Friday, September 20, 2013

दरख्तों के साये में जीने वाले साथियों धूप आगे और कड़ी होगी,जिगर को मजबूत बना लेना साथी।

अहा जिंदगी में वीरेनदा की ताजा कविताएं छपी हैं।

बहुत शुकुन मिला है।
 कोई अगर इन कविताओं को पोस्ट करें या अहा जिंदगी के संपादक इसे फेसबुक पर साझा करें तो आभार मानेंगे।

हम वारेनदा के चाहनेवालों के लिए उनके अस्पताल से लौटने के बद यह सबसे अच्छी खबर है। 

कृपया यह खबर जरूर शेयर करें।

बेहद अफसोस की खबर यह है कि जर्नलिस्ट डाट काम अब नेट से गायब हो गया है।

 परिजनों से बात करने की अब हिम्मत नहीं हो रही है।

हमारे परम मित्र जगमोहन फुटेला की किसी को कोई खबर हो तो साझा जरुर करें।

दरख्तों के साये में जीने वाले साथियों धूप आगे और कड़ी होगी,जिगर को मजबूत बना लेना साथी।

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