोटर ,न राजनीति . इसलिए बामसेफ विखंडित रहे या एकीकृत हो जाए उससे बहुजन आंदोलन पर कोई इम्पैक्ट नहीं पड़नेवाला है .यह मेरा मानना है . — with Dilip C Mandal and 5 others.
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    • H L Dusadh Dusadh, Kamal Babu, Deepak Rajan and 28 others like this.

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    • Gautam Rs सहमत

    • 15 hours ago · Like · 1

    • Sandeep Verma सहमत .

    • 15 hours ago · Like · 1

    • Robin Singh puri tarah sehmat nhi hu

    • 14 hours ago · Like

    • Ashok Dusadh पोस्ट से असहमति स्वीकार है मगर असहमति के बिंदु हमे भी स्पष्ट होने चाहिए .

    • 14 hours ago · Like

    • प्रचंड नाग डॉ आंबेडकर का महान विचार और कथन "पे बैक टू द सोसायटी" हमेशा जिंदा , कारगर और प्रेरणादायी रहेगा इसीलिये बामसेफ की जरूरत हमेशा बनी रहेगी ।

    • 14 hours ago · Like · 5

    • प्रचंड नाग बामसेफ की कमायी पर पलकर महत्वाकांक्षी और धूर्त कर्मचारी , बीएसपी के माध्यम से और "बहुजन हिताय -बहुजन सुखाय" मिशन की कब्र खोदकर ब्राह्मणों से अधिक साँठ-गांठ कर मालामाल हो चुके हैं इसीलिये उन्हें भविष्य में चुनौती दे सकने वाली उनकी अम्मा बामसेफ नागवार तो गुज़रेगी ही और उसे नष्ट करने का प्रयास भी करेंगे । क्योंकि मूलनिवासी बहुजन महापुरुषों की विचारधारा और मिशन से समझौता करने वाले दलालों का नंगा नाच और तमाशा वह चुपचाप नहीं देख सकती , हस्तक्षेप जरूर करेगी । कर भी चुकी है । करना भी चाहिये ।

    • 14 hours ago · Like · 3

    • प्रचंड नाग Ashok Dusadh जी + आपके दोगलापन का भी कोई जवाब नहीं ! कभी आप कहते हैं कि बामसेफ कांशीराम ने नष्ट नहीं की और अब भी मायावती उसे चला रही हैं और कभी कहते हैं कि नष्ट करने के पक्ष में थे ।

    • 13 hours ago · Like · 1

    • Nirwan Bodhi प्रचंड नागजी - ये आपका मनुवादी भ्रम है की, "बामसेफ की कमायी पर पलकर महत्वाकांक्षी और धूर्त कर्मचारी , बीएसपी के माध्यम से और "बहुजन हिताय -बहुजन सुखाय" मिशन की कब्र खोदकर ब्राह्मणों से अधिक साँठ-गांठ कर मालामाल हो चुके हैं" कृपया अपना भ्रम दूर करे..

    • 13 hours ago · Like · 1

    • प्रचंड नाग बहुजन के दम पर पलने वाले सर्वजन बने दलित-हरिजन कह रहे हैं कि बहुजन की जरूरत नहीं ! वाह ! क्या बात है !

    • 13 hours ago · Like

    • Rbk Bauddh In my view SSP should come in its original form of BSP & should start working for Bahujans instead of SarvaJan.

    • 13 hours ago · Edited · Like · 2

    • Nirwan Bodhi प्रचंड नागजी - आप बहुजन और सर्वजन में कौनसा भेद करते हो.. कृपया बताये..

    • 13 hours ago · Like

    • प्रचंड नाग Nirwan Bodhi जी + आप कोर्ट और कांग्रेस का भ्रम दूर कर दें । कौन से बिजीनेस में पोस्ट ऑफिस के कर्मचारी के कंगाल बच्चे 10 साल में अरबपति बनते हैं वह भी बता दें ।

    • 13 hours ago · Like

    • Nirwan Bodhi प्रचंड नागजी - मान्यवर कांशीरामजी नें बामसेफ की संगठना दीर्घकालीन तौर पर नहीं की थी.. या किसी म्यूजियम में सजाने के लिये बामसेफ की स्थापबना नहीं की थी..

    • 13 hours ago · Like · 1

    • Nirwan Bodhi प्रचंड नागजी- आप ने मेरी उपरोक्त प्रतिक्रिया का समाधानकारक जवाब नहीं दिया.. टोलमटोल प्रतिक्रिया दे रहे हो आप..

    • 13 hours ago · Like

    • Nirwan Bodhi प्रचंड नागजी - मूल विषय बामसेफ को लेकर है.. तो कृपया उसी विषय पर बहस करे.. आप लोगों को मूल बामसेफ से कोई संबंध नहीं रहा है..

    • 13 hours ago · Like · 1

    • प्रचंड नाग Nirwan Bodhi जी + बामसेफ किसी एक आदमी की बपौती कभी नहीं थी ।

    • 13 hours ago · Like

    • Nirwan Bodhi प्रचंड नागजी - किसने कहा आपसे बामसेफ किसी एक आदमी की बपौती हो सकती है.. बामसेफ की स्थापना टाईम बाऊन्ड एक्शन प्लॉन्ड के तहत किया गया था.

    • 13 hours ago · Like · 1

    • प्रचंड नाग मूल बामसेफ वह है जो आकाश-पाताल और पृथ्वी पर दिखती है । यह वह अदृश्य चीज नहीं है जिसे आकाश ने खा गया हो और पाताल ने निगल लिया हो ।

    • 13 hours ago · Like

    • Nirwan Bodhi प्रचंड नागजी - आप बामसेफ इस महान संगठन के प्रति ढूलमूल रवैया अपना रहे हो.. और प्रतिक्रिया भी वैचारिक आधार पर नहीं दे रहे हो.. केवल कहावतों का हमला कर रहे हो.. जिससे हम अन्य साथियों का बामसेफ के प्रति प्रबोधन नहीं कर सकते..

    • 13 hours ago · Like · 1

    • प्रचंड नाग Nirwan Bodhi जी + बीएसपी का टाइम बौउंड कब खत्म हो रहा है ?

    • 13 hours ago · Like

    • Nirwan Bodhi प्रचंड नागजी - बीएसपी को लेकर मान्यवर कांशीरामजी ने कोई टाईम बाऊन्ड एक्शन प्लान्ड नहीं बनाया था.. क्योंकी बहुजन समाज पार्टी की स्थापाना राजकीय क्षेत्र के लिये हुई थी..

    • 13 hours ago · Like · 1

    • प्रचंड नाग पूना पेक्ट के बदमाशों का कभी प्रबोधन नहीं किया जा सकता ।

    • 13 hours ago · Like

    • Ashok Dusadh प्रचंड नाग पहले यह बताओ हमने बामसेफ के रहने या नहीं रहने पर सवाल उठाया ,इसमें मायवती कहाँ से आ गयी ? दूसरी बात बामसेफ इतना महत्वपूर्ण था तो वामन बेशरम ने बहुजन मुक्ति पार्टी क्यों बनायी ? कांशीराम साहब कभी बामसेफ को लीगल रूप नहीं दिया उन्हें इसकी आवश्यकता ही नहीं महसूस हुई ,बहुजन समाज पार्टी के साथ आज भी बामसेफ है लेकिन वह केवल कर्मचारियों का संगठन नहीं है . फटाफट बामसेफ को रजिस्टर करवाकर फिर आंदोलन का मुगालता पालना और फिर राजनीतिक पार्टी बनाकर उसका भरपूर फायदा उठाना कहाँ का क्रांतिकारिता है .बीएसपी वाला बामसेफ अब धन उगाही नहीं करता बल्कि अपना बौद्धिक योगदान बहुजन समाज निर्माण में देता है बिना शोर -शराबा किये बिना किसी को गलियाए .

    • 13 hours ago · Like · 2

    • प्रचंड नाग अशोक दोगले ने दोगलेपन की बात क्यों की ? पहले ये बताओ !

    • 13 hours ago · Like

    • Nirwan Bodhi प्रचंड नागजी - मान्यवर कांशीरामजीने दिल्ली में हुए २० नवंबर १९८० से लेकर २४ नवंबर १९८० तक इस पाच दिवसीय बामसेफ के दुसरे अधिवेशन में और १४ अक्तूबर १९८१ को चंदीगड के परेड ग्राऊंड पर तिसरे अधिवेशन में बामसेफ के टाईम बाऊन्ड एक्शन प्लान्ड के बारे में बताया था..

    • 13 hours ago · Like · 3

    • Nirwan Bodhi प्रचंड नागजी - क्या आप टाईम बाऊन्ड एक्शन प्लॉन्ड के बारे में जानते हो..

    • 13 hours ago · Like · 1

    • Nirwan Bodhi प्रचंड नागजी - वामन मेश्रामजीने बामसेफ के उद्देश्य को और प्लान को पुरी तरह से ध्वस्त कर दिया.. आज की बामसेफ यह कर्मचारियों का घर और परिवार चलाने वाली और शादीया करानेवाली बामसेफ बन गयी है..

    • 13 hours ago · Edited · Like · 2

    • प्रचंड नाग और निजी अकाउंट के करोड़ों और अरबों में बीएसपी खेल रही है ।

    • 13 hours ago · Edited · Like · 1

    • प्रचंड नाग जिनकी सामाजिक जड़ें मजबूत नहीं होती उनकी राजनीति सफल नहीं होती । सर्वजन समाज पार्टी का आज यही हाल है । सामाजिक क्रांति की जरूरत कभी खत्म नहीं होती । उसका कोई टाइम बाउंड नहीं होता ।

    • 13 hours ago · Like · 2

    • Ashok Dusadh प्रचंड तू तो कुते कि माफिक हो गया वह भी वामन बेशरम का ! ---केवल भोकना ही आता है या कुछ और ? दोगलापन का मतलब भी जानता है जब मान्यवर ने बामसेफ का लीगल गठन ही नहीं किया तो उसे जारी रखना और ख़त्म होने का सवाल कहाँ होता है ? जो लोग कांशीराम साहब के मिशन के साथ थे ये कल भी थे आज भी है वो कांग्रेस का दलाली कर बहुजन समाज पार्टी को ख़त्म करने का परियोजना नहीं तैयार करते .

    • 13 hours ago · Like · 3

    • Nirwan Bodhi प्रचंड नागजी - जानते हो आप. मान्यवर कांशीरामजी ने बामसेफ के पहले और एक कर्मचारियों का ऑरगनाईजेशन बनाया था..

    • 13 hours ago · Like · 2

    • प्रचंड नाग Ashok तू सुवर की माफिक हो गया है वह भी ब्राह्मणों के दलालों का ! बेटे ! पूना पेक्ट अभी खत्म नहीं हुआ है वह तेरे जैसे और भुखमरों की भूख का कांग्रेस से सौदा कर दलाल और भड़वे अब भी उगल रहा है ।

    • 13 hours ago · Like

    • Nirwan Bodhi प्रचंड नागजी - आपके साथ यही एक प्रॉब्लेम है बहस करने में.. आप कभी भी मुद्दो और तर्क के आधार पर बहस नहींक रते.. विषय काटकर विषय का विषय़ांतर करके फिजुल विवाद को जन्म देते हो..

    • 13 hours ago · Like · 1

    • Nirwan Bodhi अब तो मैं चलता हू..

    • 13 hours ago · Like

    • Nirwan Bodhi प्रचंड नागजी - ये मेरा लिखा हुआ गंभीर रुप से पढीये और वर्तमान बामसेफ के भ्रमजाल से बाहर आईये..

    • मान्यवर कांशीरामजी द्वारा बामसेफ की स्थापना के पीछे का कारण यह था की, देशभरके २७ लाख कर्मचारियों के पहले से ही स्थापित बारह हजार संगठनाओं को अलग करके, इन्ही सरकारी कर्मचारियों के माध्यमसे एखादा समर्पित (committed) और शिस्तबद्ध संगठन होना चाहिए, ऐसा संगठन जो अपने लिए कुछ मांगेगा नही, लेकिन ऐसे समर्पित और शिस्तबद्ध कर्मचारियोंको एक समयबद्ध कृती कार्यक्रम (Time Bond Actionplan) देकर उनकेद्वारा बहुजन समाज को, ज्योतिबा फुले, शाहूजी महाराज और डॉ. आंबेडकर की विचारधारा पर जागृत करके उनमें सामाजिक व राजकीय चैतना पैदा करके, शासन और प्रशासन बहुजन समाज के हात में देकर उनको खुद के बल पर शासनकर्ती जमात बनाके समता, स्वातंत्र्य, बंधुत्व व न्याय के आधारपर देशमें सामाजिक, सांस्कृतिक और राजकीय परिवर्तन निर्माण करके समता मूलक समाज की स्थापना करके, बाबासाहब का अंतिम मिशन "एनहालिएशन ऑफ कास्ट" जातिप्रथा का विनाश. पुरा कर सके.. इस उद्देश को लेकर मान्यवर कांशीरामजीने अपनी पहली संगठना वेलफेअर असोसिएशन को बरखास्त करके, ६ दिसंबर १९७३ को दिल्ली के पंचकुबॉ हालमें शैकडो सदस्यों को उपस्थितीमें "बामसेफ" की संकल्पना तैयार की. बामसेफ यह टाईम बाऊन्ड एक्शनप्लैन था.. इसी प्लैन के तहत मान्यवर कांशीरामजी इस देश के दलित-शोषित, वंचित-पिडित, पिछडो-आदिवासीयोंको हुक्मरान बनाना चाहते थे.. लेकिन जब मान्यवर कांशीरामजीने सन १४ अप्रैल १९८४ को ये लक्ष्य आप लोगों के सामने रखा.. तो आप लोगों यह लक्ष्य बहोत असंभव नजर आया.. और डी.के.जी और उनके टीम ने कहा था की, हम १९९० को राजनितिक पार्टी का निर्माण करेंगे.. लेकिन मान्यवर कांशीरामजीने कहा था की, अब मैं जादा दिन इंतजार नहीं कर सकता.. मुझे बहुजनों को इस देश का हुक्मरान बनाना है.. मान्यवर कांशीरामजीने डी.के. और उनके सहयोगीयोंकी बात नहीं मानी.. और खुद अकेले चल पड़े.. अगर ये लोग मान्यवर कांशीरामजी के साथ होते तो.. २१ वी शताब्दी की शुरुआत में ही बहुजन समाज इस देश का हुक्मरान समाज बना होता.. जयभीम.

    • 13 hours ago · Like · 3

    • Ashok Dusadh मतलब ह्म सूअर तुम कुता ,तय बात ,फिर पलटना नहीं .

    • 13 hours ago · Like

    • प्रचंड नाग Ashok Dusadh + सुन गधे ! तेरा ये कमेन्ट देख ! (बहुजन समाज पार्टी के साथ आज भी बामसेफ है लेकिन वह केवल कर्मचारियों का संगठन नहीं है .) बता बामसेफ अगर कर्मचारियों का संगठन नहीं है तो तेरे अनुसार वह किसके लिए बनाया गया था और उसके नाम के फूल फॉर्म को जो तूने लिखा है फिर से पढ़ क्यों लेता !

    • 13 hours ago · Edited · Like

    • Sudhir Kumar Jatav अशोक भाई ये प्रचंड नाग वास्तव में ही कुत्ते की तरह भौंकता है । दूसरा क्या कह रहा है उससे इसको कोई मतलब नहीं बस भौंकता रहता है । मैंने तो इसको ब्लॉक कर रखा है ।

    • 13 hours ago via mobile · Like · 1

    • Ashok Dusadh अबे चिलगोजे के गोंद सन्दर्भ काटकर तू बड़ा स्मार्ट थिंकर हो गया ?!

    • 13 hours ago · Like · 1

    • प्रचंड नाग अबे तो फूंकनी के ! तेरा पूरा कमेन्ट ही देख ले न ! उसका भी तिया पाँचा एक करता हूँ अभी । खुद कनफुजिये क्या सोचता है तू स्वयं जागृत है ! जो दोस्त दुश्मन को नहीं जानता व जागृत नहीं आज नहीं तो कल मृत हो जाता है । बीएसपी को ब्राह्मण आज नहीं तो कल निगल लेंगे । देखते राहियों !

    • 13 hours ago · Edited · Like · 2

    • Ashok Dusadh मुझे उम्मीद थी प्रचंड नाग जी आप सिरफिरे हो ,आपका अपना भेजा तेल बेचने चल गया है ,गनीमत है मैं किसी को ब्लाक नहीं करता क्योंकि आपके सिरफिरापन से मुझे सीखना भी है ,मुझे तो बस टेस्ट करना था कि तुम अंधभक्ति के कितने निचले स्तर पर जा सकते हो ,धन्यवाद बंधू तु...See More

    • 13 hours ago · Edited · Like · 4

    • प्रचंड नाग हालांकि मैंने सोचा नहीं था कि जो महान काम कर रहे हैं और जिनके सामने तुम्हारी औकात कुछ भी नहीं है उनके प्रति बदतमीज हो जावोगे । विरोध अपनी जगह है और बदतमीजी अपनी जगह इसीलिये तुम्हें तुम्हारी वास्तविक औकात दिखाने की मुझे जरूरत महसूस हुई । जब तगड़ी पड़ जाए ...See More

    • 13 hours ago · Like · 3

    • Ashok Dusadh और नमूना आप मत ही पेश करिये तो अच्छा है ,लोग आपकी नंगई को देख रहे है ..मगर क्या कीजियेगा यह वामन बेशरम कि ही असर है ..बेशर्मी . रही बात मेरा औकात दिखने कि तो वह आप अभी क्या कभी नहीं दिखा पाएंगे क्योंकि मैं कोई औकात रखता ही नहीं अपने पास वो आप जैसे लोग को न्योछावर कर दिया है ,वैसे आपकी अपनी औकात क्या है पाँव भर या किलो भर ?

    • 13 hours ago · Like · 1

    • Pradeep Naag सर्वजन वालो के साथ प्रॉब्लम ये है कि ब्रह्मणो ने इतना दिमाग ख़राब कर दिए हे कि कुछ समझ में आता ही नहीं बुड़बक हो गए है , बस लिखा लिखाया रटते रहते हे पोपट कही के

    • 13 hours ago · Like · 1

    • Nirwan Bodhi प्रदीप नाग - क्या आप नाग संस्कृति को भूल गये... नाग संस्कृती की मुख्य नीव समता मूलक समाज के आधार पर बनायी गई थी.. नागों का शासन यह विश्व का सबसे बड़ा शासन है.. और आप लोग वर्तमान में राजशासन से वंचित होकर ब्राम्हणो के शासन में गुलामी का जीवन व्यतित कर ...See More

    • 12 hours ago · Like · 3

    • Pradeep Naag भारत का इतिहास ओर कुछ नहीं, नाग और आर्यो का संघर्ष है डॉ बाबा साहेब आंबेडकर

    • 12 hours ago · Like · 3

    • Diksha Bhatia "RASHTRIY MULNIVASI SANGH" BAMCEF ko takkar dene aa raha hai....

    • WWW.RASHTRIYMULNIVASISANGH.WORDPRESS.COM

    • Rashtriy Mulnivasi Sangh

    • rashtriymulnivasisangh.wordpress.com

    • THE REAL NATIVE OF INDIA; FIGHT FOR YOUR RIGHTS AND PRIDE

    • 12 hours ago · Like · 2

    • Ashok Dusadh

    • 12 hours ago · Like

    • Pradeep Naag dedi takkar hehe

    • 12 hours ago · Like · 1

    • Babulal Manubhai Parmar koi na koi nam se bahujano ka aandolan chale ye hi shresth marg hai

    • 4 hours ago · Like

  • Yesterday at 3:49pm

  • Vilas Kharat commented on your status: "पलाश बिस्वास यह व्यक्ति से सावधान ,यह दलाल किस्म..."

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